मांझी। नंदलाल सिंह कालेज जैतपुर- दाउदपुर के सभागार में सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की पुण्यतिथि मनाई गई

Rakesh Gupta
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मांझी। नंदलाल सिंह कालेज जैतपुर- दाउदपुर के सभागार में सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की पुण्यतिथि समारोह पूर्वक मनाई गई। शुभारंभ में उनकी तस्वीर पर प्राचार्य एवं प्राध्यापकों ने पुष्प अर्पित किया। उनको याद करते हुए प्राचार्य प्रो. डॉ केपी श्रीवास्तव ने कहा कि छायावाद के प्रवर्तक कवि निराला साहित्य जगत के मूर्धन्य कवि थे।

 

उनकी रचनाओं में दीन- दुखियों के दर्द की आहट मिलती है। निराला जी समता मूलक समाज के पुरजोर समर्थक थे। छात्रों को निराला के जीवन से सीख लेनी चाहिए। हिंदी के प्राध्यापक डॉ चन्द्रभान राम ने कहा कि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला को महाप्राण के नाम से भी जाना जाता है।

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उनका जीवन घोर आर्थिक संकट और कष्ट में व्यतीत हुआ। बाल्यकाल में मां और युवावस्था में पत्नी, बेटी, बहन की मृत्यु ने निराला को झकझोर दिया था। जिसका प्रभाव उनकी रचनाओं में मिलता है। उनकी रचनाओं में रश्मिरथी, हुंकार ,परशुराम की प्रतीक्षा, कुरुक्षेत्र आदि प्रमुख है।

 

वे समय- समय पर साहित्य अकादमी, पद्म भूषण, भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार आदि से सम्मानित हुए। प्राध्यापकों में डॉ रुबी चंद्रा, डॉ संजय कुमार, डॉ राकेश रंजन, डॉ मनोज कुमार ,डॉ स्वर्गदीप शर्मा, डॉ प्रवीण पंकज ने भी अपने-अपने विचार प्रकट किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र व छात्राएं मौजूद थी।

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