राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित, रील जगत के नहीं रियल जगत के सिंघम,जमीन से जुड़े , यूपी के एडीजी प्रशांत कुमार का समझे सिवान कनेक्शन
राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित, रील जगत के नहीं रियल जगत के सिंघम,जमीन से जुड़े , यूपी के एडीजी प्रशांत कुमार का समझे सिवान कनेक्शन …..
ये हैं वो पुलिस अफसर जिन्होंने दस्यु गौरी को किया ढेर,कांवड़यात्रा के दौरान कावंड़ियों पर हेलिकॉप्टर से फूल बरसाकर बटोरी सुर्खियां ………..
इनके नाम से ही कांपते हैं अपराधी .माफिया राज को खत्म करने और जनता के बीच शांतिपूर्वक माहौल पैदा करने के इनके फार्मूले की चर्चा पुरे देश में होती है ……….
कौन हैं रियल लाइफ में ‘सिंघम’ के नाम से मशहूर एनंकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रशांत कुमार, पढ़िए पूरी कहानी…………..
राकेश कुमार गुप्ता की खास रिपोर्ट
यूपी कैडर के आई.पी.एस. अफसर और उत्तर प्रदेश के ए.डी.जी.( लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार हमेशा सुर्खियों में रहते हैं।तीन बार वीरता और 4 बार राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने वाले प्रशांत कुमार रियल लाइफ के सिंघम से कम नहीं हैं। उन्होंने मेरठ रेंज के ए.डी.जी. रहते गुंडों के मकानों को तोड़ उनकी आर्थिक कमर तोड़ दी थी। यह उदाहरण पूरे प्रदेश में फॉलो किया गया। उत्तर प्रदेश के जिस जिले या जोन में आई.पी.एस अफसर रहे , मानो गुंडों की शामत आ गई ,हाल यह है कि उनके चलाए फार्मूले पर न केवल उत्तर प्रदेश में अमल किया ,बल्कि मध्यप्रदेश सहित कई राज्य भी उनके नक्शे कदम पर चल रहा है। गुंडों को खत्म करने का ,माफिया राज को धराशायी करने का और जनता के बीच शांतिपूर्वक माहौल पैदा करने का उनका अलग ही अंदाज है। साथ ही उनके फार्मूले की चर्चा पुरे देश में होते रहती है।
पूरा देश ने 26 जनवरी 2023 को 74वां गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाया। इस दौरान उत्तर प्रदेश में भी गणतंत्र दिवस की धूम थी। इस मौके पर यूपी पुलिस (U.P. Police) के कई अफसरों व कर्मचारियों को सम्मानित किया गया है। इसी में दो सीनियर आई.पी.एस अफसरों का नाम भी शामिल है। इन अफसरों में यूपी पुलिस के ए.डी.जी. लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार (IPS Prashant Kumar) और स्पेशल टास्क फोर्स के A.D.G अमिताभ यश (Amitabh Yash) को उनके उत्कृष्ट सेवाओं के लिए गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर सम्मानित किया गया। इन दोनों अफसरों ने अपने काम की वजह से सोशल मीडिया पर अपनी एक अलग जगह बनाई हैं।
