जानें कौन हैं गृह मंत्री सम्राट चौधरी, चुनाव प्रचार के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने सम्राट चौधरी को ‘बड़ा आदमी’ बनाने का किया था वादा

Rakesh Gupta
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जानें कौन हैं सम्राट चौधरी, जो नीतीश कुमार के साथ संभालेंगे गृह मंत्री का पद,

चुनाव प्रचार के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने सम्राट चौधरी को ‘बड़ा आदमी’ बनाने का किया था वादा

मुंगेर जिले के छोटे-से गांव लखनपुर से निकले BJP के ‘पोस्टर ब्वॉय’ सम्राट चौधरी की कहानी

स्थानीय संपादक राकेश कुमार गुप्ता

पटना। नीतीश कुमार ने 10वीं बार बिहार के मुख्‍यमंत्री के तौर पर गुरुवार 20 नवंबर 2025 को शपथ ली। उनके साथ सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्‍हा ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। बीजेपी ने राजनीती के भीष्म पितामह कहे जाने वाले शुकनी चौधरी के पुत्र एवं कोइरी समाज के सम्राट चौधरी को गृह मंत्री बनाकर ओबीसी समाज को बड़ा मैसेज दिया है। सम्राट चौधरी को मंत्री बनाए जाने से अंग प्रदेश के लोगों में फिर दोबारा विकास की किरणें की उम्मीद दिख रही है।

सम्राट चौधरी कुशवाहा समाज से आते हैं। उनका जन्म 16 नवंबर 1968 को मुंगेर के लखनपुर गांव में हुआ था। सम्राट चौधरी राजनीती के भीष्म पितामह कहे जाने वाले शकुनी चौधरी के पुत्र हैं। शकुनी चौधरी समता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले सम्राट चौधरी बिहार विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष थे। सम्राट चौधरी कहा करते थे कि समता पार्टी मेरे बेड रूम में बनी थी। नितीश कुमार ने उसे हड़प लिया।

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सम्राट चौधरी का प्रारंभिक जीवन

पारिवारिक जीवनः सम्राट चौधरी का जन्म 16 नवम्बर 1968 को मुंगेर के लखनपुर गांव में हुआ था। इनके माता का नाम पार्वती देवी तथा पिता का नाम शकुनी चौधरी है। इनका पैतृक गांव मुंगेर जिले के तारापुर प्रखंड के लखनपुर में है। राजनीतिज्ञ परिवार से सम्बन्ध रखने वाले सम्राट के पिता श्री शकुनी चौधरी सात बार विधायक और सांसद रह चुके हैं। माता पार्वती देवी तारापुर से विधायक रह चुकी हैं। भाई का नाम रोहित चौधरी है। जिन्होंने इंजीनियर की पढ़ाई की है विद्यालय जीवन के बाद सम्राट ने मदुरई कामराज विश्वविद्यालय से पी. एफ.सी. की पढ़ाई की है। सम्राट ने 2007 में ममता चौधरी से विवाह किया, जिसे दो सन्तान हैं प्रणय प्रियम चौधरी और चारू प्रिया।

राजनीतिक जीवन
सम्राट चौधरी 1990 में सक्रिय राजनीति में शामिल हो गए और 19 मई 1999 को उन्होंने बिहार सरकार में मापतौल व बागवानी मंत्री के पद की शपथ ली। सन् 2000 और 2010 में परबत्ता विधानसभा से चुनाव लड़ा और विधायक निर्वाचित हुए। 2010 में उन्हें बिहार विधानसभा में विपक्षी दल के मुख्य सचेतक बनाया गया था। 2 जून 2014 को बिहार सरकार में शहरी विकास और आवास विभाग के मंत्री पद की शपथ ली और कार्यभार संभाला था। 2018 में भारतीय जनता पार्टी में उन्हें बिहार प्रदेश का उपाध्यक्ष बनाया गया। वर्तमान में श्री सम्राट चौधरी भारतीय जनता पार्टी से विधान परिषद के सदस्य हैं और अशोक एस फाउंडेशन के मुख्य संरक्षक भी हैं।सम्राट चौधरी कोयरी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। जो पिछड़ी जाति में आता है। पिता शकुनी चौधरी भी एक अनुभवी राजनेता थे। शकुनी चौधरी अपने आप को कोयरी नेता के रूप में और जमीनी रूप से तारापुर विधानसभा से जुड़े रहे। लगातार तीन बार रिकॉर्ड विधायक रहे। उनके बड़े बेटे सम्राट चौधरी बिहार के सबसे कम उम्र के राबड़ी देवी के मंत्रिमंडल में मापतौल व बागवानी मंत्री में अपना योगदान दिया था। सम्राट चौधरी परबत्ता विधानसभा से चुनाव जीत कर विधायक बने थे। भारतीय जनता पार्टी ने उपेंद्र कुशवाहा के समानांतर नेता के रूप में सम्राट चौधरी को तरजीह दी।बीजेपी में टॉप नेता की श्रेणी में सम्राट चौधरी का नाम पहले स्थान पर आता है।

पिता शकुनी भी दशकों तक विधायक रहे


राजनीती के भीष्म पितामह कहे जाने वाले शुकनी चौधरी एवं उनका परिवार दशकों से बिहार की राजनीति का केंद्र रहा है। उनके पिता शकुनी चौधरी सात बार विधायक और सांसद रह चुके हैं, जबकि मां पार्वती देवी 1995 में तारापुर से विधायक थीं।

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