बिहार न्यूज़ लाइव / अररिया डेस्क: वरीय संवाददाता अंकित सिंह (अररिया) भरगामा। भाग-दौड़ भरी जिंदगी में मां-बाप के पास बच्चों के लिए समय नहीं होता। बच्चों को उचित घरेलू शिक्षा नहीं मिल पाती जिस कारण वे रास्ता भटक गलत रास्ते पर चल पड़ते हैं। मादक पदार्थों का सेवन करने लगते हैं। पहले इसका सेवन फैशन या शौक से किया जाता जो अब लोग धीरे-धीरे इसके आदि होते जा रहे हैं। भरगामा प्रखंड के विभिन्न गांवों में युवा वर्ग ऐसा भी है,जो प्रतिदिन नस में नशे की सूई लेता है। निकोटीन,कोकीन,कैफीन,कैनाबिस,हीरोइन जैसे नशीले और खतरनाक पदार्थ की चपेट में आ जाते हैं। भरगामा प्रखंड में कई ऐसे जगह हैं जहां सुबह से लेकर शाम तक नशेड़ी नशा लेने के लिए भीड़ लगाए रहते हैं।
चरम पर है नशे का कारोबार
भरगामा प्रखंड में नशा का कारोबार चरम पर है। देश के भविष्य कहे जाने वाले युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में हैं। खुद की जिंदगी के साथ परिवार को बर्बाद कर रहे हैं। अहम बात यह है कि इन्हें नशा करने का साजो सामान भी भरगामा प्रखंड के विभिन्न जगहों पर बड़े आराम से मिलता है। हमारे टीम ने जब भरगामा प्रखंड के विभिन्न जगहों पर इसकी पड़ताल की तो पाया कि कई युवा नशे की जद में आ गए हैं। बुद्धिजीवी लोग बताते हैं कि इन दिनों स्कूली छात्र भी नशे की जद में आ रहे हैं। कई युवाओं ने तो नशे की लत में पड़कर अपनी पढ़ाई छोड़ दी है। ऐसे बच्चों की तादाद अधिक है। छात्र शराब और सिगरेट ही नहीं बल्कि स्मैक,गांजा,कोकीन,चरस,हेरोइन,डेंडाराइट,स्मैक,थीनर,बोनफिक्स,फोर्टविन इंजेक्शन सहित अन्य नशीली दवाई का सेवन करते हैं।
नशे के लिए युवा कर रहे चोरी
भरगामा प्रखंड इलाकों में युवाओं के रगों में नशा बसते जा रहा है। इन दिनों नशे की जड़ मजबूत हो गई है। नशे की आग में युवाओं की जवानी सुलग रही है। नशे में पीड़ित ये कम उम्र के युवा चोरी,मारपीट,छिनतई एवं लूटपाट जैसे अपराध की घटना को अंजाम दे रहे हैं। चंद रुपये की लालच में ये अपराध करते हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो चोरी,लूटपाट सहित अन्य वारदात में युवा वर्ग ज्यादा शामिल है।
हमारे टीम की पड़ताल के दौरान जब नशे से पीड़ित युवक से बातचीत की तो उसने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि भरगामा प्रखंड के विभिन्न चौक चौराहे पर कई ऐसे मेडिकल स्टोर हैं जहां फोर्टविन एवं पेंटाजोसिन हैकेट की नशीली सूई आसानी से मिल जाती है। इसके लिए कोडवर्ड का उपयोग करना पड़ता है।
भरगामा प्रखंड के इस चौक चौराहे पर ज्यादातर रहता है नशेड़ीयों का अड्डा
दुकानदारों पर कोई प्रतिबंध न होने से छोटे बच्चे भी नशीला सामग्री खुलेआम खरीद रहे हैं। नशीली पदार्थ जैसे स्मैक,गांजा,अफीम,चरस,देशी एवं विदेशी शराब बिक्री पर प्रतिबंध है परंतु सिमरबनी चौक,शंकरपुर फुटानी हाट,शंकरपुर बघुवा राजपूत टोला,शंकरपुर राम टोला चौक,शंकरपुर आदिवासी टोला,महथावा बुद्ध चौक,रघुनाथपुर हाट,जयनगर चौक,कुसमोल चौक,मोड़काही चौक,शेखपुरा कन्हुआ स्कूल,धनगड़ा,पैकपार चौक,भरगामा बाजार,खुजरी बाजार,सोकेला पेट्रोल पंप चौक,ब्लॉक चौक,वीरनगर चौक,चरैया हाट,जेबीसी चौक,चंडी स्थान के विभिन्न चाय,पान एवं किराना दुकान में बड़े पैमाने पर मादक पदार्थों बेची जाती है। और नशे के तलबगारों का अड्डा लगता है। यहां बैठकर नशेड़ी शराब पीते हैं। इतना ही नहीं यहां युवक स्मैक व हिरोइन का नशा करते हैं। अल्यूमनियम की पतली चादर व पाउडर रखकर उसे जलाकर सूंघते हैं। लोग बताते हैं कि इस जगहों पर नशेड़ीयों का हब है। यहां बैठकर नशेड़ी खुद से अपने रगों में नशीली सूई लेते हैं। यहां नशेड़ीयों की चौपाल लगती है। यहां इक्ट्ठा होकर कुछ नशेड़ी गांजा के साथ बोनफिक्स का नशा करते हैं। यहां किसी पुलिस प्रशासन का ध्यान नहीं रहता इसलिए नशेड़ीयों का जमघट ज्यादा लगता है। शराब पीने वाले से लेकर गांजा एवं बोनफिक्स का आनंद लेने वाले नशेड़ी कभी भी देखे जा सकते हैं।
क्या कहते हैं डीएसपी
इस संबंध में फारबिसगंज डीएसपी शुभांक मिश्रा ने बताया कि इन सभी चिन्हित जगहों पर पुलिस की पैनी नजर है। इस तरीके की अवैध धंधे में संलिप्त नशेड़ीयों एवं दुकानदारों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
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