*प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन* विहार के दौरान संबंधित प्रशासन द्वारा मार्गों पर विशेष पुलिस सुरक्षा व्यवस्था
(हरिप्रसाद ) अजमेर:देशभर में साधु-संतों के विहार के दौरान हुईं दुखद दुर्घटनाओं और जैन तीर्थ स्थलों पर लगातार हो रही चोरी व आपराधिक घटनाओं को लेकर जैन समाज में गहरा आक्रोश व्याप्त है। इसी के विरोध में अजमेर में सकल जैन समाज के लोगों ने एक शांतिपूर्ण मौन रैली निकालकर जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान के मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा।अजमेर नगर निगम के डिप्टी मेयर नीरज जैन ने कहा कि ज्ञापन में प्रमुख मांग की गई कि साधु-संतों के विहार के दौरान संबंधित प्रशासन द्वारा मार्गों पर विशेष पुलिस सुरक्षा व्यवस्था की जाए, ताकि यातायात व्यवस्थित रहे और दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
साथ ही, तीर्थ स्थलों पर हो रही चोरी व अन्य अपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष सुरक्षा उपाय किए जाएं तथा असामाजिक तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई हो।समाज ने यह भी मांग की कि साधु-संतों को टक्कर मारकर भाग जाने वाले चालकों पर पूरे प्रदेश में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 106 के अंतर्गत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। इसके अतिरिक्त ज्ञापन में सभी प्रमुख सड़कों व राजमार्गों पर विशेषकर पदयात्रा मार्गों पर न्यूनतम तीन फीट चौड़े और एक फीट ऊंचे रेलिंगयुक्त फुटपाथ बनाए जाने की मांग रखी गई है, जिससे साधु-संतों, श्रद्धालुओं और आम पदयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।साथ ही सड़क डिवाइडर बनाए जाने व यातायात नियमों के कड़ाई से पालन की आवश्यकता पर भी बल दिया गया। जैन समाज ने केंद्र सरकार से “राष्ट्रीय पदयात्री सुरक्षा मिशन” की शुरुआत करने की मांग की, जो विशेष रूप से साधु-संतों व तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए समर्पित हो, साथ ही देश की हर सड़क पर चलने वाले नागरिक के जीवन की रक्षा व गरिमा को सुनिश्चित करे।
डिप्टी मेयर नीरज जैन ने कहा कि ज्ञापन में सरकार से आग्रह किया गया कि इस गंभीर विषय पर त्वरित और निर्णायक कदम उठाते हुए शीघ्र कार्रवाई की जाए और समाज को अवगत कराया जाए। मौन रैली में बड़ी संख्या में जैन समाज की महिलाएं व पुरुष शामिल थे।