बिहार न्यूज़ लाईव अररिया डेस्क: विशेष संवाददाता अंकित सिंह./ भरगामा. पुलिसिंग और न्याय व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए बनाए गए तीन नए आपराधिक कानून सोमवार को लागू हो गए हैं. नए आपराधिक कानून को लेकर सोमवार को भरगामा थाना परिसर में थानाध्यक्ष मनीष कुमार की अध्यक्षता में बैठक की गई. जिसमें नए आपराधिक कानून के बारे में विस्तार से लोगों को बताया गया. थाना अध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि नए कानून बहुत हीं महत्वपूर्ण है,जिसमें आईपीसी को रिप्लेस किया गया है. अब भारतीय न्याय संहिता में केस दर्ज होगा. पुलिसकर्मियों को इसलिए जागरूक किया गया है ताकि वह बगैर किसी परेशानी के नए कानून के तहत काम कर सकें. आमलोगों को नए कानून से कैसे लाभ मिलेगा पुलिस की नए कानून से क्या जिम्मेदारियां तय हुई है इसके लिए हर निर्देश जारी किया गया है. सभी पुलिस पदाधिकारी को सरल भाषा में ट्रेनिंग की जानकारी दी गई है. नए कानून के तहत सभी चीजों का डिजिटल रिकॉर्ड मेंटेन किया जाएगा. संगठित अपराध को रोकने के लिए भी नए कानून में कई तरह के प्रावधान लाए हैं. बड़े बदलावों पर तैयार एक पुस्तिका थानाध्यक्षों के स्तर पर आमंत्रित नागरिकों को दी गई. नए कानून लागू होने पर विभिन्न अपराध दर्ज करने की धाराएं और न्याय व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने की उम्मीदें है. नया कानून लागू होने पर सबसे बड़ा बदलाव होगा कि पुलिस जांच पदाधिकारियों की जांच व अनुसंधान का तरीका बदलेगा. डिजिटल पुलिसिंग को बढ़ावा मिलेगा जिससे गंभीर अपराध के घटनास्थल पर उपलब्ध वैज्ञानिक साक्ष्य संकलित किए जा सकेंगे. घटनास्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी पर जोर रहेगा. अपराध में मोबाइल फोन,इंटरनेट मीडिया,इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के आलोक में पुलिस पदाधिकारियों को इलेक्ट्रानिक साक्ष्य एकत्र कर न्यायालय में पेश करने होंगे. खास कर साइबर अपराधों के मामलों में त्वरित कार्रवाई हो सकेगी.
एफआईआर डाउनलोड करने की सुविधा
थाना अध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि वर्तमान में बिहार पुलिस के एससीआरबी वेबसाइट पर एफआईआर डाउनलोड करने की सुविधा उपलब्ध है. शीघ्र ही गुम हुई संपत्ति,लापता व्यक्ति,घरेलू सहायक,ड्राइवर का पूर्व चरित्र सत्यापन,वरिष्ठ नागरिक का रजिस्ट्रेशन व किरायेदार का पूर्व चरित्र सत्यापन जैसी व्यवस्थाएं ऑनलाइन होंगी. बिहार पुलिस की वेबसाइट पर तीनों आपराधिक कानून हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध होंगे.
ई-मेल से करें थानों को शिकायत
डिजिटल पुलिसिंग का फायदा है कि आमजन ई-मेल से भी थानों को अपनी शिकायत भेज सकेंगे. इसके लिए बिहार पुलिस की वेबसाइट पर थानों के नंबर एवं ई-मेल की जानकारी दी गई है. नए कानून में वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन पर जोर से सिर्फ बयान के आधार पर गलत दोषारोपण पर रोक लगेगी. पूरे राज्य में गिरफ्तार होने वाले व्यक्ति के फिंगरप्रिंट डाटाबेस में दर्ज किए जाएंगे. घटनास्थल पर मिलने वाले फिंगरप्रिंट का त्वरित मिलान पूरे देश में गिरफ्तार व्यक्तियों के फिंगरप्रिंट डाटाबेस से किया जा सकेगा.