जन और श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल*

Rakesh Gupta
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*अजमेर के एलआईसी कार्यालय परिसर में जोरदार प्रदर्शन*हड़ताल का आयोजन 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों और ट्रेड यूनियनों के आह्वान

(हरिप्रसाद शर्मा) अजमेर:अजमेर सहित देशभर में केंद्र सरकार की जन और श्रम विरोधी नीतियों के विरोध में बुधवार को विभिन्न क्षेत्रों के करोड़ों कामगारों और अधिकारियों ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल की। इस हड़ताल का आयोजन 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों और ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर किया गया।

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हड़ताल में बैंक, बीमा, बीएसएनएल, आयकर, पोस्ट ऑफिस, रक्षा, आंगनबाड़ी, आशा, उषा, भवन निर्माण, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, खेत, खदान, सार्वजनिक उपक्रमों और अन्य संस्थानों के कर्मचारियों ने भाग लिया।नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलाइज यूनियन के मोहन चेलानी ने बताया कि यह हड़ताल 17 सूत्रीय मांगों को लेकर की गई है, जिनमें लेबर कोड को समाप्त करने, समान कार्य के लिए समान वेतन, 26,000 रुपये न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करने जैसी प्रमुख मांगें शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि राजस्थान में लगभग 11,000 बैंक कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए।हड़ताल के चलते बैंकों और बीमा कंपनियों में कामकाज पूरी तरह ठप रहा। कर्मचारी और अधिकारी सुबह से कचहरी रोड स्थित एलआईसी कार्यालय परिसर में इकट्ठा हुए और संयुक्त श्रमिक समन्वय समिति के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया। सभी यूनियनों ने मिलकर सरकार को चेतावनी दी कि यदि मांगें शीघ्र नहीं मानी गईं, तो आगे और उग्र आंदोलन किया जाएगा।

इस हड़ताल को ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन, बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन, एलआईसी एम्प्लाइज फेडरेशन, जनरल इंश्योरेंस एम्प्लाइज एसोसिएशन सहित अन्य ट्रेड यूनियनों का समर्थन मिला। सभी संगठनों ने एकजुट होकर सरकार की नीतियों को जनविरोधी बताया और कहा कि ये फैसले न केवल कर्मचारियों के हितों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि देश की सामाजिक सुरक्षा प्रणाली को भी कमजोर कर रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए अपनी एकता का प्रदर्शन किया और सरकार से मांग की कि श्रमिकों की समस्याओं पर गंभीरता से विचार करते हुए तुरंत समाधान किया जाए।

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