खांसी के सिरप का खौफ: सीकर में बच्चे की मौत, जयपुर में भी बिगड़ी बच्चों की तबीयत,ड्रग कंट्रोलर ने रोकी सप्लाई

Rakesh Gupta
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*(हरिप्रसाद शर्मा) जयपुर:राजस्थान में बच्चों को दी जा रही खांसी की दवा से साइड इफेक्ट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। भरतपुर और सीकर के बाद अब राजधानी जयपुर में भी एक दो साल की बच्ची की तबीयत बिगड़ने का मामला सामने आया है, जिसे सोमवार को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। बच्ची को भी वही खांसी की दवा डेक्सट्रोमेथॉरफन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप दी गई थी, जो हाल ही में भरतपुर और श्रीमाधोपुर (सीकर) में बीमार बच्चों को दी गई थी।

इन सभी मामलों के सामने आने के बाद चिकित्सा विभाग ने तत्काल इस दवा की सप्लाई को होल्ड कर दिया है।*मासूम नितियांस की हुई थी मौतदवा के साइड इफेक्ट के मामले ने तब तूल पकड़ा जब सीकर के खोरी ब्राह्मणान गांव में 5 साल के नितियांस की खांसी की दवा पीने के बाद तबीयत बिगड़ी और बाद में अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद से दवा को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।

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क्योंकि ये मामला यहीं नहीं थमा। प्रदेश के अन्य जिलों में भी खांसी की दवा देने के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ रही है। इसके बाद से इस दवा को लेकर खौफ बढ़ रहा है।*दवा जांच के लिए भेजीसरकारी अस्पतालों में वितरित की जाने वाली इस सिरप को लेकर चिकित्सा विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेजों के औषधि प्रभारी और जिला औषधि भंडारगृहों को निर्देश जारी कर दवा की सप्लाई पर रोक लगा दी है। ड्रग कंट्रोलर अजय फाटक ने पुष्टि की है कि भरतपुर और सीकर में कुछ बच्चों की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिली थी, जिसके बाद विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दवा के सैंपल उठाए और जांच के लिए भेज दिए हैं।

चौंकाने वाली बात यह है कि दावा किया जा रहा है कि यह दवा केवल वयस्क मरीजों के लिए उपयुक्त है और इसे चार साल से कम उम्र के बच्चों को देना सुरक्षित नहीं है। जिन बच्चों की तबीयत बिगड़ी है, उनकी उम्र भी चार वर्ष से कम बताई जा रही है। इतना ही नहीं, भरतपुर के जिस अस्पताल में बच्चों को यह दवा दी गई, वहां एक चिकित्सक ने भी इसका सेवन किया था, जिसके बाद उसकी तबीयत भी बिगड़ गई।*सिरप की सप्लाई पर रोकड्रग कंट्रोलर अजय फाटक ने बताया कि दवा के विभिन्न बैचों के सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं और रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। इस बीच एहतियातन इस सिरप की पूरी सप्लाई पर रोक लगा दी गई है।

डेक्सट्रोमेथॉरफन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप का निर्माण जयपुर की लोकल फार्मा कंपनी कायसन्स फार्मा द्वारा किया जा रहा है, जिसकी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट सरना डूंगर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित है। जैसे ही मामले की गंभीरता सामने आई, राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड ने इस कंपनी की सिरप को राज्य के सभी दवा केंद्रों पर वितरित करने से तत्काल रोक लगा दी है।

ड्रग विभाग का कहना है कि जब तक लैब रिपोर्ट सामने नहीं आ जाती, तब तक इस दवा का स्टॉक न इस्तेमाल किया जाए और न वितरित किया जाए। मामले को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है और प्रदेश के सभी जिलों में निर्देश भेजे जा चुके हैं।

आरएमएससीएल के कार्यकारी निदेशक एवं विशेषाधिकारी जयसिंह ने बताया कि फिलहाल इस दवा के दो बैच की जांच कराई जा रही है, लेकिन एहतियातन सभी बैच की सप्लाई को पूरी तरह से होल्ड कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट आने तक यह दवा न वितरित की जाएगी और न ही इस्तेमाल की जा सकती है।

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