छपरा:जिला मुख्यालय से प्रखंड स्तर तक स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा शत-प्रतिशत दवाओं का उठाव हुआ शुरू

Rakesh Gupta
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• सिविल सर्जन और डीपीएम कर रहें प्रतिदिन मॉनिटरिंग

छपरा। जिले में मरीजों को गुणवत्तापूर्ण और ससमय स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से संकल्पित है। इसके लिए मरीजों को उपचार के साथ-साथ हर तरह की दवा उपलब्ध करायी जा रही है। विगत दिनों यह बात समाने आयी थी कि ज्यादातर प्रखंडों में स्वास्थ्य संस्थानों के द्वारा भंडार में उपलब्ध शत-प्रतिशत दवाओं का उठाव नहीं किया जा रहा है। सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा और जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार के आदेश के बाद अधिकतर प्रखंड के स्वास्थ्य संस्थानों के द्वारा सूची में शामिल शत-प्रतिशत दवाओं का उठाव शुरू कर दिया गया है। बहुत जल्द सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य केंद्रों में सभी प्रकार के दवा की आपूर्ति और उपलब्धता सुनिश्चित हो जायेगी। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। सभी प्रखारी चिकित्सा पदाधिकारी, फर्मासिस्ट और भंडारपाल को निर्देश दिया गया है कि स्वास्थ्य संस्थानों में शत-प्रतिशत दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें या जो दवा उपलब्ध नही है उसे भंडारण से उठाव कर लें। ताकि मरीजों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो।

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बाहर की दवा नहीं लिखेंगे डॉक्टर: डीएम

सारण के जिलाधिकारी अमन समीर ने निर्देश दिया है सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध दवा को हीं ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर मरीजों को लिखेंगे। किसी भी हाल में बाहर की दवा नहीं लिखना है। डीएम ने आदेश दिया है कि स्वास्थ्य संस्थानों में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें और ससमय भंडारण से दवा का उठाव करें। ताकि किसी मरीज को बाहर से दवा नहीं खरीदना पड़े। सभी चिकित्सकों को निर्देश दिया गया है कि अस्पताल में मौजूद दवाओं को ही लिखा जाए। वैसे अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवा मौजूद है। सरकार मरीजों को बेहतर सेवा उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है और इस दिशा में काम किया जा रहा है।

सिविल सर्जन और डीपीएम प्रतिदिन कर रहें है निगरानी:

जिले में सदर अस्पताल से लेकर सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कौन सी दवा उपलब्ध है कौन सी दवा नहीं है। इसकी निगरानी सिविल सर्जन और डीपीएम के स्तर से किया जा रहा है। पोर्टल पर प्रतिदिन दवा की उपलब्धता की रिपोर्ट अपलोड की जाती है। जिससे वास्तिक स्थिति की जानकारी मिलती है। पोर्टल के माध्यम से जिला स्तर से दवाओं की आपूर्ति और उपलब्धता की निगरानी की जा रही है। यह प्रणाली दवाओं की मांग और आपूर्ति की नियमित निगरानी सुनिश्चित करती है, जिससे किसी भी दवा की कमी को त्वरित रूप से पहचानकर उसे पूरा किया जा सके।

स्वास्थ्य सेवा पर मरीजों का विश्वास भी बढ़ेगा:

सीएचसी-पीएचसी के आउटडोर व इनडोर में 309 प्रकार की दवाएं जबकि अनुमंडलीय अस्पताल में 312 तरह की दवाएं राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से उपलब्ध कराई जाती है। स्वास्थ्य विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं की सही मात्रा और गुणवत्ता उपलब्ध हो। इसके लिए दवाओं की नियमित आपूर्ति, स्टॉक की निगरानी और आपातकालीन स्थितियों में त्वरित व्यवस्था की गई है। विभाग ने दवाओं के प्रबंधन और वितरण की प्रक्रिया को और भी सशक्त बनाने के लिए कई सुधारात्मक उपाय किए हैं। इस पहल का उद्देश्य समुदाय के अंतिम पंक्ति के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। विभाग का मानना है कि यदि मरीजों को समय पर दवा उपलब्ध होगी, तो इससे न केवल उनकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार होगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवा पर उनका विश्वास भी बढ़ेगा।

 

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