सारण: महिला-पुरुष किसी को भी हो सकता है कैंसर, जागरूकता से हीं बचाव संभव: डॉ अनिल

Rakesh Gupta
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महिला-पुरुष किसी को भी हो सकता है कैंसर, जागरूकता से हीं बचाव संभव: डॉ अनिल

विश्व कैंसर दिवस पर संजीवनी नर्सिंग होम में जागरूकता अभियान चलाया गया

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बिहार न्यूज़ लाईव सारण डेस्क:  छपरा। शहर के श्यामचक स्थित संजीवनी नर्सिंग होम एवं मेटरनिटी सेंटर में रिविवार को विश्व कैंसर दिवस पर जागरूकता अभियान चलाया गया। जागरूकता अभियान कार्यक्रम का शुभारंम संजीवनी नर्सिंग होम एवं मेटरनिटी सेंटर के संस्थापक व शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ अनिल कुमार, शैलेश यादव, माया देवी, सन्या कुमारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रवजलित कर किया। जागरूकता कार्यक्रम अभियान को सम्बोधित करते हुए डॉ अनिल कुमार ने बताया की दुनियाभर में हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि वैसे तो कैंसर महिला-पुरुष किसी को भी हो सकता है, लेकिन महिलाओं में 5 कैंसर अधिक घातक माने जाते हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया भर में एक दिन इसके लिए मनाया जाता है, ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके व उन्हें इस जानलेवा बीमारी प्रति लड़ने की हिम्मत दी जा सके। जख्म का जल्दी न भरना, शरीर के किसी भी हिस्से से खून का बहना, अचानक वजन का घटना या फिर भूख न लगना, खाना खाने में दिक्कत होना, तिल या मस्से में परिवर्तन, लगातार खासी या आवाज के भारीपन, शरीर के किसी भी हिस्से में गठा का होना व बढ़ना कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि कैंसर कई प्रकार का होता है, जैसे मुंह, खाने वाली नली, महिला की छाती, आंतड़ी, बच्चेदानी, गदूदां, सिर और बच्चेदानी के मुंह का कैंसर प्रमुख है।

स्तन कैंसर:

स्तन कैंसर महिलाओं में तेजी से पनपने वाली बीमारी है, अगर समय रहते इस बीमारी के बारे में जान लिया जाए तो इसके जानलेवा परिणामों से बचा जा सकता है। इस बीमारी का पता लगाने के लिए आपको जागरूक होकर लक्षणों को पहचानने की जरूरत है। कैंसर के किसी भी लक्षण के दिखने पर उसकी जांच तुरंत करवाए जाने की ज़रूरत है। अगर थोड़ी सी सतर्कता बरती जाए तो कैंसर के लक्षणों को भी आसानी से पहचाना जा सकता है।

कैंसर का इलाज:
डॉ अनिल कुमार ने कहा कि कैंसर का पता बायोप्सी नामक टेस्ट से पता चलता है। कैंसर का पता लगाने के बाद सबसे पहले जो ट्रीटमेंट शुरू किया जाता है वो है कीमोथेरेपी। कीमोथेरेपी कैंसर के असर को कम करने के लिए दी जाती है।

 

उदाहरण के लिए अगर कैंसर चौथी स्टेज पर हो तो यह थैरेपी इसे दूसरी स्टेज पर ले आती है। यह थैरेपी हर तरह के कैंसर में नहीं दी जा सकती। इसी तरह रेडियोथेरेपी शरीर में कैंसर के ऊतकों को कम करने के लिए दी जाती है।इस मौके पर डॉ अनिल कुमार, शैलेश कुमार यादव, माया देवी, संन्या कुमारी, चिंटू कुमार, रोहित कुमार, धन्यनंजय कुमार, स्वेता सिंह, रीता कुमारी, इत्यादि मौजूद थे।

 

 

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