पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सारण सांसद ने सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद में दिया व्याख्यान
• 77वीं आरआर बैच के आईपीएस प्रोबेशनर्स को ‘पुलिस-राजनीतिज्ञ इंटरफेस’, ‘पारदर्शी शासन’ और ‘सामुदायिक पुलिसिंग’ विषयों पर संबोधन
• श्री रूडी ने साझा किया अपना प्रशासनिक व राजनीतिक अनुभव
• 16 विदेशी अधिकारी (भूटान, नेपाल, मालदीव से) भी शामिल
• अधिकारियों को बताया: आपका संवेदनशील और जवाबदेह व्यवहार ही जनता के मन में सरकार की छवि बनाता है
• राजनीति बनाम प्रशासन नहीं, बल्कि राजनीति और प्रशासन का समन्वय ही लोकतंत्र की सफलता की कुंजी
6 अप्रैल, 2025 । सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद में रविवार को 77वीं रेगुलर रिक्रूट (RR) बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) प्रोबेशनर्स को उनके बेसिक कोर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण व्याख्यान आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण सत्र में कुल 217 अधिकारी प्रशिक्षु शामिल थे, जिनमें भूटान, नेपाल और मालदीव के 16 विदेशी अधिकारी भी थे। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सारण सांसद श्री राजीव प्रताप रूडी ने ‘पुलिस-राजनीतिज्ञ इंटरफेस, पारदर्शी शासन और सामुदायिक पुलिसिंग’ जैसे विषयों पर अपने गहन विचार और अनुभव साझा किए।

श्री रूडी ने अपने संबोधन की शुरुआत यह कहते हुए की कि प्रशासन और राजनीति एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में राजनीतिक नेतृत्व और प्रशासन के बीच सहयोग की भावना ही सुशासन को संभव बनाती है। एक जनप्रतिनिधि की दृष्टि और एक अधिकारी की कार्यकुशलता मिलकर ही देश को आगे ले जा सकती है।”

उन्होंने कहा कि राज्य के स्तर पर शासन की असली पहचान जिलों में तैनात अधिकारियों से बनती है। जनता के लिए एसडीओ, एसपी और डीएम ही सरकार के प्रतिनिधि होते हैं, और उनकी संवेदनशीलता, पारदर्शिता एवं संवाद ही लोकतंत्र को मजबूत करता है।

“मैं जब सांसद के रूप में जनता से मिलता हूँ तो वे अक्सर अधिकारियों के कार्यशैली की बात करते हैं। इसीलिए मैं मानता हूँ कि एक युवा आईपीएस अधिकारी की संवेदनशीलता, उसकी भाषा, उसके निर्णय और जनता से उसका रिश्ता ही सरकार की साख तय करता है,” उन्होंने कहा श्री रूडी ने अधिकारियों को सोशल मीडिया के सकारात्मक उपयोग की सलाह देते हुए कहा कि, “आज सूचना के प्रवाह का युग है। अफवाह और विश्वास के बीच की दूरी को केवल पारदर्शिता और त्वरित संवाद ही पाट सकते हैं। आपके एक ट्वीट या बयान से सरकार की सोच झलकती है।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन में रहते हुए नीतियों का कठोर क्रियान्वयन आवश्यक है, लेकिन मानवीय दृष्टिकोण कभी नहीं छूटना चाहिए।
कार्यक्रम में देशभर से आए प्रोबेशनर अधिकारियों ने श्री रूडी से अनेक प्रश्न पूछे, जिनका उन्होंने अपने राजनीतिक एवं प्रशासनिक अनुभवों के आधार पर सहजता से उत्तर दिया। इस अवसर पर पुलिस अकादमी के वरिष्ठ अधिकारियों, संकाय सदस्यों एवं प्रशिक्षकों की उपस्थिति रही।