बजट 2025: अन्नदाता को आस… इस बार कुछ होगा खास

Rakesh Gupta
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*क्या इस बजट में पूरी होंगी किसानों की मांगें

(हरिप्रसाद शर्मा) जयपुर:राजस्थान की वित्त मंत्री दीया कुमारी बुधवार 19 फरवरी को भजनलाल सरकार का दूसरा बजट विधानसभा में पेश करेंगी। बजट को अंतिम रूप देने के लिए वित्त विभाग ने विभिन्न स्तरों पर बैठकें की हैं। इस बार के बजट से किसानों को कई उम्मीदें हैं।बताया जाता है कि कृषि ऋण माफी, सिंचाई सुविधाओं में सुधार और बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात है ।

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*किसान को देश का अन्नदाता कहा जाता
पश्चिमी राजस्थान के किसानों के लिए यह वर्ष किसी चुनौती से कम नहीं रहा है। जबकि नहरी किसानों के लिए एक ओर जहां नहरों में इस बार पानी की भारी कमी के चलते किसान उद्वेलित हैं तो वहीं बिजली की आंख मिचौली उसके अरमानों पर कोढ़ में खाज का काम कर रही है। किसानों आगामी विधानसभा में पेश होने वाले बजट को लेकर सरकार की ओर आस भरी नजरों से देख रहा है।

*किसानों को कर्ज माफी की आस
बजट से उम्मीद है कि सरकार किसानों के कर्ज माफी की घोषणा करे, ताकि पहले से घाटे में चल रही खेती के व्यवसाय में आर्थिक राहत मिले।उनका कहना है कि ट्यूबवेल बनवाने के लिए बैंक से लोन लिया था, लेकिन मूंगफली की अच्छे उत्पादन के बावजूद इस बार भाव नहीं मिलने से उसकी कमर टूट चुकी है। फसली ऋण में सरकार कुछ रियायत देकर सरकार किसानों को राहत दे।

किसानों को बिजली उम्मीद
किसानों को सरकार से आस है कि कृषि कार्यों के लिए मुफ्त या सस्ती बिजली के लिए सरकार को कुछ करना चाहिए भारी भरकम बिजली के बिल के चलते खेती महंगी होती जा रही है। बिजली बिल में सब्सिडी पर बिजली देने का इस बजट में कोई प्रावधान हो, ताकि किसानों की लागत में कुछ कमी आ सके।

*सिंचाई के पानी की चिंता
सिंचित क्षेत्र में सरकार को सिंचाई सुविधाओं का विस्तार के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। अक्तूब-नवंबर में गेहूं, चना, ईसबगोल की बिजाई की थी, लेकिन फरवरी आते ही नहरों के केचमेंट एरिया में पानी की कमी बताते हुए नहरी बंदी कर दी गई। अब मेरे सामने फसल बचाने का संकट खड़ा हो गया है। महंगे ब्याज पर मंडी व्यापारी से खाद-बीज लेकर फसल बुआई की थी, लेकिन नहरों में पानी की स्थिति से इस बार भारी घाटा तय है। उन्होंने राज्य के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में सिंचाई परियोजनाओं को बढ़ावा देने की इस बजट में सरकार से मांग की है।

*खाद-बीज की उपलब्धता हो बेहतर
सरकार द्वारा उद्यानिकी विभाग की खेत पौंड, खेत तलाई, डिग्गी बनाने में आ रही पेंडेंसी को लेकर कहा कि 2019 मे डिग्गी के लिए अप्लाई किया था लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है। किसानों को समय पर खाद-बीज की उपलब्धता को लेकर सरकार से कोई ठोस कदम उठाने की बात कहते हुए कहा कि किसानों को रबी और खरीफ फसलों के लिए उर्वरकों के लिए घंटों लाइनों में खड़ा रहना पड़ता है, जिसके चलते कृषि कार्य भी प्रभावित होते हैं।

*फसल बीमा को अधिक प्रभावी बनाया जाए
बजट में फसल बीमा और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर इस बजट में सरकार को कुछ प्रभावी कदम उठाने चाहिए। उन्होंने मांग की है कि फसल बीमा को अधिक प्रभावी बनाया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों का दायरा बढ़ाया जाए और किसानों के जिंसों की खरीदी की गारंटी दी जाए।

19 फरवरी का इंजार
सरकार किसानों की इन मांगों को बजट में कितनी जगह देगी, यह 19 फरवरी को साफ होगा। किसान वर्ग को इस बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। अब देखना होगा कि सरकार उनकी अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरती है।

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