सारण: गौरवमयी इतिहास रहा है गोदना -सेमरिया मेला का कार्तिक पूर्णिमा के दिन लाखों श्रद्धालु करेंगे धार्मिक स्नान…

Rakesh Gupta
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बिहार न्यूज़ लाईव सारण डेस्क: व्यापक तैयारी को अंतिम स्वरूप देने में जुटा नगर पंचायत प्रशासन डॉ. विद्या भूषण श्रीवास्तव

: छपरा कार्यालय।…बस!मात्र एक दिन शेष रह गया है कार्तिक पूर्णिमा।इस दिन का धार्मिक स्नान का अपना एक अलग महत्व व पहचान है।ठंड की मौसम भी दरकिनार हो जाता है।इस दिन बीती रात्रि से ही विभिन्न नदी घाटों पर श्रद्धालु जुट जाते है और रीति रिवाज व पञ्चाङ्ग के समयानुसार स्नान करते है तथा पूजा अर्चना करते है इसके साथ ही विभिन्न मंदिरों में भी परिवार के साथ पूजा करते है।कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस धार्मिक स्नान के साथ साथ मेला भी सारण जिला के कई स्थानों यथा रिविलगंज, मांझी,डोरीगंज,चिरांद ,पानापुर ,तरैया,सोनपुर आदि पर छोटा बड़ा मेला लगता है जहां श्रद्धालु रूपी मेलार्थी भ्रमण करते है।इनमें सबसे बड़ा पशु मेला हरिहर (सोनपुर ) क्षेत्र में लगता है ।वही ग्रामीण संस्कृति व मान्यता पर आधारित रिविलगंज में गोदना-सेमरिया मेला लगता है जिसका गौरवमयी इतिहास रहा है।इस क्षेत्र के पश्चिमी भाग सेमरिया स्थित श्रीनाथ बाबा मंदिर से लेकर गौतम ऋषि मंदिर यानी गोदना तक मुख्य सड़क किनारे मेला भव्य तरीके से सजता है जहां सैकड़ो की तादाद में विभिन्न सामग्रियों से सुसज्जित दुकानें सजी रहती है।
*धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है*गोदना-सेमरिया मेला का महत्व*

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मोक्ष दायिनी गंगा व मानस नंदिनी सरयू के परम पावन पवित्र संगम तट पर अवस्थित प्रसिद्ध धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगर रिविलगंज नगर पंचायत क्षेत्र में कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगने वाला गोदना-सेमरिया मेला का गौरवमयी इतिहास व पहचान रहा है।इसकी इतिहास उतनी ही पुरनी है जितनी हमारी धार्मिक सभ्यता का विकास।
मुगलकालीन ब्रिटिश काल मे प्रमुख व्यवसायिक केंद्र रहा रिविलगंज में लगने वाले इस मेला को वर्ष 1998 में पूर्व राज्य मंत्री उदित राय के प्रयास से बिहार सरकार द्वारा इसकी सरकारी मान्यता मिली ।इस मेला के संदर्भ में अनेकों दंत कथाएं तथा किवंदतियां है।धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक न्याय शास्त्र के प्रणेता महर्षि गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या ( नारी से पत्थर बनी ) का उद्धार मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम द्वारा जनकपुर जाने के क्रम में किये जाने के साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के दिन से यह मेला लगते आ रहा है।
दूसरी घटना,भगवान श्री राम समेत चारों भाईयों के अवतार से जुड़ी हुई है।रामचरित मानस में इसकी चर्चा है कि सरयू नदी के तट पर ही यज्ञ महर्षि ऋषिराज श्रृंगी ऋषि ने पुत्रेष्टि यज्ञ कराया था इसी उपलक्ष्य में यह मेला वर्षों से लगता आ रहा है जिसमें लाखों श्रद्धालु मोक्ष की प्राप्ति के लिये सरयू नदी के विभिन्न महत्वपूर्ण घाटों पर स्नान कर दान पुण्य एवं पूजा अर्चना करते है।

स्कंदपुराण में यह दर्शाया गया है कि तीर्थ में जो गो-दान ( गाय-दान ),अन्न दान,रत्न दान,भूमि दान,वस्त्र दान करते है वे सत्य श्रीहरि के धाम को जाते है ।यहां कार्तिक एवं माघ मास में सेवन एवं स्नान जो करते है वे जीवन के समस्त पापों तथा ब्रह्म हत्या के दोष से रहित होकर वैकुंठ में स्थान पाते है।
*सरकार व प्रशासन के सहयोग बनी रहती है अपेक्षा*

अनेकता में एकता और आपसी भाईचारा कायम करने वाला इस मेले के आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए रिविलगंज नगर एवं प्रखंड
वासियों में सरकार एवं जिला प्रशासन से सदैव सहयोग की अपेक्षा बनी रहती है।
कई बुद्धिजीवियों व बुजुर्ग व्यक्तियों की बातें मानी जाय तो उनका स्पष्ट कहना है कि भले ही यह सरकारी स्तर पर दो से तीन दिनों का यह मेला दिखता हो मगर पखवारे को कौन कहे महीनों दिनों तक यह मेला किसी न किसी रूप में दिखता है जहां ग्रामीण संस्कृति व मान्यता खुले रूप से दिखती है।आवश्यकता है इसे सजाने संवारने की ताकि इसकी पुरानी धार्मिक परंपरा एवं महत्ता की जीवंतता प्रदान हो सके।

उधर,नगर पंचायत प्रशासन एवं गोदना-सेमरिया (रिविलगंज ) मेला समिति द्वारा इस मेला की तैयारी को अंतिम स्वरूप प्रदान किया जा रहा है

 

जहां 26 नवम्बर को संध्या समय श्रीनाथ बाबा मंदिर के पास बनाये जा रहे भव्य पंडाल में अतिथियों , जनप्रतिनिधियों व हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में उद्घाटन होगा।जिसमे बिहार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री जितेंद्र कुमार राय विशिष्ट अतिथियों यथा सांसद राजीव प्रताप रूडी,विधायक ड़ॉ सी एन गुप्ता,विधान पार्षद ड़ॉ वीरेंद्र नारायण यादव,ई सच्चिदानंद राय, आफाक अहमद, जिला परिषद की अध्यक्ष जय मित्रा देवी ,एसडीएम संजय कुमार राय डीएसपी, संतोष कुमार, प्रखंड प्रमुख राहुल राज ,मुख्य पार्षद अमिता यादव ,उप मुख्य पार्षद अर्चना देवी कार्यपालक पदाधिकारी सुरभि सिन्हा सहित अन्य वार्ड पार्षदों एवं पदाधिकारियों की उपस्थिति में करेंगे। इस मेला का विधिवत समापन अगले दिन यानी 27 नवम्बर को संध्या समय मे होगा।

 

 

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