जमुई: राजस्व कर्मचारी बिना सूचना एवं बिना छुट्टी के रहे गायब, रैयत दिन भर लगाते रहे राजस्व कचहरी का चक्कर।

Rakesh Gupta

 

 

बिहार न्यूज़ लाइव जमुई डेस्क: मृगांक शेखर सिंह/जमुई /जमुई जिला अंतर्गत इस्लामनगर अलीगंज अंचल कार्यालय में राजस्व कर्मचारी के पद पर कार्यरत धनराज सिंह की मनमानी से रैयत(किसान) परेशान है। आए दिन बिना छुट्टी बिना जानकारी के यह अपने ड्यूटी से गायब रहते हैं। जिससे रैयत राजस्व कचहरी में ताला लटका देखकर कचहरी का चक्कर लगाकर वापस घर लौटने को मजबूर हो जाते हैं। यहां तक की अधिकारियों की आदेश भी उनके लिए कोई मायने नहीं रखते।

बिना छुट्टी बिना जानकारी के अपने ड्यूटी से गायब रहने पर इस्लामनगर अलीगंज के अंचलाधिकारी अरविंद कुमार ने राजस्व कर्मचारी धनराज सिंह से स्पष्टीकरण पूछा है। जानकारी देते हुए अंचलाधिकारी अरविंद कुमार ने बताया की बिना सूचना एवं बिना छुट्टी के अनुपस्थित रहने एवं कॉल करने पर फोन नहीं रिसीव करते हैं। बिना सूचना बिना छुट्टी के राजस्व कर्मचारी धनराज सिंह राजस्व कचहरी एवं अपने कार्य क्षेत्र से दिनाक 29.10.2023 को अनुपस्थित पाए गए, कॉल करने पर नहीं उठाया गया, और मेरे मोबाइल नंबर को ब्लॉक कर दिया जाता है।जिससे राजस्व संबंधित अद्यतन कार्य की जानकारी नहीं हो पाती एवं कार्य में बाधा उत्पन होता है, यह घोर अनुशासनहीनता एवं लापरवाही तथा स्वेच्छाचरिता का प्रमाण है। इसी लिए उनको इस संबंध में दो दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण देना सुनिश्चित करे अन्यथा बाध्य होकर वरीय पदाधिकारी को सूचित कर दिया जाएगा। बताते चलें की अलीगंज राजस्व कार्यालय हमेसा सुर्खियों पर रहा है हल्का कर्मचारी के लापरवाही से प्रखंड के लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

 

बताते चलें कि उक्त राजस्व कर्मचारी धनराज सिंह पर अंचल क्षेत्र अंतर्गत पुरसंडा पंचायत के सबसिनियाबीघा निवासी स्वर्गीय गारो यादव की 50 वर्षीय पत्नी आशो देवी द्वारा रसीद काटने के नाम पर 18000 रुपए की घुस मांग करने का आरोप बीते 20 अप्रैल 2023 को लगाया गया था। जिसे लेकर महिला द्वारा लिखित शिकायत राजस्व कर्मचारी धनराज सिंह के विरुद्ध अंचलाधिकारी अरविंद कुमार से किया गया। बता दें कि केंद्र व राज्य सरकार भ्रष्टाचार को समाप्त करने को भले ही भ्रष्टाचारियों के खिलाफ मिशन मोड में कार्रवाई जारी रहने की बात कह रही है।लेकिन जमुई जिले की इस्लामनगर अलीगंज अंचल कार्यालय व कचहरी में तैनात कर्मचारी को इस कार्रवाई का खौफ नहीं दिख रहा।यही कारण है कि बिना सुबिधा शुल्क दिए लोगों के काम पूरे नहीं होते। इसका ताजा उदाहरण लगभग बीते सात माह पूर्व इस्लामनगर अलीगंज कार्यालय कचहरी से जुड़ा था।जहां अंचल क्षेत्र अंतर्गत पुरसंडा पंचायत के सबसिनिया बीघा गांव के स्व गारो यादव की 50 वर्षीय पत्नी आशो देवी से रसीद काटने के नाम पर ₹18000 घुस के रूप में पुरसंडा पंचायत के राजस्व कर्मचारी धनराज सिंह ने किया था।

 

