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जमुई: डॉक्टर नीरज साह के हाथों ठंड में कंबल मिलने से गरीबों के चेहरे पर आई मुस्कान।

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बिहार न्यूज़ लाइव /मृगांक शेखर सिंह/जमुई/ जमुई में ठंड की दस्तक शुरू हो गई है। गरीब बेसहारा जरूरतमंदों के लिए यह कठिन समय होता है। लेकिन कहते हैं कि ईश्वर इस धरती पर किसी ना किसी को निमित्त बनाकर जरूरतमंदों का ख्याल रखते हैं ऐसे ही एक शख्सियत हैं जमुई शहर के प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ चिकित्सक नीरज साह। इसी कड़ी में जमुई में ठंड को देखते हुए गरीबों असहाय लोगों को राहत पहुंचाने में शहर के समाजसेवी सह प्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर नीरज शाह अहम भूमिका निभा रहे हैं। ताकि गरीबों असहाय लोगों को ठंड के दिनों में परेशानियों का सामना ना करना पड़े। इसी क्रम में रविवार को समाजसेवी सह डॉक्टर नीरज शाह निशुल्क गरीब व असहाय लोगों के बीच कंबल वितरण किए। कंबल वितरण का कार्य उनके द्वारा पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है। ठंड को देखते हुए डॉ नीरज साह ने जमुई शहर के जरूरतमंद लोगों को कंबल वितरण किया। डॉक्टर नीरज शाह के हाथों कंबल पाकर जरूरतमंद लोगों के चेहरे पर खुशी दिखाई पड़ी।कंबल वितरण का कार्यक्रम जमुई शहर स्थित डॉक्टर नीरज शाह के क्लीनिक पर आयोजित कर कंबल वितरण किया गया। जहां रविवार को सदर प्रखंड क्षेत्र के लगभग 400 गरीब, असहाय, दिव्यांगजन लोगों को कंबल वितरण किया जिसमें महिला और पुरुष शामिल रहे।

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एक कंबल दान गरीबों के चेहरे पर मुस्कान—-
एक पल के लिए ही सही किसी और के चेहरे की मुस्कान बनें।
सर्दी के प्रकोप से जरूरतमंद लोगों को ठंड से बचाने के लिए डॉक्टर नीरज शाह ने सैकड़ों गरीबों व जरूरतमंद लोगों को दी कंबल की गर्माहट, गरीबों को चेहरे पर बिखरी मुस्कान।
इस दौराम डॉक्टर नीरज ने कहा कि कंबल वितरण करने से मुझे सुकून मिलता है।इस कड़ाके की ठंड में जरूरतमंद लोगों के बीच अपने हाथों से कंबल वितरण करके गरीबों की चेहरे पर मुस्कान लाकर व गरीबों का आशीर्वाद पाकर काफी सुकून महसूस कर रहा हूं।आगे उन्होंने कहा कि गरीब के चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश अगर सफल हो जाए तो यही इंसानियत है इन्हीं मानवीय संवेदनाओं को दृष्टिगत रखते हुए इस तरह के आयोजन ठंड को देखते हुए प्रारंभ की गई है जो आगे भी अनवरत चलते रहेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि ठंड क्या होती है यह कोई उनसे पूछे जो सर्द रातों में किसी तरह अपने बदन को सिकोड़कर रात गुजारने को मजबूर होते हैं। ऐसी स्थिति में यदि ऐसे मजलूम लोगों को कोई भी गर्म कपड़े मिल जाए तो उनके मुंह से दुआओं की बारिश होना लाजमी है। उन्होंने कहा कि जन सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। कड़ाके की ठंड में जहां हम उन्हें गर्म कपड़े देकर ठंड से राहत दिलाने का प्रयास कर रहें हैं तो वहीं जरूरतमंद व गरीबों के आशीर्वाद और दुआओं के गर्मी से हम भी सुरक्षित रहते हैं। आगे उन्होंने कहा कि अपनी धरती एवं अपने लोगों की सामर्थ्य भर परवाह और मदद उनकी नियति में शामिल है यह निश्चय और संकल्प है कि जितना हो सके जब तक जीवन है तब तक करता रहूंगा। ईश्वर ने जितना मुझे सौभाग्य दिया है जिन कार्यों का हमें निमित्त बनाया वह करते रहेंगे। कंबल वितरण के दौरान सैकड़ों जरूरतमंद महिला एवं पुरुष उपस्थित रहे।

 

 

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