अकबरनगर के क्षेत्रों में जैविक खेती को दिया जायेगा बढ़ावा
जैविक खेती के लिए मिलेगा अनुदान, किसानों का सर्वे शुरू
अकबरनगर के क्षेत्रों में 300 एकड़ भूमि पर जैविक खेती कराने की है योजना
बिहार न्यूज़ लाइव भागलपुर डेस्क: अकबरनगर ::मोहित कुमार
बीते कई दशकों में हमारी धरती केमिकल से जहरीली होती जा रही है। रासायनिक उर्वरक-कीटनाशकों के बढ़ते इस्तेमाल से ना सिर्फ खेती में, बल्कि लोगों की सेहत पर भी बुरा असर देखने को मिल रहा है। खेतों की की उपजाऊ शक्ति कम होती जा रही है, जिससे फसलों का उत्पादन बेहद कम हो गया है। यही वजह है कि अब किसानों को जैविक खेती की तरफ बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने कई योजनाएं भी चलाई है, जिसके तहत ट्रेनिंग और आर्थिक मदद का भी प्रावधान है।ऐसी ही एक योजना बिहार में भी चलाई जा रही है, जिसका नाम है जैविक कॉरिडोर योजना राज्य के किसान इस योजना से जुड़कर प्रति एकड़ में जैविक खेती के लिए 11,500 रुपये की आर्थिक सहायता और अपने जैविक उत्पाद बेचने के लिए ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन भी ले सकते हैं। इस योजना का लाभ लेकर एक तरफ खेती की लागत को कम करने में मदद मिलेगी, वहीं जैविक कृषि उत्पादों को भी अच्छे दाम पर बेचा जा सकेगा। इसको लेकर अकबरनगर के क्षेत्रों में भी खेती करने वाले किसानों का सर्वे किया जा रहा है। जिसके तहत किसानों का लिस्ट तैयार कर सारे कागजात को जमा कर उन्हें जैविक खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा। जिसके लिए सरकार द्वारा जैविक खेती करने के लिए इनपुट के तौर पर अनुदान राशि भी दिया जाएगा। इसको लेकर कोआर्डिनेटर राजीव कुमार ने बताया कि जैविक कृषि को बिहार सरकार द्वारा लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है।अकबरनगर के क्षेत्रों में भी किसानों को जैविक खेती से जोड़ने के लिए सर्वे शुरू किया गया है। इसके तहत किसानों का सर्वे किया जा रहा है जिसमें किसानों को चयनित कर जैविक खेती अनुदान लेने के लिए इससे जुड़े कागजात लिया जाएगा।
गंगा किनारे से 5 किलोमीटर के दायरे तक को जोड़ा जाएगा जैविक खेती से
कोऑर्डिनेटर राजीव कुमार ने बताया कि जैविक खेती के लिए गंगा किनारे से लेकर पाँच किलोमीटर के दायरे में खेती करने वाले किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा। जिसके तहत 300 एकड़ में यहां जैविक खेती होना है। जिसके लिए दो कलएस्टर बनाया गया है। बनाए गए दोनों क्लस्टर में प्रयोग के तौर पर पहली बार 200 किसानों को जैविक खेती से जोड़ा जाएगा। जरूरत के हिसाब से भूमि के क्षेत्रफल को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि जैविक कृषि के सामग्री के लिए क्षेत्र के कृषक केंद्र को भी चिन्हित किया गया है। जहां किसानों को अनुदान राशि से उचित मूल्य पर जैविक खेती से जुड़े सामग्री सुगमता पूर्वक प्राप्त हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि संभवत खेती के लिए आने वाले सीजन से पहले तक क्षेत्र के किसानों को जैविक खेती से जोड़ने का हर संभव प्रयास है।
13 जिलों में लागू है योजना
बिहार कृषि विभाग ने जल-जीवन हरियाली मिशन के तहत साल 2019 से ही जैविक कॉरिडोर योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत जैविक खेती को बढ़ावा देने, किसानों की मदद करने, जैविक उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए सरकार से मदद दी जाती है।इसके लिए जुलाई 2021 में बिहार राज्य जैविक मिशन भी गठित हुआ।इसके अलावा, जैविक कॉरिडोर योजना के जरिए 13 जिलों को कवर किया गया।इनमें पटना, वैशाली, नालांदा, बक्सर, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, समस्तीपुर शामिल है।
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