Bihar News Live
News, Politics, Crime, Read latest news from Bihar

 

हमने पुरानी ख़बरों को archive पे डाल दिया है, पुरानी ख़बरों को पढ़ने के लिए archive.biharnewslive.com पर जाएँ।

सारण: पहले टीबी को हराया, अब चैंपियन बनकर गांवों में जागरूकता की अलख जगा रहे नदंकिशोर

351

 

बिहार न्यूज़ लाइव /सारण डेस्क: पहले टीबी को हराया, अब चैंपियन बनकर गांवों में जागरूकता की अलख जगा रहे नदंकिशोर

• अबतक 100 से अधिक टीबी के मरीजों के इलाज में कर चुके हैं सहयोग
• मोहल्ले के लोगों के साथ बैठक कर देते हैं टीबी से बचाव की जानकारी
• विद्यालयों में पहुंचकर लगाते हैं टीबी की पाठशाला
छपरा,13 जनवरी । ‘जंग तो जीती टीबी से, कुछ खो के हमने पाया है। बनके टीबी चैपियन, अब मदद का जज्बा जागा है।’ यह कहना है सारण जिले के बनियापुर प्रखंड के भुसाव पंचायत के मझवलिया खुर्द गांव निवासी नन्दकिशोर राम का। नन्दकिशोर राम सामान्य जीवन- बसर कर रहे थे। उनके परिवार में खुशी थी। वर्ष 2021 की बात है, जब अचानक एक दिन रात में नन्दकिशोर राम को खांसी आनी शुरू हुई । खांसी इतनी तेज थी कि मुंह से खून आने लगा। तब पूरे घर के लोग घबरा गये और परिवार के लोग जागरूकता और जानकारी के अभाव में एक तांत्रिक (ओझा) के पास ले गये। लेकिन नन्दकिशोर की तबियत ठीक नहीं हुई । अगले दिन सुबह नन्दकिशोर राम की पत्नी जिद करके डॉक्टर के पास ले गयी और जांच करायी गयी । जहां पर पता चला कि की उसे टीबी की बीमारी है। डॉक्टर ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, यह बीमारी छह माह के नियमित दवा सेवन से ठीक हो जायेगी । जिसके बाद बनियापुर अस्पताल में उनका इलाज चला और अब व पूरी तरह से ठीक हैं । जब वे टीबी से ग्रसित थे तो उन्हें शरीरिक पीड़ा के साथ-साथ सामाजिक भेदभाव का भी सामना करना पड़ा। आस-पड़ोस के लोगों ने भेदभाव भी किया। लेकिन परिवार के लोगों ने सहयोग किया। नन्दकिशोर राम ने बताया कि इस दौरान मेरी पत्नी ने मानसिक और शरीरिक रूप से मेरा भरपूर सहयोग किया जिसकी बदौलत आज मैं पूरी तरह से ठीक हूं।

अब गांव-समाज में जगा रहे हैं जागरूकता की अलख:
नन्दकिशोर राम ने कहा कि जब मैं टीबी से ठीक हुआ तो मुझे जीनव कितना महत्वपूर्ण है, यह अहसास हुआ। तब मुझे लगा कि मेरा भी कर्तव्य बनता है कि गांव-समाज और आस-पास के लोगों को टीबी के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए। ताकि मैने जो पीड़ा और दर्द सहन किया वो और किसी को नहीं सहना पड़े। 2021 में टीबी को मात देकर मैं चैंपियन के रूप में काम कर रहा हूं। गांवों में महिलाओं और पुरुषों के साथ बैठक करके उन्हें टीबी से बचाव की समुचित जानकारी तथा सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध सेवाओं के बारे में जानकारी देता हूं। साथ हीं जीविका समूह की महिलाओं के साथ सामुदायिक बैठक कर टीबी के प्रति जागरूक करते हैं । जीविका समूह की महिलाएं टीबी के प्रति लोगों को जानकारी देकर अधिक से अधिक जागरूक कर सकती हैं ।

विद्यालयों में लगाते हैं टीबी की पाठशाला:
टीबी से ठीक होने के बाद नन्दकिशोर राम ने यह संकल्प लिया कि टीबी के प्रति समाज के हर वर्ग के लोगों को जागरूक करना है। उसने टीबी के जागरूकता संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए स्कूली बच्चों को भी शामिल किया और विद्यालयों में जाकर पाठशाला में बच्चों को टीबी से बचाव, लक्षण, इलाज तथा सुविधाओं के बारे में जानकारी देकर अपील करते हैं। बच्चे भी अपने दोस्त, घर-परिवार और आस-पास के लोगों को जागरूक करें। ताकि समाज से टीबी का खात्मा किया जा सके।

अब 100 से अधिक मरीजों का करा चुके हैं उपचार:

टीबी चैंपियन नन्दकिशोर राम का कहना है कि 2021 में उन्हें टीबी चैँपियन के रूप में प्रशिक्षण दिया गया और जिला स्तर टीबी चैँपियन की सूची में शामिल किया गया है। तब से लेकर अब तक निरंतर टीबी के मरीजों के इलाज में सहयोग कर रहे हैं । जो मरीज दवा छोड़ देते हैं उन्हें दवा सेवन के प्रति प्रेरित करते हैं । अगर कोई नया मरीज मिलता है तो सरकारी अस्पताल में लाकर उसका उपचार शुरू कराते हैं। अब 100 से अधिक मरीजों का उपचार करा चुके हैं ।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More