जमुई: राजस्व कर्मचारी के घूस मांगने के कारण महिला परेशान,अंचल कार्यालय में सीओ को अपना दुखड़ा सुनाते रो पड़ी महिला।
बिहार न्यूज़ लाईव / मृगांक शेखर सिंह/जमुई: सर हमरा से कर्मचारी साहब अठारह हजार रुपया घुस मांगता है।मैं कई दिनों से इस चिलचिलाती धूप में राजस्व कचहरी की चक्कर लगा रही हूँ। उक्त कथन इस्लाम नगर अलीगंज अंचल क्षेत्र अंतर्गत सबसिनियाबीघा ग्राम की रहने वाली 50 वर्षीय वृद्ध महिला आशो देवी की है।
जहाँ महिला रसीद कटाने में राजस्व कर्मचारी द्वारा रिश्वत मांगे जाने पर सीओ से अपना दुखड़ा सुनाते सुनाते रो पड़ी।संबंधित मामले को लेकर वृद्ध महिला ने अंचलाधिकारी को एक लिखित शिकायत किया है। महिला ने दिया आवेदन में बताया है कि मैं राजस्व कर्मचारी धनराज सिंह के पास कचहरी में अपनी जमीन का रसीद कटाने गई थी। धनराज सिंह कर्मचारी ने बोला कि आपको ₹18000 देना होगा तभी आपके जमीन का रसीद कटेगा।
महिला ने बताया कि वर्ष 181-9 तक मेरे जमीन का रसीद कटा हुआ है। बावजूद इसके पुरसंडा पंचायत के कर्मचारी धनराज सिंह मुझसे ₹18000 की मांग कर रहा है। सूत्र बताते हैं कि इस तरह के कई मामले पूर्व में भी कई रयतो के साथ किया गया है। जानकार बताते हैं राजस्व कर्मचारी की मनमानी रवैया के कारण किसानों को अंचल कार्यालय व राजस्व कचहरी का चक्कर लगाने को मजबूर हैं।इस पूरे वाक्या को सुनने के बाद अंचलाधिकारी अरविंद कुमार ने राजस्व कर्मचारी धनराज सिंह से स्पष्टीकरण की मांग किया है। विभिन्न क्षेत्रों के किसानों को ग्रामीणों ने नाम नहीं प्रकाशित करने के शर्त पर जानकारी दी कि राजस्व कर्मचारी की धांधली व मनमानी से हम लोग काफी परेशान हैं।
जमीन संबंधित काम करवाने के लिए अंचल और राजस्व कचहरी कभी भी शायद ही बिना रुपए खर्च किए किसी का काम होता है। यदि गौर करें तो राजस्व कचहरी से लेकर अंचल कार्यालय तक भ्रष्टाचार में लिप्त है। यहां काम के हिसाब से सुविधा शुल्क तय है। इसे ना देने पर जरूरतमंदों को कचहरी व अंचल कार्यालय के महीनों चक्कर काटने पड़ते हैं। केंद्र व राज्य सरकार भ्रष्टाचार को समाप्त करने को भले ही भ्रष्टाचारियों के खिलाफ मिशन मोड में कार्रवाई जारी रहने की बात कह रही है लेकिन जमुई जिले की इस्लामनगर अलीगंज अंचल कार्यालय व कचहरी में तैनात कर्मचारी को इस कार्रवाई का खौफ नहीं दिख रहा। यही कारण है कि बिना सुबिधा शुल्क दिए लोगों के काम पूरे नहीं होते। इसका ताजा उदाहरण इस्लामनगर अलीगंज कार्यालय कचहरी से जुड़ा है।
जहां अंचल क्षेत्र अंतर्गत पुरसंडा पंचायत के सबसिनिया बीघा गांव के स्व गारो यादव की 50 वर्षीय पत्नी आशो देवी से रसीद काटने के नाम पर ₹18000 की मांग करने वाले पुरसंडा पंचायत के राजस्व कर्मचारी धनराज सिंह से जुड़ा है।
महिला ने इस मामले की लिखित शिकायत आवेदन देकर अंचलाधिकारी अरविंद कुमार से किया है।अंचल अधिकारी को दिए गए आवेदन में महिला ने बताया है कि मैं अपने जमीन का रसीद कटाने कर्मचारी धनराज सिंह के पास गई थी। बार बार चक्कर लगाने के बावजूद भी करमचारी धनराज सिंह ने मुझसे रसीद काटने के नाम पर ₹18000 मांग किया है। जबकि मेरे जमीन का लगन वर्ष 2018-2019 दिया हुआ है।
अंचल कार्यालय से लेकर राजस्व कचहरी तक बिचौलियों का साम्राज्य-
