बिहार न्यूज़ लाइव जमुई डेस्क मृगांक शेखर सिंह/जमुई / सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए शिक्षा विभाग के द्वारा चहक कार्यक्रम शुरू किया है।इसके तहत प्रखंड के प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षक को प्रशिक्षित किया जाना है।इसी कड़ी मंगलवार को जमुई जिले के अलीगंज बीआरसी में एक दिवसीय गैर आवसीय प्रशिक्षण शुरू किया गया।
तीन दिनों तक चलने वाला एक दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी हरीशचंद्र सिंह, बीआरपी नरेश प्रसाद,प्रशिक्षक सरजीत कुमार,चंद्रशेखर कुमार,
एवं मनोज कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का आयोजन किया।कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षु शिक्षकों को चहक कार्यक्रम के उद्देश्य और कक्षा एक के बच्चों को अक्षर ज्ञान के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के तौर-तरीकों को बताया।
बीईओ हरीशचंद्र सिंह बताया कि चहक कार्यक्रम मूल रूप से आंगनबाड़ी केंद्रों से आकर पहली कक्षा में नामांकन कराने वाले बच्चों के शैक्षणिक आधार को मजबूत करने के लिए चलाया गया है। वहीं प्रशिक्षक सरजीत कुमार,चंद्रशेखर कुमार ने जनकारी देते हुए बताया की प्री-प्राइमरी से आने वाले इन बच्चों को अंक गणना और अक्षर ज्ञान के साथ उनकी बौद्धिक क्षमता को मजबूत किया जाएगा। नई शिक्षा नीति और शिक्षा के अधिकार कानून के तहत यह कार्यक्रम शुरू किया गया है। शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रखंड के 120 विद्यालय के एक शिक्षको को ट्रेनिंग दिया जाना है।अलीगंज बीआरसी केंद्रों पर मास्टर ट्रेनर और मेंटर की प्रतिनियुक्ति की गई है।जिसमे एक दिन में 40 स्कूल के प्रशिक्षु शिक्षकों को चहक कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण दिया जा रहा है।इसमें प्रत्येक स्कूल के पहली कक्षा के वर्ग शिक्षक शामिल हुए।
इस कार्यक्रम से आंगनबाड़ी से निकलने के बाद सीधे स्कूलों की पहली कक्षा में नामांकन कराने वाले बच्चों का शैक्षणिक विकास होगा। इसके लिए बच्चों को एक परिवेश देने के उद्देश्य चहक कार्यक्रम के तहत पहले शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि अपने-अपने विद्यालय के छात्र-छात्राओं को खुशनुमा माहौल में पढ़ सके, बच्चे करें सहज महसूस मॉड्यूल का उद्देश्य विद्यालय में बच्चे अपने को सहज महसूस कर सके।चहक भी एक ऐसी गतिविधि आधारित मॉड्यूल है, इसका निर्माण वर्ग एक के नव नामांकित बच्चों के लिए किया गया है।
इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को विद्यालय के प्रति सहज बनाना तथा विद्यालय से जुड़ाव रखता है। उक्त कार्यक्रम के तहत वर्ग के एक के नव नामांकित बच्चों को तीन माह तक की कई की गई गतिविधियों के माध्यम से बच्चों की शारीरिक विकास, भाषा विकास, संध्या ज्ञान पर्यावरणीय जागरूकता सामाजिक व भावनात्मक विकास जैसे आयाम का विकास किया जाएगा।