-पाक तनाव के बीच अलर्ट पर जेएलएन अस्पताल, पूरी की तैयारी
*अस्पताल को आपदा की स्थिति से निपटने तैयार
(हरिप्रसाद शर्मा) अजमेर/भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए अजमेर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल जवाहरलाल नेहरू (जेएलएन) हॉस्पिटल को पूरी तरह अलर्ट पर रखा गया है। अस्पताल प्रशासन ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है।
अजमेर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अनिल सामरिया ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश पर अस्पताल को आपदा की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार किया गया है। दवाइयों का अच्छा भंडारण किया गया है और डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की टीमें भी तैनात हैं।
आपदा के समय खून की कमी न हो, इसके लिए अस्पताल में रक्तदान शिविर लगाया गया। इस कैंप में मेडिकल कॉलेज के छात्र, छात्राएं और रेजिडेंट डॉक्टरों ने बड़ी संख्या में रक्तदान किया। रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दिलराज मीणा ने बताया कि सभी डॉक्टरों ने रक्तदान किया है और अगर किसी आपात समय में खून की ज़रूरत पड़ी, तो तुरंत उपलब्ध कराया जाएगा।
अजमेर के जेएलएन अस्पताल में न सिर्फ दवाइयों और खून की व्यवस्था की गई है, बल्कि आपदा से निपटने की तैयारी भी मॉक ड्रिल के जरिए परखी गई। एक नकली एयर स्ट्राइक की सूचना मानकर अस्पताल में आग लगने की स्थिति बनाई गई। इसके बाद फायर ब्रिगेड, पुलिस, डॉक्टर और अन्य विभागों की टीमों ने मिलकर आग बुझाने और मरीजों को सुरक्षित करने का अभ्यास किया। सभी विभागों ने मिलकर बेहतर तालमेल दिखाया।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनिल सामरिया ने बताया कि अस्पताल किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। मरीजों को तुरंत इलाज मिल सके, इसके लिए लगातार निगरानी की जा रही है। अगर जरूरत पड़ी तो अस्पताल में अतिरिक्त बेड और ऑक्सीजन सिलेंडर की भी व्यवस्था की जाएगी।
डॉ. सामरिया ने कहा कि भारत-पाक तनाव के बीच जेएलएन अस्पताल ने जिस तरह से मानवता और आपदा प्रबंधन की मिसाल पेश की है, वह सराहनीय है। इस दौरान अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरविंद खरे, उपाधीक्षक डॉ. अमित यादव, रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दिलराज मीणा समेत कई डॉक्टर मौजूद रहे।