चांद व गणेश की पूजा कर मनाया गया चौठचंद्र पर्व

Rakesh Gupta
- Sponsored Ads-

अंकित सिंह।अररिया में चांद की पूजा का पर्व चौठचंद्र (चौरचन) मंगलवार को मनाया गया। इस दौरान लोगों ने चांद की पूजा बड़े धूमधाम व आस्था के साथ की। पर्व को लेकर हर आयु वर्ग के लोगों में गजब का उत्साह देखा गया। मिथिला के सारे पर्वों की तरह चौरचन में भी प्रकृति व शांति के देवता चांद की पूजा की गयी। गणेश चतुर्थी के दिन इस पर्व को मनाया गया।

पूजन के दौरान विधि-विधान के साथ चंद्रमा की पूजा की गयी। घर की महिलाएं पूरे दिन उपवास कर शाम में चांद की साथ गणेश जी की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद ली। इसके बाद परिजनों के साथ रंग-बिरंगे पकवान का आनंद लिया। शाम में चांद के प्रकट होने से पूर्व घर के आंगन छतों पर अरिपन किया गया। उस पर पूजा-पाठ की सभी सामग्री रखी गयी।

- Sponsored Ads-

चांद के उगने के बाद गणेश व चांद की पूजा की गयी। इस दौरान दोनों देवता को खीर,पूड़ी,पिरुकिया,मिठाई,खाजा,लड्डू,केला,खीरा,शरीफा,संतरा व दही आदि प्रसाद चढ़ाए गए।

पंडित भोगानंद झा ने बताया कि शास्त्र के अनुसार गणेश को देखकर चांद ने अपनी सुंदरता पर घमंड कर उनका मजाक उड़ाया था। इस पर गणेश ने क्रोधित होकर उन्हें शाप दिया कि इस दिन चांद को देखने से लोगों को समाज से कलंकित होना पड़ेगा। शाप से मलित होकर चांद खुद को छोटा महसूस करने लगे।

इससे मुक्ति के लिये चांद ने भाद्र मास के चतुर्थी तिथि को गणेश पूजा की। इसके बाद गणेश जी प्रसन्न होकर कहा कि आज की तिथि में चांद के पूजा के साथ मेरी पूजा करने वालों को कलंक नहीं लगेगा।” तब से इस पर्व को मानने की परंपरा शुरू हुई। उन्होंने कहा कि आज के दिन चांद का दर्शन खाली हाथ नहीं करना चाहिये। हाथ में फल व मिठाई आदि लेकर चन्द्र दर्शन करने से मनुष्य का जीवन दोषमुक्त व कलंकमुक्त हो जाता है।

- Sponsored Ads-
Share This Article
Leave a Comment