राजस्व कार्यों की समीक्षा:15 दिनों में सरकारी भूमि चिन्हित करने और लंबित दाखिल-खारिज निपटाने का अल्टीमेटम
छपरा। सारण के नवनियुक्त जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने पदभार ग्रहण करते ही जिले की राजस्व व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सख्त तेवर अपना लिए हैं। सोमवार संध्या समाहर्ता ने जिले के सभी अंचलाधिकारियों और भूमि सुधार उपसमाहर्त्ताओं के साथ मैराथन बैठक की। डीएम ने दो टूक शब्दों में चेतावनी दी कि जो राजस्व कर्मचारी सरकारी भवनों के बजाय निजी ठिकानों से कार्यालय चलाएंगे, उनके विरुद्ध कठोर विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
75 दिनों से लंबित मामलों पर 10 दिन की डेडलाइन
समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) और ‘परिमार्जन प्लस’ के लंबित मामलों पर नाराजगी जताई। उन्होंने निर्देश दिया कि 75 दिनों से अधिक पुराने सभी लंबित मामलों का निष्पादन अगले 10 दिनों के भीतर सुनिश्चित करें। डीएम ने स्पष्ट कहा कि “सिर्फ ऑब्जेक्शन लगाकर फाइलों को लटकाने वाले कर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
सरकारी जमीन से हटेगी अवैध जमाबंदी
जिले की सरकारी भूमि की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए डीएम ने 15 दिनों के भीतर सभी सरकारी जमीनों को चिन्हित कर उनकी सूची बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि वैसी सरकारी भूमि जिस पर गलत तरीके से जमाबंदी कायम है, उसका आकलन कर अविलंब जमाबंदी रद्दीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाए।
प्रमुख विकास परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन में तेजी
बैठक में विकास परियोजनाओं की सुस्त रफ्तार पर भी चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया कि स्वास्थ्य केंद्र, विद्यालय भवन, मंडल कारा छपरा के स्थानांतरण, मढ़ौरा अनुमंडल न्यायालय और बी-सैप केंद्र जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स के लिए अधियाचित भूमि का चयन कर तुरंत प्रस्ताव भेजें। भू-अर्जन की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए मौजों में शिविर लगाकर रैयतों की समस्याओं का समाधान करने और मुआवजा भुगतान में पारदर्शिता लाने के निर्देश दिए गए हैं।इस बैठक में अपर समाहर्ता (राजस्व) सहित जिले के सभी वरीय राजस्व अधिकारी उपस्थित थे।
