*तीन बार मुख्यमंत्री बने , अब क्यों याद आया
बिहार न्यूज़ लाइव जयपुर डेस्क: जयपुर/(हरिप्रसाद शर्मा) भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा के दौरान मंगलवार को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मिशन 2030 को लेकर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह राजस्थान की जनता को भ्रमित करने का शिगूफा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन की नकल है।
भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा के दौरान मंगलवार को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पत्रकार वार्ता की।
इस दौरान शेखावत ने मुख्यमंत्री गहलोत के विजन 2030 को हास्यास्पद बताया।
उन्होंने कहा कि जिस शख्स को तीन बार मुख्यमंत्री रहने का अवसर मिला। वह अपने तीसरे कार्यकाल के आखिरी दौर में विजन की बात करे तो ये हास्यास्पद है। राजस्थान का बच्चा बच्चा जानता है कि इससे ज्यादा हास्यास्पद कुछ नहीं है। जब 2018 में आपकी सत्ता आई, तब आपने कुछ नहीं किया। अब विजन की बात कर रहे हो। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार दूरदृष्टि नहीं दृष्टिहीन सरकार है। इस सरकार में कोई विषय की गंभीरता नहीं है। ये विजन 2030 का शगूफा पीएम मोदी के विजन की नकल करने के अलावा कुछ नहीं है।
शेखावत ने कहा कि सरकार के मुखिया का ध्यान केवल कुर्सी बचाने में लगा रहा। इस कारण सरकार को कई जगह समझौते करने पड़े। प्रशासन से सरकार का ध्यान हटा तो प्रदेश में कानून व्यवस्था चौपट हो गई है। महिला अत्याचार होने लगे। गहलोत सरकार के कार्यकाल में प्रदेश देश की रेप कैपिटल बन गया। अब सरकार के मुखिया फौरी बयान देते हैं। पहले कहा, 56 प्रतिशत केस झूठे हैं। फिर कहा, निर्भयाकांड के बाद जब से मृत्युदंड का प्रावधान हुआ है तब से ऐसे केस बढ़ गए और अब कहते हैं कि नाते-रिश्तेदार ही रेप करते हैं। वहीं, गहलोत सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहते हैं कि राजस्थान मर्दों का प्रदेश है, इसलिए दुष्कर्म हो रहे हैं।
शेखावत ने कहा कि प्रदेश में हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार है। माइनिंग, राजस्व, फसल बीमा, कॉपरेटिव सोसायटी सब जगह भ्रष्टाचार है। अन्नपूर्णा फूड पैकेट में घोटाला हुआ है। उसमें मिलावटी सामान दिया गया। दु:खद यह है कि इसमें सरकार ही लिप्त है, लेकिन किसी जिम्मेदार पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सरकार हजारों परिवारों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। अभियोजना स्वीकृति देने में आनाकानी कर भ्रष्टाचारियों को बचाने का काम कर रही है।
शेखावत ने कहा कि प्रदेश में पेपर लीक की घटनाएं हुईं। 16 पेपर लीक होने तक सरकार ने मौन साधे रखा और कहा कि इसमें न कोई सरकार का अधिकारी और न ही कर्मचारी शामिल है। कोई नेता भी शामिल नहीं है। सत्रह पेपर लीक में जिस तरह से जांच चली, उसमें आरपीएससी मेंबर गिरफ्तार हुआ। यदि इसकी निष्पक्षता के साथ जांच होगी तो गहलोत सरकार की आधी कैबिनेट जेल में होगी।