मुंगेर: मुख्यमंत्री जी कब हम मास्टर ट्रेनररो का होगा समाधान

Rakesh Gupta
- Sponsored Ads-

 

 

तेजस्वी के तेज के लिए आरजू कर रहे हैं मास्टर ट्रेनर

बिहार न्यूज़ लाइव /मुंगेर से निरंजन कुमार की रिपोर्ट/बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर मुकाम तक पहुंचाने वाले आशा कार्यकर्ताओं की एक अहम भूमिका रही है चाहे वह कोरोनावायरस दौरान वैक्सीनेशन का कार्य हो या गैर संचारी जैसे खतरनाक रोगों से बचाने के लिए आम लोगों के बीच जागरूकता कार्य हो सभी में आशा कार्यकर्ताओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और स्वास्थ्य महकमा के डाटा को बेहतर प्रदर्शन तक पहुंचाया. विडंबना ही है कि ऐसे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने वाले मास्टर ट्रेनर की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है.

- Sponsored Ads-

 

उम्मीद अब मुख्यमंत्री जी के समाधान यात्रा से लगा हुआ है. इन लाचार प्रशिक्षकों का भी दिन फिरे. नीतीश और तेजस्वी सरकार की गठबंधन को लेकर मास्टर ट्रेनर की उम्मीद जगी है कि शायद अब तेजस्वी की तेज इन पर पड़े ताकि यह अपने बच्चों का परवरिश अधेड़ उम्र में बेहतर ढंग से कर सकें. मालूम हो कि नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत बिहार के 38 जिलों से लगभग 180 लोगों को स्वास्थ्य प्रशिक्षण वर्ष 2011 में दिया गया था तब से प्रशिक्षक राज्य स्वास्थ्य समिति के आदेशानुसार विभिन्न जिलों में आशाओं को स्वास्थ्य प्रशिक्षण देते आ रहे हैं जिसका परिणाम स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर नजर आते हैं.

 

वहीं, दूसरी ओर आशा प्रशिक्षकों की स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है क्योंकि आज तक इन्हें मानदेय पर नहीं रखा गया है बस जरूरत पड़ने पर इन्हें याद किया जाता है और आशा को प्रशिक्षण देने का कार्य कराया जाता है उसके बाद इनके तरफ किसी की भी निगाहें नहीं पड़ती है . हालांकि बार-बार राज्य स्वास्थ्य समिति प्रशिक्षक देने के दौरान यह आश्वासन जरूर देते हैं कि आप लोग को बैठाया नहीं जाएगा लेकिन हकीकत है कि इन लोगों को साल में मात्र तीन महीना प्रशिक्षण कार्य मिलता है 9 महीना बेकार रहते हैं. स्थिति इनका लगभग 10 साल से है.

 

मुंगेर के प्रशिक्षक राजीव कुमार, अजय कुमार ,वैशाली के संजीव कुमार, छपरा के रामाकांत एवं अखिलेश उपाध्याय बताते हैं कि इन्होंने आशा प्रशिक्षण में 10 वर्षों से लगातार मेहनत किया लेकिन परिणाम विफल ही दिखा इनकी उम्र हो गई है अब गारंटी नहीं कि आगे क्या होगा ऐसे विकट परिस्थिति में अब इन लोगों की उम्मीद बिहार के मुखिया नीतीश कुमार एवं तेजस्वी पर टिकी हुई है शायद इनकी रहम नजर इन लोगों पर पड़े और 165 आशा प्रशिक्षकों का बढ़ती उम्र में कहीं स्थाई कार्य मिल सके. अस्पतालों में संचारी रोग क्लिनिक खुला हुआ है इस क्लीनिक में इन लोगों को कार्य मिल जाए तो व्यवस्था भी बेहतर हो जाएगा और इन लोगों को रोजी-रोटी का सहारा भी मिल जाएगा. प्रशिक्षक अजय कुमार वर्मा भास्कर जी बताते हैं कि इस दौरान नवादा के अमोद कुमार आर्य प्रमोद वर्ष 2021 आरा के बृज किशोर पांडे 2022 एवं मधुबनी के नरेंद्र झा की मौत 2000 में हो चुकी है.

 

 

- Sponsored Ads-

Share This Article