(हरिप्रसाद शर्मा) जयपुर : राजस्थान विधानसभा में सोमवार को आयोजित युवा संसद में कोचिंग छात्रों की आत्महत्याएं, पढ़ाई का दबाव, मानसिक स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था की कमियां प्रमुख मुद्दे रहे। प्रदेश के 41 जिलों से आए 164 छात्र-छात्राओं ने बेबाकी से अपनी बात रखी और सरकार को सुझाव भी दिए। छात्रा फाल्गुनी यादव ने कहा कि आज के किशोर महाभारत के अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह में फंसे हैं।
‘स्टूडेंट सुसाइड के आंकड़े सभ्य समाज पर कालिख’
छात्र गौरव यादव ने कहा कि छात्र आत्महत्याएं केवल आंकड़े नहीं हैं, बल्कि हर संख्या के पीछे उजड़ा हुआ परिवार है। NCRB का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान में 2020 में जहां 5 हजार से ज्यादा छात्र आत्महत्याएं हुईं, वहीं यह संख्या अब 13 हजार पार कर चुकी है। माता-पिता की बढ़ती अपेक्षाएं और पढ़ाई का दबाव युवाओं को तोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि छात्रों की मौतों के यह मामले सभ्य समाज पर कालिख है।
‘कोचिंग सेंटर आत्महत्या फैक्ट्री बनते जा रहे’
छात्र तपिश वैष्णव ने कहा कि राजस्थान के कोचिंग संस्थान शिक्षा के केंद्र नहीं, बल्कि आत्महत्या फैक्ट्री कहलाने लगे हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को मौलिक अधिकार की बजाय विशेषाधिकार बना दिया गया है। लाखों छात्र हर साल इस दबाव में झुलस रहे हैं।
‘स्कूलों में करियर काउंसलर क्यों नहीं?’
छात्रा खुशी राजपुरोहित ने कहा कि आज युवाओं को पहाड़े से ज्यादा मोबाइल पासवर्ड याद हैं। उन्होंने स्कूलों में करियर काउंसलर, नो मोबाइल जोन और सिलेबस में तनाव प्रबंधन शामिल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि 90% से ज्यादा स्कूलों में प्रशिक्षित करियर काउंसलर नहीं हैं।
योजनाएं आसमान में, युवा जमीन पर भटक रहा’
छात्रा प्रतीक्षा भंडारी ने कहा कि सरकार योजनाएं तो बनाती है, लेकिन वे युवाओं तक पहुंचती नहीं हैं। उन्होंने कहा कि योजनाएं आसमान में हैं और युवा जमीन पर भटक रहे हैं। जब साबुन का विज्ञापन रोज दिख सकता है, तो करियर और शिक्षा से जुड़ी जानकारी क्यों नहीं? करियर और शिक्षा युवाओं की सबसे बड़ी जरूरत है।
‘स्कूलों के टाइम टेबल में खेल का पीरियड ही नहीं’
नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहीं उदयपुर की छात्रा हिमानी ने कहा कि कोचिंग हब होना गर्व की बात है, लेकिन बच्चों की जान सुरक्षित रहनी चाहिए। स्कूलों में खेलकूद के पीरियड नहीं हैं, जिससे शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित हो रहा है। उन्होंने स्कूलों में साइकोलॉजिस्ट और करियर काउंसलर नियुक्त करने की मांग की।
देवनानी बोले मजबूत होना जरूरी
स्पीकर वासुदेव देवनानी ने युवा संसद को संबोधित करते हुए कहा कि मजबूत बनने के लिए मजबूत मन होना जरूरी है।युवा संसद में छात्रों ने स्पष्ट संदेश दिया कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार, मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान और कोचिंग सिस्टम पर नियंत्रण अब समय की मांग है।
