Bihar News Live
News, Politics, Crime, Read latest news from Bihar

 

हमने पुरानी ख़बरों को archive पे डाल दिया है, पुरानी ख़बरों को पढ़ने के लिए archive.biharnewslive.com पर जाएँ।

मधेपुरा। बच्चे पढ़ाई कैसे कर रहे ? बिना शिक्षक ,कमरे तथा डेस्क-बेंच की खाड़ा में कैसे हो रही +2 की पढ़ाई, निर्गत की जा रही हर साल सैंकड़ों डिगरियां

544

🔴 विद्यालय में ना ही +2 भवन तथा ना ही छात्रों को बैठने हेतु डेस्क-बैंच और शिक्षक भी नियुक्त नहीं,पर हर साल इन्टर में पास हो रहे सैकड़ों छात्र।

पुष्पम कुमार | उदाकिशुनगंज।

प्रखंड के खाड़ा पंचायत सहित अन्य पंचायतों में संचालित उत्क्रमित +2 विद्यालय में बिना शिक्षक,डेस्क-बेंच तथा भवन के कैसे हो रही इन्टर की पढ़ाई और कैसे मिल रही डिगरियां यह सवाल है सिस्टम से।

प्रश्न उदाकिशुनगंज प्रखंड के खाड़ा पंचायत स्थित व संचालित शास्त्री स्मारक उच्च विद्यालय खाड़ा की स्थिति से उठता है। सरकारी उदासीनता के कारण +2 विद्यालय खाड़ा की अध्ययन-अध्यापन की स्थिति नाजुक दौर से गुजर रहा है।

बताते चलें कि खाड़ा शास्त्री स्मारक उच्च विद्यालय को +2  विद्यालयों में उत्क्रमित हुए करीब तीन साल हो गए। छात्र-छात्राओं की +2  शिक्षा हेतु नामांकन और परीक्षा भी लिया जा रहा है तथा सर्टिफिकेट भी जारी किया जा रहा है। एक तरफ लोगों में खुशी है कि +2 विद्यालय इस क्षेत्र में संचालित है। अब बच्चों की इन्टर तक की पढ़ाई गांव से ही मिल रही है। बताया जा रहा है कि विद्यालय में कई बीघा जमीन भी उपलब्ध है। और तो और विद्यालय के आगे एक बड़ा खेल का मैदान भी उपलब्ध है। परन्तु 10वीं कक्षा (बोर्ड) के लिए बने भवन केवल 9वीं व 10वीं के बच्चों के बैठने के लिए ही उपयुक्त है। इसके अलावे +2 विद्यालयों में नामांकित बच्चों के बैठने हेतु ना भवन ना डेस्क-बैंच उपलब्ध है और ना ही बिहार सरकार द्वारा शिक्षकों की ही अबतक नियुक्ति ही की गई है।

वरिष्ठ भाजपा नेता ललित नारायण ठाकुर, शत्रुघ्न पासवान,पैक्स अध्यक्ष कमलेश कुमार झा,प्रमोद पासवान, चंद्रकिशोर सिंह, दीपक कुमार ठाकुर, जयकृष्ण झा, वार्ड सदस्य रंजीत कुमार ठाकुर, राजकिशोर राम, रोहित मंडल, रविन्द्र कुमार सिंह, अरविंद मंडल, पूर्व वार्ड पंच मुन्नी देवी,वार्ड पंच मीरा देवी,रंजु देवी सहित दर्जनों लोगों का कहना है कि बिहार सरकार +2 के नामांकित बच्चों को केवल  सर्टिफिकेट देने का कार्य कर रही है। बच्चे को सर्टिफिकेट तो मिल जा रहा है। पर पढ़ाई व विषयगत जानकारी के नाम पर “शून्य” है। इस भगवान भरोसे पढ़ाई से बिहार के कितने बच्चे कम्पीटीटिव एक्जाम निकाल पाएंगे यह सोचनीय विषय है।

