कृत्रिम पैर के बावजूद दुनिया में प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं तुषार पॉल, पश्चिम बंगाल दिव्यांग क्रिकेट टीम के कप्तान हैं तुषार

Rakesh Gupta
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✍️डॉक्टर गणेश दत्त पाठक
सीवान। पश्चिम बंगाल दिव्यांग क्रिकेट टीम के कप्तान तुषार पॉल की कहानी भी बेहद प्रेरित करने वाली है। तुषार सीवान में आयोजित हो रहे लालबाबू सिंह मेमोरियल नेशनल दिव्यांग त्रिकोणीय क्रिकेट चैंपियनशिप में भाग लेने नगर में आए हैं। दिव्यांगता ने उनके लिए भी चुनौतियां जरूर उत्पन्न की लेकिन तुषार ने अपने हौंसले के बल पर न सिर्फ उन चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया अपितु अपनी प्रतिभा का परचम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फहराया है।
पश्चिम बंगाल दिव्यांग क्रिकेट टीम के कप्तान तुषार पॉल पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के रहनेवाले हैं। 1993 में एक बस हादसे के वे शिकार हो गए। उनका पैर विशेष रूप से दुर्घटाग्रस्त हो गया। दो साल अस्पताल में बेड पर रहना पड़ा। कृत्रिम पैर पर चल रहे तुषार ने अपनी प्रतिभा के बल पर दुनिया नाप डाली है।
तुषार पॉल इंडिया दिव्यांग टीम के सदस्य के तौर पर 2012 से शामिल हैं। टीम के साथ वे साउथ अफ्रीका, बांग्लादेश, इंग्लैंड, अफगानिस्तान और पाकिस्तान का दौरा कर चुके हैं। 2019 में विकेटकीपर बैट्समैन के तौर पर इंग्लैंड में वर्ल्ड सीरीज में भी हिस्सा लेकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं।
सीवान में तुषार को खेलते देखकर बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगता कि उनका एक पैर कृत्रिम है। वे सिर्फ खेलते नहीं खेल भावना में भी पक्का भरोसा रखते हैं। टीम के कप्तान के तौर पर वे कुशल प्रबंधक भी हैं। पेशे से शिक्षक हैं तुषार, जो बच्चों के भविष्य को सहेजने के प्रति बेहद संवेदनशील भी हैं।
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