रिपोर्ट:सनोवर खान/रोहित कुमार
बिहार न्यूज़ लाइव /पटना: गुप्त नवरात्री के बारे
मातृ उद्बोधन आध्यात्मिक केन्द्र के संचालक- श्री अरुण कुमार सिंह कहा की शक्ति साधना का सबसे महत्वपूर्ण पर्व नवरात्रि को सनातन धर्म में सबसे पवित्र पर्व माना गया है। हिन्दू धर्म शास्त्रों में , देवी भागवत तथा मार्केण्डय पुराणों में कुल चार नवरात्रि का वर्णन है । चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं ।
एक गुप्त नवरात्रि माघ और दूसरी आषाढ़ के महीने में पड़ती है । इस साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि २२ जनवरी २०२३ से शुरुआत हो रही है । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा- अर्चना की जाती है । ऐसी मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में मॉ अम्बे के नौ रूपों की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। । इस नवरात्रि का समापन ३० जनवरी २०२३ को होगा ।
कलश स्थापना मुहूर्त- सुबह १० बजकर ०४ मिनट से सुबह १० बजकर ५१ मिनट तक ।
कलश स्थापना अभिजीत मुहूर्त- दोपहर १२ बजकर १७ मिनट से दोपहर ०१ बजे तक । मीन लग्न में कलश स्थापना २२ जनवरी २०२३ को सुबह १०.०४ बजे । सभी साधकों को मातृ उदबोधन आध्यात्मिक ट्रस्ट, द्वारिका कॉलेज के पास, अशोकनगर, कंकड़बाग, पटना की ओर से शुभकामनाएँ ।
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