जमुई जिले के इस्लामनगर अंचल कार्यालय से लेकर राजस्व कचहरी तक बिचौलियों का समराज व्याप्त है। बात किसी से छुपी नहीं है लेकिन फिर भी सब मौन है।और बिचौलियों के चंगुल से आम लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। ऊपर से हालत यह है कि लोग खुलकर शिकायत करने की स्थिति में भी नहीं होतेl क्या पता शिकायतकर्ता के खाते से लेकर खसरा तक बिगड़ जाए। हालत यह है कि बेखौफ राजस्व कर्मियों को बिचौलियों रखने की खुली छूट मिली हुई है। इतना ही नहीं अंचल कार्यालय के कर्मी भी अपने लिए कथित सहयोगियों की सहायता लेने में मस्त रहते हैं। जो खुले रूप से अपने आकाओं के लिए अवैध वसूली करने में व्यस्त दिखते हैंl मामला भूमि से जुड़े होने के कारण रैयतों को अभी तक जमीदारी प्रथा से मुक्ति नहीं मिल पाई है फर्क इतना है कि अब के जमींदार को सरकारी होने का लेवल लग चुका है। आरटीपीएस को मुखौटा बना संबंधी लोग धड़ल्ले से शोषण पर उतारू है और सब कुछ जान कर भी विभाग मौन है। हालत यह है कि प्रत्येक राजस्व कर्मी के पीछे कई बिचोलिया नियुक्त हैं। जिन्हें राजस्व कचहरी में मुंशी का नाम दिया गया।नतीजा है कि आरटीपीएस और समयावधि का इसके लिए कोई मायने नहीं रखता।
लगान रसीद से लेकर भू स्वामित्व प्रमाण पत्र दाखिल खारिज तक में बिना चढ़ावा के कार्य संभव नहीं है। हक व अधिकार तथा नियमों का हवाला देने वालों रैयतों का कार्य महीने ही नहीं साल तक लंबित रख दिया जाता है। वही मनमाफिक चढ़ावा देने वालों का काम छोटा हो या बड़ा 1 दिन में भी संभव हो जाता है। ऐसे तथाकथित मुंसीयों को सरेआम राजस्व कचहरी में कार्य निपटाने में व्यस्त देखा जा सकता है। जबकि अंचलाधिकारी तक से मिलकर ऐसे मुंसीयों के कारनामे जगजाहिर हो रहे हैं।ऐसे में रैयत शिकायत लेकर जाएं भी तो कहां अंचलाधिकारी के संज्ञान में शिकायतें भी होती रहती है। उदाहरण बहुत है लेकिन नाम सामने आने पर उनकी परेशानी बढ़ सकती है। सो इसका जीता जागता उदाहरण राजस्व कचहरी से लेकर अंचल कार्यालय तक की गतिविधि से मिल सकता है।भ्रष्टाचार की प्रकाष्ठा पार कर रहे इन कार्यालयों के बिचौलियों की तूती के आगे बेबस रैयत घुटने टेकने को मजबूर है।जानकारों की मानें तो जिस निर्भीकता से अंचल व राजस्व कचहरी में अवैध वसूली को अमली जामा पहनाया जा रहा है।
बावजूद इसके उक्त गतिविधि पर लगाम कसने में किसी प्रकार की पहल नहीं होना कई सवालों को जन्म दे रहा है। सरकार के लाख दावों के बावजूद भ्रष्टाचार का बोलबाला जारी है।जिससे हैरानी होती है कि भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारी कितनी बेरहमी से जनता का धन लूट कर अपनी तिजोरीयों में भर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि यहां कर्मचारी के निजी मुंशी द्वारा शाम 6:00 बजे तक बिना किसी सरकारी कर्मी की उपस्थिति में सरकारी दस्तावेजों से छेड़छाड़ किया जाता है। राजस्व का अधिकांश सरकारी पंजी का प्राइवेट लोगों के हाथ में है। सरकारी कर्मी या अधिकारी मुश्किल से कभी इस पर नजर डालते हैं। नतीजा प्राइवेट मुंशी की मनमानी इन कार्यों पर खूब चलती है। जबकि इसके लिए उन्हें सरकार से ₹1 भी नहीं मिलना है। यहां राजस्व का अधिकांश काम निजी लोगों के माध्यम से हो रहा है ऐसे में काम कितना सही और कितना गलत के साथ कितनी अवैध राशि का खेल होता होगा इसका केवल अंदाजा ही लगाया जा सकता है। एक हल्का कर्मचारी अपने कार्यालय में दो से तीन प्राइवेट मुंशी की बहाली किए हुए हैं वह मुंशी काम कम तो उसे पैसा वसूली की बचोलिया गिरी ज्यादा करते हैं।
संबंधित मामले में इस्लामनगर अलीगंज के अंचलाअधिकारी ने बताया कि
मामले की जानकारी मिली है। महिला ने राजस्व कर्मचारी धनराज सिंह के खिलाफ आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है।
मैं भी इस कर्मचारी के रवैये से तंग आ चुका हूं।राजस्व कर्मचारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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