मुंगेर: शहर के लिए शुभ नहीं माना जा रहा मुंगेर किला का बंद घड़ी

Rakesh Gupta
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बिहार न्यूज़ लाइव मुंगेर डेस्क मुंगेर योग नगरी की पहचान मुंगेर लाल किला की घड़ी बरसों से बंद पड़ा हुआ है वही, किला का खाई कूड़ा स्टैंड बन गया है जितने भी सब्जी विक्रेता है वह सड़ा हुआ सब्जी और मरा हुआ जानवर को फेंकने का काम जिला के खाई में करते हैं|.

 

जैसा कि मान्यता है कि मुंगेर शहर की पहचान और सरकारी कार्यक्रमों का पहचान मुंगेर किला के चिन्ह के साथ रहता है| ज्योतिष शांडिल का कहना है कि बंद घड़ी शुभ नहीं माना जाता है| बताते चले की 1934 भूकंप के बाद लाल किला क्षतिग्रस्त हो गया था जिसका पुनः निर्माण सन 1975 में किया गया|

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निर्माण में सहयोग की राशि आईटीसी मालिक चंद्रिका प्रसाद, अर्जुन सिंह, जिलाधिकारी, दास एंड कंपनी रामेश्वर प्रसाद सिंह, लखीसराय टॉकीज के मालिक कृष्ण अर्जुन, शस्त्र निर्माता गिरी लाल एंड संस, बुद्धू एंड संस आदित्य चंद्र सिंह अरुण चंद्र सिंह वासुदेव प्रसाद खेतान ओरिएंटल आर्म्स कंपनी द्वारा दिए गए कुल 101315 लाख रुपए की लागत से किला का निर्माण हुआ था. कई योजनाएं किला सुंदरता के लिए आए पर उसका सकारात्मक रूप अभी तक नहीं दिखा ना ही शहर वासियों को इसका लाभ मिला.

 

 

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