पटना: आपदाओं से बचने और बचाने का उपाय, महिला पुलिस को बताया, इंस्पेक्टर ओझा

Rakesh Gupta
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सनोवर खान के साथ रोहित कुमार की रिपोर्ट

बिहार न्यूज़ लाइव /पटना:श्री अरविंद पाण्डेय पुलिस महानिदेशक, सह नागरिक सुरक्षा आयुक्त, बिहार के आदेशा अनुसार आनंदपुर बिहटा में आयोजित बिहार पुलिस बैच के पुरुष और महिला सिपाही, को 12 दिवसीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रबंधन विषयों पर आयोजित पर प्रशिक्षण के पहले, दूसरे, दिन पटना जिला बल से आए हुए प्रशिक्षकों को के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के अनुसार दिया गया ।

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इंस्पेक्टर गणेश जी ओझा ने आपदा की परिभाषा बतलाया, आपदा वह एक भयंकर घटना है, जो मनुष्य जीव, जंतु पर कहर ढाह देती हैं, और सम्मानय जिंदगी को तबाही ला देती हैं, उसी को आपदा कहते हैं। आपदा दो प्रकार की होती हैं प्राकृतिक आपदा और मानवीय जनित आपदा, प्राकृतिक आपदा में बहुत सारी आपदाएं आ जाती है जैसे भूकंप, बाढ़, सुनामी, चक्रवात, ठनका, शीतलहर, अधिक बर्फबारी, बादल फट जाना, ज्वालामुखी फट जाना, अधिक हिमपात होना, अधिक लू बहना, सर्पदंश हो जाना, कोरोनावायरस महामारी फैल जाना, यह सब प्राकृतिक आपदा में आती है इसको रोका नहीं जा सकता है लेकिन यदि आपदाओं से बचने बचाने का उपाय सीखा है तो, इसे कम किया जा सकता है।

 

मानवीय जनित आपदा रोड पर टायर जला देना, पुलिया ध्वस्त कर देना, झगड़ा फसाद करना, अगलगी कर देना, इत्यादि को मानवीय जनित आपदा कहते है, इसे रोका जा सकता है, प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में इंस्पेक्टर ओझा के सहयोगी श्री सूरज कुमार सिन्हा, श्री रमन कुमार, और सिपाही महिला रागिनी, पूजा कुमारी, विजयलक्ष्मी, मनीषा कुमारी, अनूप कुमार, मुकेश कुमार, विश्वजीत कुमार इत्यादि

 

 

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