*वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया प्रत्युत्तर
बिहार न्यूज़ लाइव अजमेर डेस्क: अजमेर/(हरिप्रसाद शर्मा)अजमेर लोकसभा से सांसद भागीरथ चौधरी ने तारांकित प्रश्न के माध्यम से वित्त मंत्री से जानकारी मांगी की देश के विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी बैंकों द्वारा संस्थाओं और आम लोगों को विभिन्न ऋणों की स्वीकृति प्रदान करते समय पूरी की जाने वाली औपचारिकताओं का ब्यौरा क्या है,
क्या कुछ निजी बैंक आम आदमी के ऋणों को मंजूरी देते समय फाइल चार्ज के रूप में 5,000 रुपये से 10,000 रुपये जैसी मनमानी राशि वसूल रहे हैं। क्या सरकार का ऋण के स्वरूप को ध्यान में रखते हुए, फाइल चार्ज के रूप में वसूली जाने वाली राशि के लिए एक निश्चित शुल्क निर्धारित करके आम जनता को राहत देने का विचार है।क्या आम लोगों को ऋण देने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की छायाप्रति (फोटोकॉपी) प्राप्त करने के बाद भी निजी बैंकों द्वारा प्रलेखीकरण के नाम पर 1500 से 2000 रुपये तक की राशि वसूली जा रही है।क्या स्वर्ण ऋण लेने वालों को उस समय सोने के परीक्षण और निरीक्षण के लिए शुल्क का भुगतान करना पड़ता है ।
वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने बताया कि बैंक अपने बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीतियों और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मौजूदा विनियामकीय दिशानिर्देशों के आधार पर ऋण संबंधी निर्णय लेते हैं। ऋणों की मंजूरी के लिए, बैंक द्वारा उधारकर्ताओं और गारंटीदाताओं को ऋण उत्पाद, उधारकर्ता के कार्यकलाप और ऋण के उद्देश्य के आधार पर दस्तावेज जमा करने के लिए कहा जाता है। जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ, केवाईसी दस्तावेज, आस्ति और आय का प्रमाण जैसे आयकर विवरणी आदि, वित्तीय विवरण प्रदत्त प्रतिभूतियों से संबंधित दस्तावेज जैसे बिक्री विलेख ऋणभार प्रमाण पत्र आदि, परियोजना रिपोर्ट, तकनीकी आर्थिक व्यवहार्यता रिपोर्ट आपूर्ति कोटेशन और अनुमान, बाह्य रेटिंग, उधार का विवरण और सांविधिक अनुमोदन शामिल हैं।
बैंकों में ग्राहक सेवा के संबंध में आरबीआई के मास्टर परिपत्र के अनुसार बैंक अपने बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के अनुसार सेवा शुल्क निर्धारित करने का निर्णय ले सकते हैं ।जो बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रभार युक्तिसंगत हो और इन सेवाओं को प्रदान करने की औसत लागत के अनुरूप न हो। बैंकों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि कम कार्यकलाप वाले ग्राहकों को दंडित न किया जाए।
इसके अलावा, बैंक, अपने बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीतियों के अनुसार, स्वर्ण ऋण के संबंध में सोने के आभूषणों की जांच और मूल्य निर्धारण के लिए प्रभार निर्धारित करते हैं। इसके अलावा, आरबीआई ने ऋणदाताओं के लिए उचित व्यवहार संहिता के संबंध में अपने दिशानिर्देशों के तहत बैंकों को सलाह दी है । वे ग्राहक को “सभी लागत’ के बारे में सूचित करें ताकि वे अन्य स्रोतों से प्राप्त होने वाले वित्त की दरों की तुलना कर सके।
जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ फ़ाइल प्रभार दस्तावेज प्रभार, ऋण राशि स्वीकृत संवितरित नहीं होने पर वापस की जाने वाली शुल्क की राशि, समयपूर्व भुगतान विकल्प और प्रभार, विलम्ब से पुनर्भुगतान के लिए जुर्माना, ऋण को फिक्स्ड से फ्लोटिंग दरों या इसके विपरीत में स्विच करने के लिए कन्वर्सन प्रभार, ब्याज पुनर्निर्धारण के संबंध में कोई खंड और कोई भी अन्य मामला जिससे उधारकर्ता का हित प्रभावित हो और उधारदाताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे प्रभार शुल्क भेदभावपूर्ण न हो।
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