आत्मनिर्भर भारत: रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना की संचार प्रणाली को सुदृढ़ बनाने के लिए 500 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए
आत्मनिर्भर भारत: रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना की संचार प्रणाली को सुदृढ़ बनाने के लिए 500 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए
बिहार न्यूज़ लाइव सेंट्रल डेस्क: रक्षा मंत्रालय ने 15 जून, 2023 को नई दिल्ली में रक्षा उपकरणों के स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने में शामिल निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए हैदराबाद की आईसीओएमएम टेली लिमिटेड के साथ 5/7.5 टन रेडियो रिले संचार उपकरण कंटेनरों की 1,035 संख्याओं की खरीद के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। अंडर बाय (इंडियन) श्रेणी के तहत कॉन्ट्रैक्ट का मूल्य लगभग 500 करोड़ रुपये है। चालू वित्त वर्ष 2023-24 कंटेनरों का वितरण शुरू हो रहा है।
रेडियो रिले कंटेनर भारतीय सेना की मोबाइल संचार टुकड़ियों की लंबे समय से प्रतीक्षित आवश्यकता को पूरा करेंगे। इन कंटेनरों का उपयोग संचार उपकरणों को अधिक विश्वसनीय रूप से कार्य करने के लिए संरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए किया जाएगा। कंटेनरों को अधिकृत विशेष वाहनों पर रखा जाएगा और परिचालन आवश्यकताओं के अनुरूप स्थानांतरित किया जाएगा।
कंपनी स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त सभी उपकरणों और उप-प्रणालियों के साथ कंटेनरों का उत्पादन करेगी। यह रक्षा उपकरणों के स्वदेशी निर्माण को और बढ़ावा देगा तथा निजी क्षेत्र को आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करेगा। ऐसे अत्याधुनिक उपकरणों के विकास से मित्र देशों के साथ निर्यात बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
रक्षा मंत्रालय ने 15 जून, 2023 को नई दिल्ली में रक्षा उपकरणों के स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने में शामिल निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए हैदराबाद की आईसीओएमएम टेली लिमिटेड के साथ 5/7.5 टन रेडियो रिले संचार उपकरण कंटेनरों की 1,035 संख्याओं की खरीद के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। अंडर बाय (इंडियन) श्रेणी के तहत कॉन्ट्रैक्ट का मूल्य लगभग 500 करोड़ रुपये है। चालू वित्त वर्ष 2023-24 कंटेनरों का वितरण शुरू हो रहा है।
रेडियो रिले कंटेनर भारतीय सेना की मोबाइल संचार टुकड़ियों की लंबे समय से प्रतीक्षित आवश्यकता को पूरा करेंगे। इन कंटेनरों का उपयोग संचार उपकरणों को अधिक विश्वसनीय रूप से कार्य करने के लिए संरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए किया जाएगा। कंटेनरों को अधिकृत विशेष वाहनों पर रखा जाएगा और परिचालन आवश्यकताओं के अनुरूप स्थानांतरित किया जाएगा।
कंपनी स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त सभी उपकरणों और उप-प्रणालियों के साथ कंटेनरों का उत्पादन करेगी। यह रक्षा उपकरणों के स्वदेशी निर्माण को और बढ़ावा देगा तथा निजी क्षेत्र को आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करेगा। ऐसे अत्याधुनिक उपकरणों के विकास से मित्र देशों के साथ निर्यात बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
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