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में फैले बुंदेलखंड के बीहड़ों में आतंक का आखिरी पर्याय गौरी यादव को ढेर करने वाली यूपी एस .टी .एफ की टीम को गणतंत्र दिवस के मौके पर सम्मानित किया गया. मध्य प्रदेश से 50 हजार और उत्तर प्रदेश से 5 लाख के इनामी गौरी यादव को यूपी एस.टी.एफ. की टीम ने 30 अक्टूबर 2021 को चित्रकूट के बहिलपुरवा के जंगलों में मार गिराया था। गौरी यादव पर उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मध्य प्रदेश में भी 50 केस दर्ज थे। गणतंत्र दिवस के मौके पर डी.जी.पी. डी.एस चौहान ने बदमाश गौरी यादव को ढेर करने वाली टीम में शामिल ए.डी.जी. लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार को सम्मानित किया । इसी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से प्रशंसापत्र भी दिया गया ।यू.पी. पुलिस ने पिछले कुछ सालों में अपराधियों पर नकेल कसने में काफी हद तक सफलता हासिल किया है।पुलिस के इस कड़े रवैये में इन दोनों अधिकारियों का काफी अहम योगदान रहा है। दोनों अधिकारियों को सम्मानित करते हुए डी.जी.पी .ने उनके कार्यों की सराहना की।प्रशांत कुमार ए.डी.जी. (लॉ एंड ऑर्डर) बनने से पहले मेरठ रेंज के ए.डी.जी. थे।
अपराधियों के लिए खौफ ,अपराधी रहे हमेशा टागरेट पर
बतौर भदोही एस.एस.पी प्रशांत कुमार ने यू.पी .में अपना सफर शुरू किया था। इसके बाद सोनभद्र, जौनपुर, फैजाबाद, गाजियाबाद और सहारनपुर में भी एस.एस.पी रहे।वे मेरठ रेंज में 2007 में डी.आई.जी. के पद पर भी रह चुके हैं। उन्होंने मिर्जापुर, फैजाबाद (अब अयोध्या) और सहारनपुर रेंज में अपनी उत्कृष्ट सेवाओं को प्रदर्शित किया है। प्रशांत कुमार भदोही, पौरी गढ़वाल( अब उतराखंड का हिस्सा) , सोनभद्र, जौनपुर, गाजियाबाद, फैजाबाद (अब अयोधया), बाराबंकी और सहारनपुर जिलों में कप्तान के रूप में काम करने का मौका मिल चुका है। मेरठ रेंज जिसे अपराध का गढ़ भी माना जाता है, वहां प्रशांत कुमार के नेतृत्व में “जीरो टॉलरेंस “की नीति अपनाते हुए ताबड़तोड़ एनकाउंटर किए गए।। अपराधियों पर खौफ का पर्याय बन चुके प्रशांत कुमार ने मेरठ ज़ोन में ए.डी.जी. रहते हुए एनकाउंटर ट्रेन चलाकर 500 से ज्यादा एनकाउंटर कर 700 अपराधियों को गिरफ्तार किया था। जुलाई 2017 को प्रशांत कुमार को मेरठ जोन का ए.डी.जी. बनाकर भेजा गया था. यह वह वक्त था जब मेरठ में अपराध की बाढ़ आई हुई थी। बेखौफ अपराधी खुलेआम हथियार लहराते हुए संगीन वारदातों को अंजाम दे रहे थे। बढ़ते अपराध के चलते खौफजदा आम आदमी घर से बाहर निकलने से भी कतराने लगा था। उस दौरान कुख्यात संजीव जीवा, कग्गा गैंग, मुकीम काला, सुशील मूंछू, अनिल दुजाना, विक्की त्यागी, सुन्दर भाटी, साबिर जैसे अपराधी सक्रिय थे। इनके खौफ से व्यापारी, आम लोग पश्चिमी यूपी छोड़ कर जाने लगे थे। तब सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एनकाउंटर जोन के मुखिया प्रशांत कुमार को मेरठ भेजा और एक के बाद एक एनकाउंटर से अपराधियों के घुटने कांपने लगे थे। प्रशांत कुमार उत्तर प्रदेश के सोनभद्र, जौनपुर, गाजियाबाद, अयोध्या, बाराबंकी और सहारनपुर में एस.पी. और एस.एस.पी. रहे। यानी ए .डी.जी. प्रशांत कुमार की जहां भी प्रविष्टि हुई अपराध और अपराधी हमेशा उनके लक्ष्य पर रहे ।सवाल जब कानून व्यवस्था का हो तो समझौता करना प्रशांत कुमार की डिक्शनरी में नहीं है।
