डिफरेंटली-एबल्ड किक्रेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के सिवान अध्यक्ष बने प्रसिद्ध सर्जन डॉ रामेश्वर सिंह ।जाने उन्हें क्यों कहा जाता है गरीबों का भगवान

Rakesh Gupta
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सीवान:-सारण के प्रसिद्ध सर्जन डॉ रामेश्वर सिंह समाजसेवा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने को लेकर सदैव चर्चा में रहते हैं।आम लोगो में उनकी खूब प्रशंसा होती है,लेकिन इस बार दिव्यांगों के प्रति काम करने की चाहत को लेकर वे काफी चर्चा में है।लोगों का कहना है कि डॉ साहब जैसे व्यक्ति जब आगे आ जायेंगें ,तब कोई भी दिव्यांग बच्चा विकास से वंचित नहीं रह जायेगा। क्रिकेट का खेल दिव्यांगों को मुख्यधारा से जोड़ने का सही माध्यम बनाया जा सकता है। डिफरेंटली-एबल्ड किक्रेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के अध्यक्ष राकेश कुमार गुप्ता एवं उत्तरी बिहार जोन के अध्यक्ष आलोक कुमार सिंह,उपाध्यक्ष निरंजन कुमार ने सयुंक्त रूप से डॉ रामेश्वर सिंह को पुष्पगुच्छ एवं अंग वस्त्र देकर एसोसिएशन में स्वागत किया।

 

सनद रहे कि सिवान शहर के श्री साईं मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के चेयरमैन डाक्टर रामेश्वर सिंह एक बहुत सफल सर्जन हैं और समाजसेवा में निरंतर लगे रहते हैं ।वे समाज के हाशिये के लोग को मुख्यधारा में जोड़ने हेतु निरंतर लगे रहते हैं। गरीबों के हितार्थ हमेशा तत्पर रहते हैं। इनके इस प्रयास व कार्य की चर्चा लोगों के बीच खूब होती है ।सिवान के लोग डॉ रामेश्वर को बहुत पसंद करते हैं। डॉक्टर को धरती का भगवान का रूप कहा जाता है। डॉ रामेश्वर डॉक्टर शब्द के इस अर्थ को भी सार्थक करते हैं।

 

कौन है प्रसिद्ध सर्जन डॉ रामेश्वर सिंह

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देश के प्रथम राष्ट्रपति एवं महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी डॉ राजेन्द्र प्रसाद का जन्म बिहार के सिवान जिले एक छोटे से गांव जीरादेई में हुआ था।जीरादेई गांव से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर गोपालगंज जिले के बरौली प्रखंड के सरार गांव के किसान कामेश्वर सिंह के एकलौते पुत्र डाक्टर रामेश्वर सिंह जन्म 30 मई 1977 को हुआ था।बचपन से ही एकदम सरल स्वभाव के थे ।गुदरी के लाल रामेश्वर सिंह उनकी एकमात्र बहन सिल्क सीसमीरा है। जो मुंबई में रहती है। रामेश्वर सिंह ने अपनी स्कूली शिक्षा सरार गांव में और मैट्रिक डी.ए.वी गोपालगंज से की थी। इंटर साइंस से बिहार नेशनल कॉलेज पटना से करने के बाद पटना साइंस कॉलेज से भूगर्ग शास्त्र से स्नातक की डिग्री लेकर महाराष्ट्र आ गए ।जहां उन्होंने एम.बी.बी.एस. की डिग्री सेवाग्राम वर्धा से ली है। उसके बाद स्नातकोत्तर ऑर्थो में के साथ डी.एन.बी. -ऑर्थोपेडिक्स की डिग्री भी ली। सेवाग्राम वर्धा भारत का ऐसा प्रथम कॉलेज था। जहां साथ में गाँधी विचारधारा की पढ़ाई होती थी।

 

गोपालगंज के बरौली प्रखंड के सरार गांव से अब तक का सफर

स्नातकोत्तर की डिग्री के बाद सर्जन डॉ रामेश्वर सिंह का पहला जॉब आगा खान हेल्थ सर्विस में लगा था। जो समाज सेवा के कार्यो में एक एनजीओ के रूप में कार्य कर रहा था। उनका पहली पोस्टिंग गुजरात के सूरत जिले के बारडोली में हुआ। जहां सुदूर देहाती क्षेत्रों में गरीबो एवं वंचितों के बीच कार्य करने का पहला मौका मिला था। एक साल के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल हॉस्पिटल में भी अपनी सेवा देते रहे। इसके बाद अपने गृह क्षेत्र सिवान के सदर हॉस्पिटल में सरकारी सेवा में नियुक्त हो गए। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सिवान में श्रीसाईं मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल की स्थापना की।

 

राजनीतिक सफर में जुड़ाव

सिवान सदर विधानसभा से प्लुरल्स पार्टी के उम्मीदवार के रूप में 2020 में चुनाव भी लड़े थे। इसके बाद उन्होंने बीजेपी सदस्य्ता ग्रहण की । अभी वर्तमान में बीजेपी चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्य समिति सदस्य है।

सामाजिक जीवन में जुड़ाव

उन्होंने पहली नौकरी सुदूर देहाती और निर्धन क्षेत्रों में किया ।जहां पर ग्रामीण परिवेश में कार्य करने की इच्छा शक्ति जागृत हुई। समाज के हाशिये के लोग को मुख्यधारा में जोड़ने हेतु निरंतर लगे रहते थे । गरीबों के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। गरीबों के लिए भगवान के रूप में ख्याति प्राप्त है। जो किसी भी विषय पर बेबाक राय रखने के लिए जाने जाते हैं । सरलता ,सहजता ,मिलनसार और बेदाग चरित्र ही इनकी पहली पहचान है ।उनके मधुर वाणी में संयम हमेशा देखने को मिलती हैं । प्रेरक वक्ता भी हैं ,इसी विशिष्ट गुणों के वजह से सारण में काफी लोकप्रिय है। क्रिकेट खेलने में भी उनका काफी लगाव है। इसलिए वर्तमान में डिफरेंटली -एबल्ड किक्रेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के सिवान इकाई के अध्यक्ष भी है। जो समाज में दिव्यांग क्रिकेट के लिए कार्य करता है।

राकेश कुमार गुप्ता

 

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