(हरिप्रसाद शर्मा) पुष्कर/ अजमेर: मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी मोनि एकादशी गीता जयंती के नाम से ज्योतिष शास्त्र एवं वेदों शास्त्रों में वर्णित है ।1 दिसंबर सन 2025 सोमवार को सूर्योदय से प्रारंभ होगी शाम को 7:02 तक रहेगी ।इस दिन निंबार्क वैष्णव गृहस्ती जनों के लिए एक ही एकादशी रहेगी ।
वेद एवं शास्त्रों में वर्णित है कि यह एकादशी वर्ष में एक बार ही आती है ,इस दिन एकादशी का उद्यापन हवन पूजन दान पुण्य किया हुआ विष्णु लोक को प्राप्त होता है |
पंडित कैलाश नाथ दाधीच के अनुसार शास्त्रों में वर्णित है कि इस एकादशी का व्रत निराहार रहकर फलाहार लेकर अन का त्याग करके मोहन रहकर जो भी प्राणी इस दिन विष्णु भगवान एवं श्री कृष्ण भगवान की तुलसी पत्र सुगंधित पुष्पों से पूजन करता है ।वह निश्चित मोक्ष को प्राप्त होता है यह एकादशी पापों का सर्वनाश करती है ।पितरों को मोक्ष गति की ओर प्रदान करती है ।
पंडित दाधीच ने बताया कि शास्त्र में विधि लिखी है कि एकादशी की एक दिन पहले दशमी को सात्विक भोजन ग्रहण करके विष्णु भगवान की पूजन करके संकल्प करके इस व्रत को धारण करें एवं एक वर्ष तक या अधिक वर्ष तक करने से अक्षय गुना फल लिखा है । इस दिन का दिया हुआ दान स्वयं विष्णु को प्राप्त होता है ।
मोक्षदा एकादशी के दिन विष्णु भगवान की पूजन पंचामृत से तीर्थ के जल से स्नान 16 प्रकार की पूजन नवीन वस्त्र धारण कराकर सुगंधित पुष्पों की माला इत्र परफ्यूम लगा कर सूखा मेवा दूध से बने पकवान का भोग लगाकर तुलसी पत्र सुगंधित पुष्प अर्पित करने से विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ त्रि सूक्त का पाठ करने से विष्णु भगवान प्रसन्न होते हैं मनोकामना सिद्ध करते हैं ऐसा वेद कहता है ।
महाभारत के पर्व में लिखा है कि भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र में रणभूमि पर इस दिन गीता का 18 अध्याय का श्रवण कराया था उससे अर्जुन का परिवार से मोह भंग होकर भगवान श्री कृष्ण के चरणों में भक्ति में होकर श्रवण करने से पांडव कौरव युद्ध में विजय श्री प्रधान प्राप्त हुई ।
ऐसा भी वर्णन है कि इस दिन श्री कृष्ण भगवान की पूजन करने से तुलसी पत्र सुगंधित पुष्प अर्पित करने से गीता का पाठ करने से हवन पूजन दान पुण्य करने से तीर्थ में नदियों में समुद्र में ब्रह्मा सरोवर में पुष्कर राज में स्नान दान पुण्य का अक्षय गुणनफल लिखा है ।
इस दिन पुस्तक का दान गीता भागवत रामायण धार्मिक पुस्तकों का दान करने से जीवन में सुख समृद्धि शांति प्राप्त होती है ।एकादशी को रात्रि जागरण विष्णु मंत्र नारायण मंत्र का जाप करना एवं पीली वस्तु पीले फल पीले पुष्प तुलसी पत्र से विष्णु भगवान का पूजन करने से मनो रथ सिद्ध होते हैं ।
मोक्षदा एकादशी का पारण द्वादशी को भोजन वस्त्र दक्षिण दान पुण्य करके भोजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है ।
मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से पुनर्जन्म के बंधन से मुक्ति मिलती है सुख समृद्धि प्राप्त होकर मनोकामना सिद्ध होता है एवं पितृ मोक्ष गति को प्राप्त होते हैं इस दिन मौन रहने का भी विधान लिखा हुआ है ।
उद्यापन में ब्राह्मण से हवन पूजन कराकर 26 जोड़ों को एकादशी को फलाहार खिलाकर द्वादशी को भोजन वस्त्र दक्षिण दान पुण्य करने से हवन पूजन करने से स्वयं नारायण का आशीर्वाद प्राप्त होता है ।
मोक्षदा एकादशी श्री गीता जयंती दोनों का ही पुण्य प्राप्त होता है अतः इस दिन स्वयं विष्णु नारायण का एवं भगवान श्री कृष्ण अर्जुन का पूजन करने का विधान शास्त्रों में वर्णित है ।
