सारण: केंद्र सरकार ने 9 साल में जनता को तबाही और बर्बादी के सिवा कुछ नहीं दिया..

Rakesh Gupta
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केंद्र के खिलाफ एक दिवसीय धरना में महागठबंधन के सभी नेता हुए शामिल

महागठबंधन के नेताओं ने धरना के माध्यम से केंद्र सरकार को जमकर कोसा, कहां हर मोर्चे पर सरकार विफल साबित हुई

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बिहार न्यूज़ लाइव सारण डेस्क:  छपरा। प्रदेश मुख्यालय के निर्देश के आलोक में

राज्य स्तर पर आयोजित महागठबंधन के धरना कार्यक्रम के तहत
सदर प्रखण्ड मुख्यालय पर महागठबंधन के नेताओं द्वारा धरना दिया गया। इस कार्यक्रम के लिए प्रदेश से नियुक्त राजद जिला प्रवेक्षक पूर्व मंत्री वृषिण पटेल एवं प्रदेश जदयू प्रवेक्षक सह प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा की उपस्थिति व राजद प्रखण्ड अध्यक्ष सुरेन्द्र यादव के अध्यक्षता में एक दिवसीय धरना दिया गया।
जदयू प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा ने धरना को सम्बोधित करते हुए कहा कि मोदी शासन के 9 साल जनता की ताबही और बर्बादी,लूट – खसोट और नफरत का दौर साबित हुआ है, महगाई की मार से जनता त्रस्त है, रसोई गैस की कीमत 1300 रु प्रति सिलेंडर पार कर गईं है।

जबकि गरखा विधानसभा जदयू प्रभारी सह पूर्व विधायक प्रभुनाथ राम ने धरना को संबोधित करते हुए कहा कि लुढ़कते रुपए के बीच बिदेशी कर्ज साल -दर साल बढ़कर 620.7 अरब डालर तक पहुँच गया है, 2014 के पहले देश की सभी सकार ने कुल 55 लाख करोड़ का कर्ज लिया था।

 

जबकि मोदी सरकार ने अपने 9 साल के शासन में अकेले 85 लाख करोड़ का कर्ज लिया है। धरना को संबोधित करते हुए
जदयू जिला अध्यक्ष अल्ताफ आलम राजू ने कहा की केंद्र सरकार शिक्षा, स्वास्थ, सिंचाई, मनरेगा, सहित अन्य ग्रामीण विकास और कल्याणकारी योजनाओ के मद में लगातार कटौती कर रही है, जिससे मनरेगा में 429 रु मजदूरी देने से साफ इंकार कर दिया है, जानवितण प्रणाली और खाद्दान्न योजना को भी खत्म करने की साजिश कर रही है। इस अवसर पर राजद जिला अध्यक्ष सुनील कुमार राय ने कहा की नोट बंदी और जीएसटी की मार से छोटे – मझोले ब्यवसायी अभी तक उभर भी नहीं पाए है, इधर 2000 रु का नोट बन्द कर कालाधन पर हमले का एक बार फिर भ्रम पैदा किया जा रहा है।

 

प्रखंड मुख्यालय पर आयोजित धरना को संबोधित करते हुए कांग्रेस जिला अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा की भाजपा द्वारा दलितों – पिछड़ो के आरक्षण में कटौती की भी साजिश जारी है, सरकारी योजनाओं में सभी समुदाय के लिए न्यासंगत व समावेशी विकास के लिए महागठबंधन ने केंद्र सरकार से जाति आधारित सर्वे की मांग की थी जिसे नकार दिया। वहीं सीपीआई के जिला सचिव रामबाबू सिंह ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने किसानो की आय दुगुनी करने का वादा किया था, लेकिन मोदी सरकार किसानों को उनकी जमीन से बेदखल कर कारपोरेटर के हाथों में जमीन देने का कानून लेकर आई है।

 

महागठबंधन के अन्य नेताओं में क्रमशः सीपीएम के जिला सचिव बटेसर कुशवाहा,माले के जिला सचिव साभा राय, जदयू जिला उपाध्यक्ष अरशद परवेज उर्फ मुन्नीजी ,राजद नेता राधेकृष्ण प्रसाद, राजद जिला सचिव सागर नौशेरवान,कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष शंकर चौधरी, कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष मनोज भारद्वाज, सीपीएम के शैलेन्दर यादव, सीपीआई के मुरारी सिंह,चंद्रभूषण पंडित, जदयू जिला प्रवक्ता मो. फिरोज, कुसुम देवी,छठीलाल प्रसाद, जहाँगीर आलम मुन्ना,संजीव सिंह, गुड्डी जायसवाल,डॉ रमेश प्रसाद, शम्भु मांझी, ई0 प्रभाष रंजन, दिगंबर तिवारी,कुसुम रानी, सकीला बानो, रमेश किशन कुशवाहा तथा आशिफ़ खान आदि नेताओं ने केंद्र सरकार को जमकर कोसते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है, गरीब, गरीब हो रहे हैं और अमीर, अमीर हो रहे हैं, ऐसी सरकार को सत्ता में बने का कोई हक़ नहीं है। मंच का संचालन जदयू के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष जयप्रकाश यादव ने किया।

 

 

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