रंजीत कुमार/ मधेपुरा
मधेपुरा के बीएन मंडल यूनिवर्सिटी के मेन गेट पर सोमवार को संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने कुलपति प्रो.विमलेंदु शेखर झा का पुतला दहन किया। इस दौरान लगातार हो रहे आंदोलन को देखते हुए यूनिवर्सिटी कैंपस को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। विभिन्न छात्र संगठनों के करीब दो दर्जन छात्र नारेबाजी करते हुए विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे। जहां पहले से तैनात मजिस्ट्रेट और पुलिस बलों ने छात्र नेताओं को परिसर में जाने से रोक दिया। लगभग आधे घंटे तक पुलिस बल के साथ छात्र नेताओं की नोकझोंक हुई।
बाद में छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय के मेन गेट के आगे कुलपति का पुतला दहन किया। इस दौरान एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि बीएनएमयू प्रशासन की तानाशाही चरम पर है। कुलपति विश्वविद्यालय को पुलिस के लाठी के सहारे चलाने का प्रयास कर रहे हैं। लाठी के दम पर छात्रों के लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों को कुचला जा रहा है। छात्र हित में सवाल करने पर विश्वविद्यालय प्रशासन जवाब में मुकदमा और जेल भेजने की धमकी देते है। उन्होंने कहा कि बीएनएमयू प्रशासन के धमकियों, मुकदमा और जेल से हम डरने वाले नहीं हैं।
वहीं छात्र राजद के जिलाध्यक्ष निखिल यादव ने कहा कि महिला उत्पीड़न के आरोपी परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ लगातार आंदोलन चल रहा है। बीएनएमयू प्रशासन जवाब देने के बजाय आवाज उठाने वाले छात्रों पर कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने कहा कि छात्राओं की सुरक्षा और सम्मान के साथ खिलवाड़ कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन अगर अविलंब अपनी कार्यशैली में बदलाव नहीं लाता है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय की होगी।
विवि प्रशासन छात्रों के हक-अधिकार और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करना बंद करें। एआईएसएफ जिला सचिव शुभम स्टालिन ने कहा कि बीएनएमयू में अराजकता का माहौल है। छात्र अपनी समस्याओं को लेकर दर-दर भटक रहे हैं। उन्होंने कहा कि रिजल्ट पेंडिंग, माइग्रेशन, मूल प्रमाण पत्र विभाग की लचर व्यवस्था से छात्र त्रस्त है।
आवेदन करने के एक साल बाद भी छात्रों को मूल प्रमाण पत्र नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं है।