पत्रकार से बदसलूकी और मारपीट के आरोप में फंसे मंत्री जीवेश मिश्रा,नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव केस दर्ज कराने पहुंचे थाने

Rakesh Gupta
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बिहार जागरण/अंकित सिंह।(8969174723)बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मची हुई है। नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख तेजस्वी यादव सोमवार को दरभंगा जिले के सिंहवाड़ा क्षेत्र में पहुंचे और पत्रकार दलीप कुमार सहनी उर्फ दिवाकर के घर जाकर हालिया घटना की पूरी जानकारी ली। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए स्थानीय हालात पर अपने विचार साझा किए और एक बड़ा एलान किया।

तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर मंत्री जीवेश मिश्रा को गिरफ्तार नहीं किया गया,तो दरभंगा में चक्का जाम जैसी सख्त कार्रवाई की जाएगी।दरअसल,यह मामला पत्रकार दलीप कुमार सहनी से जुड़ा हुआ है। जानकारी के अनुसार,सहनी ने हाल हीं में कुछ घटनाओं के सिलसिले में स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की,लेकिन पुलिस द्वारा शिकायत नहीं लेने का आरोप लगाया गया। तेजस्वी यादव ने बताया कि जब पत्रकार सहनी थाने गए,तो थाना प्रभारी ने बताया कि पहले दिन जब घटना हुई,तब वे मौजूद थे और उन्होंने शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी,लेकिन पत्रकार ने एफआईआर करने से मना कर दिया।

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इसके बाद जब रात में सहनी पुनः थाने गए,तब पुलिस रेड में व्यस्त थी,इस कारण उनकी शिकायत दर्ज नहीं की गई।तेजस्वी यादव ने इस मौके पर साफ तौर पर कहा कि मंत्री जीवेश मिश्रा ने कई बार अपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे हैं,और उनके खिलाफ कोर्ट द्वारा सजा भी सुनाई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि पत्रकार दिलीप सहनी के साथ जो घटना हुई,वह पूरी तरह से गलत और आपराधिक है।

पत्रकारों को इस तरह से पकड़कर पीटना और गालियां देना किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है। तेजस्वी यादव ने कहा, “क्या 2005 से पहले इस तरह की घटनाएं होती थीं? बिहार में हमने कभी नहीं देखा कि किसी पत्रकार को इस तरह पीटा गया है,गालियां दी गई है,और वह भी किसी मंत्री के द्वारा। ऐसा कृत्य लोकतांत्रिक और संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ है।”तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि आम जनता और कार्यकर्ताओं के प्रति सरकार का रवैया दोहरा मापदंड वाला है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि किसी कार्यकर्ता द्वारा प्रधानमंत्री मोदी जी की मां के लिए कुछ कहा जाता है,तो मीडिया और प्रशासन तुरंत सख्त कार्रवाई करता है।

लेकिन यहां तो खुद बिहार सरकार के मंत्री ने न केवल अपशब्द कहे बल्कि जमकर पीटा भी।साथ हीं नेता प्रतिपक्ष ने चेतावनी दी कि यदि मंत्री जीवेश मिश्रा को तुरंत गिरफ्तार नहीं किया गया,तो दरभंगा में बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चक्का जाम जैसी सख्त कार्रवाई अनिवार्य रूप से की जाएगी,ताकि सरकार और पुलिस को कानून का पालन करना याद दिलाया जा सके।इस मौके पर तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा और लोकतंत्र की रक्षा के लिए उनकी पार्टी पूरी तरह से खड़ी है। उन्होंने कहा कि प्रेस पर हमले और धमकियों की घटनाएं लोकतंत्र के लिए खतरा है और ऐसे मामलों में सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिहार में पुलिस कानून का पालन नहीं कर रही और जनता तथा पत्रकारों की सुरक्षा को गंभीरता से नहीं ले रही।

दरभंगा में हुई यह घटना राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील मानी जा रही है। स्थानीय लोग और पत्रकार इस घटना से आहत हैं। उन्होंने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि तुरंत मंत्री जीवेश मिश्रा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और न्याय सुनिश्चित किया जाए।राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह घटना आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर काफी बड़ी सियासी हलचल पैदा कर सकती है। नेता प्रतिपक्ष द्वारा चक्का जाम जैसी चेतावनी देना,सरकार पर दबाव बनाने का एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार समय पर कार्रवाई नहीं करती है,तो यह आंदोलन पूरे बिहार में फैल सकता है।बता दें कि बिहार में यह पहली बार नहीं है जब पत्रकारों के साथ हिंसक व्यवहार की खबर सामने आई हो,लेकिन एक मंत्री द्वारा इस तरह की घटना की जानकारी सामने आने के बाद पूरे राजनीतिक परिदृश्य में तनाव बढ़ गया है।

तेजस्वी यादव ने साफ किया कि उनका मुख्य उद्देश्य पत्रकारों और आम जनता को न्याय दिलाना है और यदि प्रशासन कानून का पालन नहीं करता है,तो उनके नेतृत्व में बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा।वहीं,स्थानीय प्रशासन ने अभी तक इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। जनता और मीडिया इस पर नजर रखे हुए हैं कि सरकार किस तरह से प्रतिक्रिया देती है और क्या मंत्री जीवेश मिश्रा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होती है।इस मामले ने बिहार की राजनीति में एक बार फिर से नया मोड़ ला दिया है।

नेता प्रतिपक्ष के बयान और चेतावनी के बाद अगले कुछ दिनों में दरभंगा और आसपास के जिलों में राजनीतिक गतिविधियों और विरोध प्रदर्शन में वृद्धि की संभावना जताई जा रही है। तेजस्वी यादव का यह कदम पत्रकारों की सुरक्षा,कानून का पालन और सरकार पर दबाव बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

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