अवैध बजरी डंपरों और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की बेलगाम आवाजाही ख़िलाफ़ प्रदर्शन *आंदोलनकारियों से अपील की कि वे कानून-व्यवस्था बनाए
(हरिप्रसाद शर्मा ) अजमेर/ बीते दिनों राजस्थान बोर्ड के टॉपर संध्या की डंपर से हुई मौत के बाद शहर के वरुण सागर मार्ग और आसपास के इलाकों में अवैध बजरी डंपरों और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की बेलगाम आवाजाही के खिलाफ स्थानीय नागरिकों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। टेलीफोन एक्सचेंज चौराहे पर हुए इस प्रदर्शन का नेतृत्व राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नेता आशीष सोनी ने किया। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग थी कि इन अवैध वाहनों पर तत्काल रोक लगाई जाए और संबंधित अधिकारियों को मौके पर बुलाकर ज्ञापन सौंपा जाए।
प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी चौराहे पर एकत्रित हो गए और उन्होंने लाइन से खड़े होकर मार्ग को आंशिक रूप से बाधित कर दिया। इससे वरुण सागर की ओर जाने वाले रास्ते पर यातायात प्रभावित हुआ और आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। प्रदर्शन की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस जाप्ता मौके पर पहुंच गया और स्थिति को नियंत्रण में लेने का प्रयास किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाते हुए सड़क को पूरी तरह अवरुद्ध नहीं होने दिया।
इस दौरान दरगाह डिप्टी लक्ष्मण चौधरी भी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्वक बातचीत की। उन्होंने आंदोलनकारियों से अपील की कि वे कानून-व्यवस्था बनाए रखें और मार्ग को न जाम करें। साथ ही उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि कानून का उल्लंघन हुआ तो संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की इस सख्ती पर आरएलपी नेता आशीष सोनी ने आपत्ति जताई और प्रशासन के रवैये पर नाराजगी जताई, लेकिन बाद में आपसी समझाइश के बाद प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया।
प्रदर्शन के बाद आंदोलनकारियों ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने अवैध बजरी डंपरों और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के कारण हो रहे सड़क हादसों पर चिंता व्यक्त की और मांग की कि इन पर तुरंत रोक लगाई जाए।प्रदर्शनकारियों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में क्षेत्र में कई जानलेवा हादसे हो चुके हैं। हाल ही में राजस्थान बोर्ड की टॉपर संध्या की एक डंपर के नीचे आने से दर्दनाक मौत हो गई थी।
इस घटना से क्षेत्र में भारी आक्रोश है। आशीष सोनी ने बताया कि संध्या के परिवार को सरकार की ओर से 50 लाख रुपये का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए।उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे अपने क्षेत्र को हादसों से मुक्त देखना चाहते हैं और इसके लिए हर स्तर पर संघर्ष करेंगे। प्रदर्शन शांति पूर्ण रूप से समाप्त हुआ लेकिन इसने प्रशासन के सामने एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या आम नागरिकों की जान की कीमत पर अवैध बजरी परिवहन को यूं ही चलता रहने दिया जाएगा?