विकसित कृषि संकल्प अभियान का भव्य शुभारंभ, मंत्री ने बीज रथ को दिखाई हरी झंडी

Rakesh Gupta
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*किसानों की समृद्धि और नवाचार से जुड़ा राष्ट्रीय संकल्प
*आज़ादी के बाद पहली बार किसानों से सीधा संवाद स्थापित

(हरिप्रसाद शर्मा) अजमेर: किसानों की समृद्धि और कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा विकसित कृषि संकल्प अभियान का भव्य शुभारंभ ग्राम पंचायत रलावता से किया गया। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी और राज्य कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने बीज रथ को हरी झंडी दिखाकर अभियान की शुरुआत की। कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र, तबीजी के तत्वावधान में किया गया।

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यह अभियान 29 मई से 12 जून तक देश के 20 राज्यों के 700 जिलों के 65 हजार से अधिक गांवों में चलाया जाएगा। इस दौरान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और कृषि मंत्रालय की 2,170 वैज्ञानिक टीमें लगभग 1.5 करोड़ किसानों से सीधा संवाद करेंगी। इसका उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से अवगत कराना, केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी देना, मृदा स्वास्थ्य, संतुलित उर्वरक उपयोग और प्राकृतिक खेती के महत्व को समझाना है।

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने इसे किसानों की समृद्धि और नवाचार से जुड़ा राष्ट्रीय संकल्प बताया। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक तकनीकों, मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, ड्रिप इरिगेशन, पॉलीहाउस जैसी प्रणालियों से खेती को लाभकारी बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि खेती अब एक उद्योग का रूप ले रही है और यह भविष्य में देश की सबसे बड़ी इंडस्ट्री बनेगी। राज्य कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि आज़ादी के बाद पहली बार इतने व्यापक स्तर पर किसानों से सीधा संवाद स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह अभियान कृषि, उद्यानिकी और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में किसानों को योजनाओं और तकनीकों की जानकारी उनके गांवों में ही उपलब्ध कराएगा। उन्होंने शेखावाटी और श्रीगंगानगर जैसे क्षेत्रों में तकनीकी खेती के सफल उदाहरण भी प्रस्तुत किए।

कार्यक्रम में कर्ण कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के कुलगुरु डॉ. बलराज सिंह ने प्रमाणित बीज, गर्मी में गहरी जुताई, बागवानी आदि पर जोर दिया। अटारी जोधपुर के निदेशक डॉ. जे.पी. मिश्रा ने अभियान की रूपरेखा प्रस्तुत की और एनआरसीएस, अजमेर के निदेशक डॉ. विनय भारद्वाज ने वैज्ञानिकों और किसानों की सहभागिता को सराहा। इस अवसर पर कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन विभाग के अधिकारी, वैज्ञानिक, पंचायती राज प्रतिनिधि, बड़ी संख्या में किसान, विद्यार्थी व ग्रामीणजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में वैज्ञानिकों और किसानों की संवादात्मक बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें किसानों की समस्याओं पर चर्चा हुई और योजनाओं की जानकारी दी गई। यह अभियान किसानों के जीवन में तकनीकी सशक्तिकरण, समृद्धि और नवचेतना का संचार करने वाला एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।

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