भागलपुर: भगवान धनवंतरि विष्णु के 24 अवतारों में से एक थे और समुद्र मंथन से प्राप्त 14 वें रत्न रूप में प्रकटे थे

Rakesh Gupta
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भागलपुर ,बिहार न्यूज लाईव। शुक्रवार को स्टेशन चौक स्थित देशी दवाखाना में धनवंतरि त्रयोदशी यानी धनतेरस के अवसर पर आरोग्यवरदायी भगवान धनवंतरि जयंती पर पूजन सह वैचारिक विमर्श कार्यक्रम आयोजित हुआ|कार्यक्रमों की अध्यक्षता दवाखाना के मुख्य संचालक वैद्य देवेंद्र कुमार गुप्त ने एवं संचालन डॉक्टर जयन्त जलद ने किया।

 

पंडित अनंत शर्मा ने यजमान देवेंद्र कुमार गुप्त के हाथों भगवान धनवंतरि का पूजन कराया। वैचारिक विमर्श का संचालन करते हुए डॉ जयंत जलद ने कहा कि भगवान धनवंतरि विष्णु के 24 अवतारों में से एक थे और समुद्र मंथन से प्राप्त 14 वें रत्न रूप में प्रकटे थे।काशी नगरी के संस्थापक काश के पुत्र धन्व थे| पुत्र कामना की तपस्या से प्रसन्न हो विष्णु ने धन्व के पुत्र रूप में प्रकटे और नाम धनवंतरि पडा |

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डॉ रतनलाल मित्र ने कहा कि भरद्वाज सेआयुर्वेद ग्रहण कर इन्होने इसे अष्टांग में विभक्त किया| ये सर्वरोगों के निवारण में निष्णात थे अध्यक्षीय सम्बोधन में वैद्य देवेन्द्र कुमार गुप्त ने कहा कि सबसे बड़ा धन स्वास्थ्य है। शारीरिक स्वास्थ्य पर ही हम भौतिक सुखों का उपभोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पंचतत्व निर्मित शरीर की रोगों से रक्षा प्राकृतिक जडीबुटीयों से ही संभव है।मौके पर डाक्टर दिलबहार राय, सुरेन्द्र सिंह, गोबिंद सिंह, उमेश चौरसिया आदि मौजूद थे।

 

 

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