मधेपुरा: पृथ्वी जीवन का आधार, उसकी रक्षा मानव की सर्वोच्च प्राथमिकता।

Rakesh Gupta
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पृथ्वी जीवन का आधार, उसकी रक्षा मानव की सर्वोच्च प्राथमिकता।

:विभिन्न स्तरों पर पृथ्वी के अस्तित्व पर मंडरा रहे संकट बनी वैश्विक समस्या:

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:इस साल के पृथ्वी दिवस का थीम “प्लेनेट वर्सेज प्लास्टिक “अहम मुद्दा:

 बिहार न्यूज़ लाईव मधेपुरा डेस्क:   जिला संवाददाता रंजीत कुमार / मधेपुरा: विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय के सार्क इंटरनेशनल स्कूल परिसर में छात्र छात्राओं ने छायादार,फलदार एवम् फूलों के पौधे लगाए और पृथ्वी दिवस मनाने के पीछे के मूल उद्देश्य पर चर्चा की।इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा विश्व पृथ्वी दिवस पर्यावरण संरक्षण के महत्व को आम लोगों से जोड़ने व प्रकृति के अवर्णित योगदानों को समझने का अवसर देता है

 

साथ ही उसको सुरक्षित रखने हेतु नीति निर्धारण की वकालत करता है। 21वी सदी में जब मानव विकास के पथ पर निरंतर नई नई ऊंचाइयों को चूम रहा है तब विभिन्न स्तरों पर अपनी असीम महत्वकांक्षा के कारण पृथ्वी के कालचक्र में बड़े स्तर पर किए गए मानव हस्तक्षेप चिंतनीय व विचारणीय बिंदु बन उभरे हैं ।पृथ्वी दिवस ऐसे ही बिंदुओं पर मंथन व प्रकृति के अस्तित्व को मजबूती से कायम रखने की दिशा में पहल को प्रेरित करती है।राठौर ने कहा कि अभी मानव समाज अपने लालची स्वभाव के कारण प्रकृति असंतुलन के जिस दौर से गुजर रहा है

 

उसमे यह अत्यावश्यक है कि इससे बचने के लिए गंभीर मंथन हो। विश्व के 192 देशों में बड़े स्तर पर हर साल एक निर्धारित फैसले के अंतर्गत थीम तय कर पहल की जाती है इस साल का थीम प्लेनेट वर्सेज प्लास्टिक दिया गया है जिसका मूल उद्देश्य प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त करते हुए उसके विकल्प तलाशने की है ।आर्गेनिक चीजों के प्रयोग को प्राथमिकता देने के साथ मानव का यह दायित्व बोध होना चाहिए कि वर्तमान इस तरह से जिए की उसकी भावी पीढ़ी को भी सफल परिवेश मिले।अपने संबोधन में प्राचार्य हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने छात्र छात्राओं को विशेष कर पृथ्वी की उपयोगिता पर अध्यन की बात कहते पृथ्वी को बचाने में अपनी भूमिका तय करने की अपील की।

 

विश्व पृथ्वी दिवस के मौके पर छात्र छात्राओं में इससे जुड़े बिंदुओं पर दिन भर जिज्ञासा और चर्चा का माहौल रहा।सबों ने स्वीकार किया कि पृथ्वी जीवन का मूल आधार है और हर स्तर पर इसको बचाने की पहल मानव समाज की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।इसके द्वारा प्रदत अनमोल उपहार का जरूरत के अनुसार ही उपयोग और भविष्य हेतु संरक्षित करना अत्यावश्यक है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र छात्राओं सहित सभी शिक्षकों की भागीदारी रही।

 

 

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