पटना :भारत और दुनिया में क्रिकेट की लोकप्रियता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। मुख्य धारा के क्रिकेट की बात ही अलग है। उनके पास प्रचुर मात्रा में संसाधन उपलब्ध है लेकिन जहां तक दिव्यांग क्रिकेट की बात है तो वहां पर संसाधनों का अभाव एक बड़ी चुनौती है। दिव्यांग खिलाड़ी हौसलों के बूते अपनी क्रिकेट खेलने की प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं लेकिन उन्हें हर कदम पर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में नवनियुक्त इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आईसीसी के मुखिया जय शाह ने बयान दिया है कि वह अपने कार्यकाल के दौरान महिला और दिव्यांग क्रिकेट के उत्थान का भी प्रयास करेंगे। इस बयान से दिव्यांग क्रिकेट के उत्थान की संभावनाएं सृजित हो रही है। उनके इस बयान पर डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार यानी डीसीएबी ने हर्ष जताया है।
डीसीएबी के अध्यक्ष राकेश कुमार गुप्ता ने कहा कि विश्व में कई ऐसे क्रिकेट खिलाड़ी है जिनमें क्रिकेट खेलने की प्रतिभा कूट कूट कर भरी हुई है। नियति जनित शारीरिक अक्षमताओं के बावजूद वे हौंसले के बल पर क्रिकेट खेलते हैं और अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन कर के वाहवाही बटोरते हैं। परंतु दुनिया में हर जगह हजारों ऐसे दिव्यांग खिलाड़ी हैं, जो संसाधनों के अभाव और संस्थागत चुनौतियों के कारण अपनी प्रतिभा का परचम नहीं लहरा पाते हैं। जो भी संस्थाएं विश्व स्तर पर दिव्यांग खिलाड़ियों के उत्थान के लिए प्रयास कर रही हैं। सभी को प्रोत्साहन और सहयोग की आवश्यकता है। ऐसे में आईसीसी चीफ जय शाह का बयान दिव्यांग क्रिकेट के लिए आशा की प्रबल ज्योत जगा रहा है।
डीसीएबी के सचिव रंजीत कुमार शर्मा ने कहा कि संसाधन की उपलब्धता से दिव्यांग क्रिकेटरों के लिए विशेष प्रतिस्पर्धी मंच और टूर्नामेंट आयोजित करने से उन्हें अपने कौशल का प्रदर्शन करने और अपने अनुभव को बढ़ाने का अवसर मिल सकता है।
डीसीएबी के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉक्टर गणेश दत्त पाठक ने कहा कि दिव्यांग क्रिकेट के उत्थान के लिए प्रयास किए जाए और संसाधन उपलब्ध कराया जाय तो बहुत ही सुखद परिणाम सामने आ सकते हैं। दिव्यांग क्रिकेट के उत्थान में संसाधनों की उपलब्धता से काफी मदद मिल सकती है। संसाधन की उपलब्धता से दिव्यांग क्रिकेट को आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएं, जैसे कि विशेष अभ्यास क्षेत्र और उपकरण की उपलब्धता से, दिव्यांग क्रिकेटरों को अपने कौशल को विकसित करने में मदद मिल सकती है। डीसीएबी के पूर्वी जोन के जोनल कॉर्डिनेटर शिशुपाल ने कहा कि संसाधन की उपलब्धता से अनुभवी और विशेषज्ञ प्रशिक्षक दिव्यांग क्रिकेटरों को व्यक्तिगत ध्यान और मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं। विशेष उपकरण और तकनीक, जैसे कि स्मार्ट क्रिकेट बॉल और विशेष बैट, दिव्यांग क्रिकेटरों को अपने खेल में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। डीसीएबी के स्टेट कोर्डिनेटर निरंजन कुमार ने कहा कि संसाधन की उपलब्धता से विशेषज्ञ चिकित्सा और फिटनेस समर्थन दिव्यांग क्रिकेटरों को अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है। इन संसाधनों की उपलब्धता से दिव्यांग क्रिकेट के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान मिल सकता है और दिव्यांग क्रिकेटरों को अपने सपनों को पूरा करने में मदद मिल सकती है।
एसोसिएशन के सभी दक्षिण बिहार के जोनल कॉर्डिनेटर आनंद सिंह एवं सब कॉर्डिनेटर अशोक कुमार सिंह ,केंद्रीय बिहार के जोनल कॉर्डिनेटर दीपक कुमार ,उत्तरी जोन के अध्यक्ष आलोक कुमार सिंह ,सचिव कुमार कार्तिकेय आनंद ,सिवान जिला अध्यक्ष डॉ रामेश्वर सिंह ,महिला अध्यक्ष रूपल आंनद,संयुक्त सचिव विकाश कुमार ,शम्भू सोनी ,मीडिया प्रभारी अभिषेक उपाध्यय,गोपालगंज अध्यक्ष आनंद कुमार सिंह सभी ने आईसीसी चीफ जय शाह के संदेश पर हर्ष जताया है।
 
					 
							
 
			 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		