अंकित सिंह,भरगामा (अररिया)
समाजवादी विचारधारा के अग्रदूत,समतामूलक समाज के सजग प्रहरी,प्रखर समाजसेवी,नरेश पासवान का पटना के नीज निवास पर गुरुवार को करीब 8 बजे सुबह में निधन हो गया,वो करीब 75 वर्ष के थे। उन्होंने अपने पिछे एक पुत्री और दो पुत्र छोड़ गए हैं। वो पिछले एक साल से बीमार चल रहे थे। नरेश पासवान भारतीय रेल की नौकरी छोड़कर राजनीति में सक्रिय हुए और सियासत के बड़े खिलाड़ी निकले और अपने पत्नी शांति देवी को रानीगंज सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाकर जीत दिलाकर उन्हें बिहार सरकार में दो बार मंत्री बनवाया। नरेश पासवान के निधन की खबर सुनकर क्षेत्र में गम का माहौल बन गया,दूसरे दिन शुक्रवार को अररिया जिला के भरगामा थाना क्षेत्र अंतर्गत नया भरगामा पंचायत स्थित पैतृक गांव लाया गया,नरेश बाबू का पार्थिव शरीर करीब ग्यारह बजे गांव पहुंचा,जहां अंतीम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। जहां हजारों की संख्या में लोगों ने अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित किया। इस अवसर पर शोक-संतप्त परिवार में मुख्यतः पूर्व मंत्री शांति देवी,पुत्री रेखा भारती,पुत्र सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता नितेश राणा एवं मुन्ना राणा मौजूद थे।
इस अवसर पर अपना अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव असलम बेग,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर फारान,पुर्व मंत्री अजीमुद्दीन के बड़े पुत्र इमरान अजीज,जदयू प्रदेश सचिव सत्यनारायण यादव,राजद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव मुख्तार आलम,शेखड़ा विकास परिषद के अध्यक्ष रजी अहमद साहब,मुखिया बसीर अहमद,उप प्रमुख शाहनवाज आलम,पुर्व जिला परिषद सदस्य राजेश चंद्र झा,राजद नेता सुनील सिंह यादव,राजद नेता रामानंद सिंह यादव,राजद नेता अफरोज आलम,कैसर सिक्रेट्री,मास्टर सिकंदर आलम,सलाउद्दीन मास्टर,राजद नेता शब्बीर आलम,भाजपा नेता अनील कुमार दास,खुर्शीद आलम,पुर्व जिला परिषद सदस्य रमेश मेहता आदि मौजूद थे। असलम बेग ने कहा कि नरेश बाबू समाजवादी विचारधारा के अग्रदूत और समतामूलक समाज के सजग प्रहरी थे,वे हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलने वाले इंसान थे।
वहीं शेखड़ा विकास परिषद के अध्यक्ष रजी अहमद ने कहा कि नरेश बाबू सैकुलर विचार के इंसान थे,कभी फिरका परस्त ताकत के सामने नहीं झुके और न हीं कोई उनसे समझौता किया,आजीवन फिरका परस्त ताकत के खिलाफ रहे। पुर्व मंत्री अजीमुद्दीन साहब के बड़े पुत्र इमरान अजीम ने कहा कि नरेश बाबू से परिवारिक रिस्ता रहा है,वो बेहद नेक इंसान थे। वहीं जदयू प्रदेश सचिव सत्यनारायण यादव ने कहा कि नरेश बाबू के गुजरने के बाद सीमांचल वासियों की अपुर्णिय क्षति हुई है। पुर्व परिषद राजेश चंद्र झा ने कहा कि वो हमलोगों के अविभावक के तरह थे उनकी कमी बहुत खलेगी। वहीं पुर्व जिप सदस्य रमेश मेहता ने कहा कि सीमांचल में राजनीतिक चेतना जागृत करने वाले में नरेश बाबू भी रहे हैं। इस श्रद्धांजलि सभा और दाह-संस्कार के अवसर पर सुनील पासवान,शंकर पासवान,मौलाना ईरसाद,सरपंच सलीम,गिलमान,विजय पासवान के अलावा हजारों लोगों ने अश्रुपूर्ण विदाई दी है।