जितना अच्छा सुना है उसे हृदयगम करें – महन्त नन्दशरण

Rakesh Gupta
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(हरिप्रसाद शर्मा) पुष्कर/अजमेर: तीर्थराज पुष्कर में गायत्री शक्तिपीठ में शांतिकुंज हरिद्वार के व्यवस्थापक श्री योगेंद्र गिरी जी के मुख्य आतिथ्य में एवं पाठक जी महाराज , नंद शरण महाराज के सानिध्य में , विशिष्ट अतिथि राजस्थान प्रभारी श्री गौरीशंकर सैनी एवं ओमप्रकाश अग्रवाल प्रबंधक श्री वेद माता गायत्री ट्रस्ट शाखा पुष्कर की अध्यक्षता में मां गायत्री के सम्मुख दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि महन्त नन्दशरण महाराज ने कहा कि जितना अच्छा सुना है उसे हृदयगम करें। जबकि योगेंद्र गिरी ने कहा कि हमारी संस्कृति के द्वारा जो जीवन जीने की सिद्धांत बनाए गए थे, उन सभी से जन सामान्य को परिचित करवाना है।

 

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सर्वप्रथम गायत्री कचोलिया, जयपुर द्वारा प्रज्ञा गीत “प्यार तुम्हारा पिया बहुत , मां पीनी है अब पीड पराई” प्रस्तुत किया गया। घनश्याम पालीवाल द्वारा माता भगवती देवी शर्मा व श्रीराम शर्मा आचार्य के जीवन पर प्रकाश डाला गया।उन्होंने कहा कि ज्योति कलश में मां गायत्री समस्त ब्रह्मांड की शक्तियों को लेकर इन सात कलशों में विराजित है। शांतिकुंज प्रतिनिधि गौरीशंकर सैनी ने कार्यकर्ताओं को प्रेरित करते हुए कहा कि सच्चा समर्पण व श्रद्धा का भाव ही मनुष्य को हनुमान बना सकता है।

परमात्मा का सानिध्य जीवन में सफलताओं को उत्पन्न करने वाला होता है। कलश ब्रह्मांड का प्रतीक है और वही शुद्ध ज्योति कलश यात्रा में श्रीराम शर्मा आचार्य जी के युग निर्माण के विचारों को चहूंओर प्रेषित करेंगे। यात्रा का उद्देश्य दूषित विचारों का शमन कर विचारों का शुद्धिकरण करते हुए मन के अंधकार नाश करना, नकारात्मक ऊर्जा के स्थान पर सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करना है। समारोह के अध्यक्ष ओम प्रकाश अग्रवाल ने कहा कि ज्योति कलश शक्ति का पुंज है ,यह कलश वातावरण में शक्ति का संचार करते हुए प्रत्येक घर, प्रत्येक गली , व गांव तक पहुंचेंगे। इस ऊर्जा से लोगों के विचारों व परिवेश में शुद्धता का संचार होगा।

कार्यक्रम के अंत में देव संस्कृति विश्वविद्यालय, शांतिकुंज हरिद्वार के प्रति कुलपति डॉक्टर चिन्मय पंड्या द्वारा वर्चुअल माध्यम से सभी को कहा गया कि इस यात्रा के माध्यम से संपूर्ण राजस्थान में एक पावन संकल्प पहुंचेगा। आज के समय में मनुष्य पूरी तरह भीतर से टूटा हुआ व बिखरा हुआ है। आज उसकी लड़ाई स्वयं से है, ना कि बाहर के लोगों से। ऐसी स्थिति में गुरुदेव के विचारों के माध्यम से मनुष्य को उसकी आंतरिक शक्तियों से परिचय करवाना आवश्यक है ।

कार्यक्रम में नागौर के न्यायाधीश सतीश कौशिक , महेंद्र सिंह कड़ेल ,टीआर शर्मा, सतीश भाटी, सीताराम पारीक, रामनिवास वैष्णव, भवानी सिंह राठौड़, श्याम सिंह आदि राजस्थान के प्रत्येक जिले से गायत्री परिजन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन गोपाल स्वामी ने किया।

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