बक्सर:कभी 10 रु के लागत से नलके मे टोटी लगा बर्बाद हो रहे पेयजल को रोकने शुरु की थी कवायद , अब नगर के मुख्य स्थान पर लगा है नाम का शिलापट्ट

Rakesh Gupta
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बक्सर जिले के डुमरांव प्रखंड के अरैला गांव के रहने वाले युवा छात्र एवं जलपुत्र के नाम से विख्यात अजय राय जो की विगत पांच वर्षो से जल संरक्षण अभियान चलाते आ रहे हैं , जिसके तहत वे अब तक सैकड़ो नलके में टोटी लगा बर्बाद हो रहे पेयजल को बचा चुके हैं। युवक अजय राय बताते हैं की एक समय की बात है जब वो किशनगंज आईटीआई की परीक्षा देने जा रहे थे इस दरम्यान उन्हे पानी को लेकर काफी समस्याएं झेलनी पड़ी थी जैसे मे  शौच व स्नान करने के लिए पानी खरीदना पड़ा था वही दुसरी ओर जब वे भोजपुर एक दुकान पर खरीदारी कर रहे थे उस उक्त उनको जोरो की प्यास लग गई और दुकानदार के पास पानी नही था तो वही पास का पड़ा चापाकल भी दुर्भाग्यपूर्ण खराब पड़ा था वही खरीदारी करने के बाद भोजपुर से डुमरांव लौटने के क्रम मे प्यास से गला सुख रहे अजय की नजर एक नलके की तरफ जा पड़ी जहां  नलके के अभाव मे काफी पेयजल की बर्बादी हो रही थी , फिर क्या था अजय ने यह ठान लिया की अब वो किसी भी कीमत पर पानी की बर्बादी नही होने देंगे छोटे स्तर पर ही सही परन्तु शहर मे बर्बाद हो रहे पेयजल  को रोकने के दिशा मे ठोस पहल करेंगे जिसके लिए उन्होंने ‘जल संरक्षण नामक अभियान की शुरुआत किया। इस अभियान के तहत नलके मे जहां भी नलके टोटी के आभाव मे टोटी पानी की बर्बादी को देखते थे वहां टोटी लगा पानी की बर्बादी को रोकते हैं। इसके साथ ही  गांव-शहर के विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी कोचिंग संस्थाओ मे घूम-घुम नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर  जल की बर्बादी न करने के लिए जागरूक करने के साथ ही स्वयं भी और दूसरे को जल की बर्बादी न करने के लिए शपथ भी दिलाते हैं।  बताते चले की अजय पानी की बर्बादी की सूचना पाते ही वे फौरन पानी के बर्बादी को रोकने के लिए निकल पड़ते हैं। यही नही अजय के इस अभियान के प्रति समर्पण का अंदाजा इसी लगा जा सकता है यदि देर-रात भी कोई उन्हे जल की बर्बादी  की जानकारी मिलती है तो वे अविलम्ब उसके रोकथाम के लिए निकल पड़ते हैं यही नही कभी-कभार तो वाहन के अभाव मे तपिश धुप हो या कड़ाके की ठंड मे चार-पांच किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर   की बर्बादी को रोकने के निकल पड़ते हैं। अजय के जल संरक्षण के इस मुहीम को लेकर उनकी कड़ी मेहनत व निष्ठा को देखते हुए लोगों ने उन्हे जलपुत्र के संज्ञा से नवाजा है। अजय के इस अभियान से प्रेरित लोगो का भी दिन-प्रतिदिन  सपोर्ट भी मिलने लगा और एक दिन लम्बा करवाँ बन गया  और यह अभियान मे एक आंदोलन के रूप मे तब्दील होता चला गया।

 

ज्ञात हो की  जिलाधिकारी के बैठक मे अजय ने वाटर हार्वेस्टिंग निर्माण की मांग भी किया था जिसके बाद डुमरांव नगर मे वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण भी हुआ। अजय के इस अभियान की चर्चा आम लोगों के साथ- साथ जिले के आलाधिकारियों ने भी अजय के इस अनुकरणीय अभियान की प्रशंसा करना शुरु कर दिया है। जिले के डीएम ने भी अजय को इस कार्य के लिए प्रशस्ती पत्र , मेडल व मोमेंटो देकर सम्मानित किया है। डुमरांव नगर के मुख्य पार्षदा भागमनी देवी ने बेहद की कम उम्र मे अजय के द्वारा किए |

 

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जल संरक्षण के क्षेत्र मे उत्कृष्ट कार्य के लिए नगर के मुख्य स्थान पर उनके नाम का शिलापट्ट लगवाया है जिससे की नगर के अन्य युवाओं का भी हौसला बढ़ा है। बताते चले की अभी हाल ही मे भारत सरकार के युवा मामले व खेल मंत्रालय द्वारा युथ आइकॉन अवार्ड – 2023 से सम्मानित किया गया। इसके पहले उन्हे इस कार्य के लिए अनेकों बार राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिल चुका है। लोगों की माने तो अजय बचपन से होनहार , मेधावी एवं अपने कर्तव्यो के प्रति जिम्मेदार थे। इस विषय पर युवक अजय राय का कहना है की देश के कई ऐसे हिस्से हैं जो जल संकट से जूझ रहे हैं ऐसे मे हमारे ऐसे स्थिति उतपन्न न हो समय रहते हुए हम सभी को जल की महत्वा को समझना होगा तथा व्यक्ति एवं समाजिक स्तर पर पेयजल की बर्बादी को रोकने की दिशा मे पहल करना पहल करना होगा। अजय गर्वमानित महसूस करते हुए बताते हैं की उन्होंने महज 10 रु के लागत से नलके मे टोटी लगा पानी बचाने के मुहीम की शुरुआत किया था लेकिन उन्होंने कभी भी यह नही सोचा था की एकदिन शहर मे उनके नाम का भी शिलापट्ट भी लग जाएगा। उन्होंने बताया की इस दौरान उन्हे अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ा लेकिन कभी हौसला नही हारा और अपने सीमित संसाधनों मे हमेशा बेहतर करने का प्रयास किया।

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