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जयपुर: जब से मैं राजनीति में आई, तब मुझे भी बहुत संघर्ष करना पड़ रहा – राजे….

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*डर कर घर में बैठ जाती तो अब तक इस मुक़ाम तक नहीं पहुँच पाती- राजे
*महिलाओं का प्रतिनिधित्व लोकसभा में 15, राज्यसभा में 14 और राजस्थान की विधानसभा में साढ़े 13 प्रतिशत है, जो बहुत कम

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बिहार न्यूज़ लाइव जयपुर डेस्क:  जयपुर/(हरिप्रसाद शर्मा) राजस्थान में चुनाव की तिथि नज़दीक आते ही , राजनीतिक गतिविधियां जोरों पर हैं। विधानसभा चुनाव को कुछ ही महीनों का समय बचा हुआ है। राज्य में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दल चुनावी तैयारियों में व्यस्त है। हर बार की तरह रूप बदलने वाला राजस्थान विधानसभा का चुनाव इस बार भी बड़ा दिलचस्प होने वाला है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया भी सक्रिय है। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने राजधानी जयपुर में आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के वुमन ऑफ वंडर अवार्ड समारोह में महिलाओं की जिंदगी और उनके अधिकारों पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि आज भी महिलाओं की जिंदगी से जुड़े अहम फैसले पुरुष ही लेते हैं।

वसुंधरा राजे ने कहा कि जब मैं राजनीति में आई, तब मुझे भी बहुत संघर्ष करना पड़ा, जो आज भी जारी है। उस समय भी संघर्ष करना पड़ा था। आज भी संघर्ष कर रही हूँ । अगर मैं डरकर घर बैठ जाती तो राजनीति के इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाती। राजे ने ये बातें इनाया फाउंडेशन की ओर से आयोजित वूमन ऑफ वंडर अवार्ड समारोह को संबोधित करने के दौरान कहीं।
वसुंधरा ने कहा कि भले ही देश की महिलाएं आजादी के 75 साल बाद अंतरिक्ष में पहुंच गई। महिलाएं फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं। ओलंपिक में पदक जीत रही हैं। राष्ट्रपति बनकर देश की बागडोर संभाल रही हैं। चंद्रयान-3 लैंडिंग की जिम्मेदारी ‘रॉकेट वुमन’ ऋतु करिधाल को सौंपी गई। लेकिन इन सभी में महिलाओं की संख्या अंश मात्र ही है। वसुंधरा ने कहा कि महिलाओं का प्रतिनिधित्व लोकसभा में 15, राज्यसभा में 14 और राजस्थान की विधानसभा में साढ़े 13 प्रतिशत है, जो बहुत कम संख्या है। जबकि समाज का संतुलन साइकिल के दोनों पहियों की तरह पुरुष और महिला पर टिका हुआ है, जिनकी बराबर की भागीदारी से ही देश का विकास होगा।
पिछले दिनों राजेंद्र गुढ़ा ने महिला सुरक्षा को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए थे। कहा था कि महिलाओं को सुरक्षा देने में हम असफल रहे। महिलाओं पर दिन-ब-दिन अत्याचार बढ़ रहे हैं। मणिपुर की जगह हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। इस बयान के बाद देर शाम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया। मंत्री को बर्खास्त करने के संबंध में राजभवन की ओर से जानकारी दी गई। इस बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी महिला सुरक्षा और महिला भागीदारी की बात कही।
वसुंधरा राजे के इस सियासी बयान के अलग-अलग मायने निकाल रहे हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि वसुंधरा राजे समर्थक इस बात से नाराज है कि उन्हें मुख्यमंत्री फेस घोषित नहीं किया गया है। जबकि पिछले दो बार का विधानसभा चुनाव वसुंधरा राजे के चेहरे पर ही लड़ा गया था, जिसके चलते पार्टी को बंपर सीट मिली थी।

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