मन ही बंधन व मोक्षदा कारण है – स्वामी रामचंद्राचार्य

Rakesh Gupta
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*व्यक्ति शरीर से कहीं ऊपर भगवान के चिन्तन
(हरिप्रसाद शर्मा)नैमिषारण्य तीर्थ / सीतापुर/ भगवान श्रीजगन्नाथ के द्वितीय वार्षिक पाटोत्सव एवं श्री लक्ष्मीनारायण यज्ञ के साथ संगीतमय नौ दिवसीय श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन सुप्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में हो रही है ।
व्यासपीठ से रामानुजाचार्य पुष्कर पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामचन्द्राचार्य ने श्रीराम कथा के छठवें दिवस गुरुवार को श्रौताओं को कहा कि मन ही बन्धन व मोक्ष का कारण है ।उन्होंने कहा कि मनुष्य के सुख व दुख का कारण मन है ।


जगद्गुरु ने कहा कि मन से व्यक्ति शरीर से कहीं ऊपर भगवान के चिन्तन व मनन में लगाना है । व भगवान के पास ही है । उन्होंने कहा कि भगवान भक्तों के साथ आँख मिचौली का खेल खेलते हैं । वहीं संयोग से प्रेम भाव व श्रद्धा बढ़ती है । वियोग से दूर सारा जगत् भगवान का है ।गुरूवार को श्रीराम कथा की। यजमान सवाई माधोपुर की श्रीमती अर्चना गुप्ता एवं परिवार रहा, जिन्होंने श्रीराम कथा का पूजन व आरती की।

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स्वामी जी ने कहा कि भगवान पाँच प्रकार से जीवों की रक्षा करते हैं , मोक्ष करते हैं । उसका विस्तार से वर्णन कथा के दौरान श्रोताओं को समझाया है ।


जगद्गुरु ने कहा कि यजमान का भाव प्रधान होता है, भगवान से दूर कोई नहीं, तो नज़दीक भी कोई नहीं है । भगवान का चिन्तन हज़ारों कोस दूर रह रह कर भगवान के पास प्रवेश हों सकते हैं । उन्होंने श्रोताओं को नैमिषारण्य तीर्थ के बारे में भी बताया है । तीर्थ में जाए , स्नान करना चाहिए । धन का सदुपयोग करना चाहिए, भजन करना चाहिए ।


जगद्गुरु स्वामी रामचन्द्राचार्य के सान्निध्य में लक्ष्मी नारायण यज्ञ प्रतिदिन हो रहा है । जिसको आचार्यत्व नन्दकिशोर शास्त्री के द्वारा विद्वान पंडितों यज्ञ किया जा रहा है । जिसमें हज़ारों श्रद्धालुओं ने अपनी भागीदारी आहूति दे रहे हैं ।


वहीं कथा श्रवण करने के लिए जगन्नाथ पुरी से जगद्गुरु स्वामी इन्द्र रमण , जीयर मठ सम्मिलित हुए हैं ।स्वामी अनिरूध्दाचार्य, स्वामी चतुर्भुज दास महाराज,पंडित नन्दकिशोर शास्त्री,उपेंद्र सिंह राजावत सवाई माधोपुर , श्रीमती मधु कंवर ,अवध बिहारी मिश्रा फर्रुखाबाद से श्रीमती कुंती मिश्रा ,मुनेंद्र सिंह बदायूं जनपद, रायपुर मारवाड़ से श्रीमती कौशल्या देवी, तीर्थराज पुष्कर से श्रीमती हरिइच्छा पाराशर हरिप्रसाद शर्मा , भाधव, आलोक मिश्रा आदि के अलावा हज़ारों महिला- पुरूषों ने श्रीराम कथा का श्रवण कर लाभ उठाया है ।

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