(हरिप्रसाद शर्मा ) अजमेर/राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के अध्यक्ष यूआर साहू ने सोमवार को प्रेस वार्ता कर परीक्षाओं में प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अहम जानकारी साझा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रश्-पत्र खुला मिलने जैसी खबरें पूरी तरह निराधार हैं और ऐसे अफवाहें केवल कुछ लोगों द्वारा अपने स्वार्थ साधने के लिए फैलाई जाती हैं। साहू ने कहा कि उम्मीदवारों को केवल आयोग की आधिकारिक सूचनाओं पर ही भरोसा करना चाहिए।
*सात स्तरीय सुरक्षा प्रणाली का किया जिक्र
साहू ने बताया कि वर्ष 2023 से प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा के लिए 7-लेयर सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। प्रत्येक प्रश्न-पत्र और ओएमआर शीट को पहले पारदर्शी प्लास्टिक पॉलीपैक में सील किया जाता है। इसके बाद 24 प्रश्न-पत्रों का सेट नॉन-ट्रांसपेरेंट पॉलीपैक में पैक होता है। ये पैक्ड सेट मेटल बॉक्स में रखे जाते हैं, जिन पर नंबर लॉक लगाया जाता है। लॉक को गम पेपर सील, सिक्योरिटी स्ट्रिप और मोटी प्लास्टिक शीट से लेमिनेट किया जाता है। परीक्षा शुरू होने से कुछ मिनट पहले ही केन्द्राधीक्षक को मोबाइल एसएमएस के जरिए लॉक का कोड भेजा जाता है।
*बॉक्स खोलने की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाती है और उस दौरान नौ लोग मौजूद रहते हैं, जिनमें दो परीक्षार्थी भी शामिल होते हैं। पूरी कार्रवाई का विवरण प्रपत्र में दर्ज किया जाता है और किसी विसंगति की स्थिति में तुरंत आयोग को सूचित किया जाता है। साहू ने कहा कि इस प्रणाली से पेपर लीक की संभावना नगण्य हो गई है, क्योंकि रिवर्स ऑडिट से तुरंत चूक का पता चल जाता है। ऐसे मामलों में परीक्षा कानून-2022 (संशोधित 2023) के तहत सख्त कार्रवाई की जाती है।
*जोधपुर में फैलाई गई अफवाह का खुलासा
साहू ने बताया कि 7 सितंबर 2025 को जोधपुर में वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा के दौरान एक अभ्यर्थी ने प्रश्न-पत्र खुला होने की अफवाह फैलाई थी। जांच में पता चला कि वह बारां जिले की गुढ़ामलानी तहसील का निवासी है। उसे ड्रेस कोड का उल्लंघन करने पर (पूरी आस्तीन की शर्ट पहनने के कारण) रोका गया था। इसी नाराजगी में उसने यह झूठा प्रचार किया। असलियत यह रही कि प्रश्न-पत्र का पैकेट उसी अभ्यर्थी और दो अन्य परीक्षार्थियों की मौजूदगी में हस्ताक्षर करवाकर ही खोला गया था। अब आयोग ने उस अभ्यर्थी को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए नोटिस जारी किया है।
*उम्मीदवारों से की अपील
आयोग अध्यक्ष ने दोहराया कि परीक्षार्थियों को अफवाहों से बचना चाहिए और केवल आयोग की ओर से जारी आधिकारिक सूचनाओं को ही मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर आयोग पूरी तरह गंभीर है और किसी भी तरह की गड़बड़ी या अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।