“पुलिस वाले के लिए पूरी प्रयोगशाला हैं प्रशांत कुमार और कावंड़ियों पर हेलिकॉप्टर से फूल बरसाकर बटोरी थी सुर्खियां “
शांत स्वभाव लेकिन सशक्त शख्सियत है। टॉस्क कोई भी हो टाइम पर पूरा करना प्रशांत कुमार का पैशन है। एनंकाउंटर स्पेशलिस्ट तो कई हैं। लेकिन परफेक्शन के साथ एनकाउंटर कोई प्रशांत कुमार से सीखे और समझे. समझ लीजिए पूरी प्रयोगशाला हैं। जहां भी तैनाती हुई क्रिमिनल इनके नाम से कांपने लगते हैं। ए.डी.जी. लॉ एंड ऑर्डर पद पर आने से पहले प्रशांत कुमार मेरठ जोन के ए.डी.जी. थे। वो मेरठ रेंज के डी.आई.जी. भी रह चुके हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस दौरान क्रिमिनल्स पर कितना कहर बरपा होगा। ये वही कार्यकाल था, जब कांवड़यात्रा के दौरान कावंड़ियों पर हेलिकॉप्टर से फूल बरसाकर प्रशांत कुमार फिर से चर्चा में आ गए थे। प्रशांत कुमार के वजह से योगी सरकार के इंतजामों से कांवड़िएं बेहद खुश हुए और “योगी तेरे राज में, मिल रहा सम्मान जहाज में ” के नारे लगा रहे थे। तब हेलिकॉप्टर से फूल बरसाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।
“सिवान के हथौड़ी गांव से अब तक का सफर”
देश के प्रथम राष्ट्रपति एवं महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी डॉ राजेन्द्र प्रसाद का जन्म बिहार के सिवान जिले एक छोटे से गांव जीरादेई में हुआ था।जीरादेई गांव से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर हथौड़ी गांव में प्रशांत कुमार का जन्म 16 मई 1965 में हुआ । प्रशांत कुमार के पिता स्वर्गीय ललन प्रसाद शिक्षक थे एवं माता श्रीमती किशोरी देवी गृहणी थी। चार भाई -बहन में सबसे छोटे और सबके दुलारे प्रशांत कुमार बचपन से ही एकदम सरल स्वभाव के थे । वे वहां अपनी स्कूली शिक्षा और इंटर हाजीपुर से करने के बाद बिहार से दिल्ली विश्वविद्यालय आ गए ।जहां से उन्होंने हंसराज कालेज से स्नातक एवं जुबली हॉल से स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है।आई.पी.एस. बनने से पहले प्रशांत कुमार ने M.Sc., M.Phil. और MBA भी किया था।मूलत बिहार के रहने वाले प्रशांत कुमार का आई.पी.एस. में चयन 1990 में तमिलनाडु कैडर में हुआ था। प्रशांत कुमार 1990 बैच के आई.पी.एस अफसर हैं।लेकिन 1994 में निजी कारणों से यूपी कैडर में इनका ट्रांसफर हो गया। उनकी शादी यूपी कैडर की आईएएस डिंपल वर्मा से हुई ,उनकी एक बेटी भी है। आपदा प्रबंधन पर भी इनकी गहरी रुचि है।सरलता, सहजता और बेदाग चरित्र ही इस अफसर की पहली पहचान है। जो किसी भी विषय पर बेबाक राय रखने के लिए जाने जाते हैं ,उनके मधुर वाणी में संयम हमेशा देखने को मिलती हैं ।प्रशांत कुमार जब भी अकेले होते है तो संगीत सुनना उनको पसंद है।फुटबॉल खेलने में भी इनकी रुचि है।स्वस्थ तन और मन के स्वामी, अनुशासित,प्रेरक वक्ता ऐसे कई विशिष्ट गुणों के वजह से यू.पी. में वे इतनी ऊंचाई पर पहुंचे हैं।
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