पूर्व वार्ड पंच मुन्नी देवी कहती है कि विद्यालय के विकास की बात करें तो कई वर्षों से विद्यालय की कई एकड़ भूमि स्थानीय लोगों अथवा आपसी हम-हम की लड़ाई के कारण परती पड़ी है। ना इससे वर्षों की तरह विद्यालय को कोई लीज का आर्थिक लाभ ही मिल रहा है ना ही विकास मद में जमा राशि से विद्यालय के कमरे की टूटे दीवारों की मरम्मत ही करवायी जा रही है। जबकि विद्यालय का अध्यक्ष स्थानीय विधायक होते हैं अन्यथा विधायक प्रतिनिधि विद्यालय के विकास कार्य को देखने हेतु अधिकृत किए जाते हैं।

वर्तमान मुखिया सह भाजपा नेता ध्रुव कुमार ठाकुर कहते हैं कि हमने कई बार जमीन लीज हेतु स्थानीय लोगों और शिक्षकों के साथ बैठक की,पर कोशिश नाकामयाब रहा। पंचायत के कुछ लोग सहयोग करने की बजाय इसे इसी हाल पर रखने को मजबूर किए हैं। उन्होंने कहा कि हमने पंचायत स्तर से विद्यालय परिसर में मिट्टी भराई व मिट्टी समतलीकरण का कार्य किया है। इसके अलावा परिसर को चहारदीवारी से घेरकर सुरक्षित करने का भी कार्य किया है। जो आजतक विद्यालय में  नहीं हुआ था। विद्यालय में भव्य द्वार भी बनाया गया है तथा आने-जाने वाले बच्चों व शिक्षकों हेतु मुख्य सड़क से विद्यालय को सड़कों से जोड़ने हेतु कार्य भी शुरू करवाया है। आगे भी यदि स्थानीय जनता का सहयोग रहा तो विद्यालय में और विकास का कार्य पंचायत स्तर से देखने को मिलेगा।

ग्रामीण सह भाजयुमो के पूर्व जिला उपाध्यक्ष   राजेश रंजन उर्फ सोना सिंह एवं पूर्व भजपा आइटी सेल के मंडल संयोजक चंदन कुमार झा बताते हैं कि पूराने भवन के कमरे का दीवार टूटा है। विद्यालय शिक्षा समिति, प्रधानाध्यापक तथा विभागीय वरीय पदाधिकारी इसे मरम्मत हेतु विद्यालय विकास फंड में जमा राशि से अथवा चहारदीवारी मरम्मती हेतु योजना का एक प्रस्ताव पारित कर विकास कार्य करवा सकते हैं,जो आजतक नहीं हो पाया है। यही नहीं बिहार सरकार की शिक्षा विभाग की बात करें तो +2 के नामांकित बच्चों के बैठने हेतु ना तो वर्ग कक्ष  तथा डेस्क बेंच की व्यवस्था ही है और ना ही शिक्षकों की नियुक्ति, पुस्तकालय तथा प्रायोगिक परीक्षा हेतु ही कोई समुचित व्यवस्था ही अब तक हो सकी है। परंतु बीते कुछ सालों से विद्यालयों में साइंस,आर्ट व अन्य फेकल्टी में नामांकन जारी है और सैकड़ों छात्रों को +2 की इन्टर की परीक्षा के उपरांत डिग्री भी मिल रही है।

अब प्रश्न उठना लाजिमी है कि यह इंटर की डिग्री बच्चों को बिना पढ़ाई के दी कैसे जा रही है?

अभिभावक सशंकित है कि इनका बच्चा पास तो किया जा रहा है पर विषयगत पढ़ाई के अभाव में जानकारी कहां से मिलेगी और कम्पीटीटिव एक्जाम फेस कैसे बच्चों को करवाया जाएगा ?

शास्त्री स्मारक उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक शशिकांत सुमन बताते हैं कि 2020 में ही विद्यालय को +2 का दर्जा मिला है। परंतु पठन-पाठन से लेकर शिक्षकों की नियुक्ति, बच्चों  को  बैठने और इनके लिए भवन की समुचित व्यवस्था तक +2 विद्यालय में नहीं हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि 3 मई से आगामी 17 मई तक इंटर की 11वीं की परीक्षा ली जा रही है और लगातार बच्चे पास भी हो रहें हैं।

क्षेत्र के लोगों की मांग है कि विद्यालय की खराब स्थिति की सुधार हेतु वरीय पदाधिकारी ध्यान आकृष्ट करें और इन्टर स्तरीय शिक्षा हेतु ठोस कदम उठाए जिससे +2 की शिक्षा में व्यापक सुधार हो।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More