महिला ने जिसे लेकर इस मामले की लिखित शिकायत आवेदन देकर अंचलाधिकारी अरविंद कुमार से किया था। संबंधित मामले में भी महिला को न्याय दिलाने में अंचलाधिकारी द्वारा कोई रुचि नहीं दिखाई गई थी।अंचलाधिकारी द्वारा स्पष्टीकरण मांगने पर कर्मचारी धनराज सिंह द्वारा जवाब भी नहीं दिया गया। लगता तो ऐसा है कि इन कर्मियों को कोई भी कार्रवाई का भय नहीं है। जिससे कर्मचारियों एवं प्राइवेट मुंशियो का तेवर सातवें आसमान पर है। जिसका नतीजा आए दिन रैयतों को भुगतना पड़ रहा है।
अंचल कार्यालय से लेकर राजस्व कचहरी तक बिचौलियों का साम्राज्य-
जमुई जिले के इस्लामनगर अंचल कार्यालय से लेकर राजस्व कचहरी तक बिचौलियों का साम्राज्य व्याप्त है। बात किसी से छुपी नहीं है लेकिन फिर भी सब मौन है।और बिचौलियों के चंगुल से आम लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। ऊपर से हालत यह है कि लोग खुलकर शिकायत करने की स्थिति में भी नहीं होतेl क्या पता शिकायतकर्ता के खाते से लेकर खसरा तक बिगड़ जाए। हालत यह है कि बेखौफ राजस्व कर्मियों को बिचौलियों रखने की खुली छूट मिली हुई है। इतना ही नहीं अंचल कार्यालय के कर्मी भी अपने लिए कथित सहयोगियों की सहायता लेने में मस्त रहते हैं। जो खुले रूप से अपने आकाओं के लिए अवैध वसूली करने में व्यस्त दिखते हैंl

 

मामला भूमि से जुड़े होने के कारण रैयतों को अभी तक जमीदारी प्रथा से मुक्ति नहीं मिल पाई है फर्क इतना है कि अब के जमींदार को सरकारी होने का लेवल लग चुका है। आरटीपीएस को मुखौटा बना संबंधी लोग धड़ल्ले से शोषण पर उतारू हैं और सब कुछ जान कर भी विभाग मौन है। हालत यह है कि प्रत्येक राजस्व कर्मी के पीछे कई बिचोलिया नियुक्त हैं। जिन्हें राजस्व कचहरी में मुंशी का नाम दिया गया।नतीजा है कि आरटीपीएस और समयावधि का इसके लिए कोई मायने नहीं रखता। लगान रसीद से लेकर भू स्वामित्व प्रमाण पत्र दाखिल खारिज तक में बिना चढ़ावा के कार्य संभव नहीं है। हक व अधिकार तथा नियमों का हवाला देने वालों रैयतों का कार्य महीने ही नहीं साल तक लंबित रख दिया जाता है।

 

वही मनमाफिक चढ़ावा देने वालों का काम छोटा हो या बड़ा 1 दिन में भी संभव हो जाता है। ऐसे तथाकथित मुंसीयों को सरेआम राजस्व कचहरी में कार्य निपटाने में व्यस्त देखा जा सकता है। जबकि अंचलाधिकारी तक से मिलकर ऐसे मुंसीयों के कारनामे जगजाहिर हो रहे हैं।ऐसे में रैयत शिकायत लेकर जाएं भी तो कहां अंचलाधिकारी के संज्ञान में शिकायतें भी होती रहती है। उदाहरण बहुत है लेकिन नाम सामने आने पर उनकी परेशानी बढ़ सकती है। सो इसका जीता जागता उदाहरण राजस्व कचहरी से लेकर अंचल कार्यालय तक की गतिविधि से मिल सकता है।भ्रष्टाचार की प्रकाष्ठा पार कर रहे इन कार्यालयों के बिचौलियों की तूती के आगे बेबस रैयत घुटने टेकने को मजबूर है।जानकारों की मानें तो जिस निर्भीकता से अंचल व राजस्व कचहरी में अवैध वसूली को अमली जामा पहनाया जा रहा है।

 

बावजूद इसके उक्त गतिविधि पर लगाम कसने में किसी प्रकार की पहल नहीं होना कई सवालों को जन्म दे रहा है। सरकार के लाख दावों के बावजूद भ्रष्टाचार का बोलबाला जारी है।जिससे हैरानी होती है कि भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारी एवं प्राइवेट मुंशी कितनी बेरहमी से जनता का धन लूट कर अपनी तिजोरीयों में भर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि यहां कर्मचारी के निजी मुंशी द्वारा शाम 6:00 बजे तक बिना किसी सरकारी कर्मी की उपस्थिति में सरकारी दस्तावेजों से छेड़छाड़ किया जाता है। राजस्व का अधिकांश सरकारी पंजी का प्राइवेट लोगों के हाथ में है। सरकारी कर्मी या अधिकारी मुश्किल से कभी इस पर नजर डालते हैं।

नतीजा प्राइवेट मुंशी की मनमानी इन कार्यों पर खूब चलती है। जबकि इसके लिए उन्हें सरकार से एक रुपया भी नहीं मिलना है। यहां राजस्व का अधिकांश काम निजी लोगों के माध्यम से हो रहा है। ऐसे में काम कितना सही और कितना गलत के साथ कितनी अवैध राशि का खेल होता होगा इसका केवल अंदाजा ही लगाया जा सकता है। एक हल्का कर्मचारी अपने कार्यालय में दो से तीन प्राइवेट मुंशी की बहाली किए हुए हैं। वह मुंशी काम कम तो उसे पैसा वसूली की बचोलिया गिरी ज्यादा करते हैं।

 

 

Share This Article