बिहार न्यूज़ लाइव /सीमांचल में ओवैसी की बढ़ती ताकत से महागठबंधन की नींद उड़ी हुई है. गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में ओवैसी की पार्टी ने राजद को जोर का झटका दिया था….ऐसे में लोकसभा चुनावों को देखते हुए महागठबंधन ने अपनी नजरें सीमांचल पर गड़ा दी है. इसी कड़ी में अब 25 फरवरी को पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में महागठबंधन की विशाल रैली होने वाली है. वहीं महागठबंधन के बड़े नेता इस रैली की तैयारी में दिन-रात जुटे हुए हैं. स्थिति यह है कि बड़े नेता खुद जाकर लोगों को रैली में शामिल होने का निमंत्रण दे रहे हैं.
दरअसल नेताओं को यह पता है कि यह सिर्फ एक रैली नहीं है, बल्कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह महागठबंधन के लिए एक तरह से अपनी ताकत दिखाने का बड़ा मौका है. यह रैली महागठबंधन की एकता और शक्ति प्रदर्शन के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. हालांकि महागठबंधन ने 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है. ऐसे में बीजेपी को टक्कर देने के लिए महागठबंधन की एकता बेहद जरूरी है…. लेकिन, फिलहाल महागठबंधन में ऐसी परिस्थितियां दिख रही है, जो सभी को परेशान कर रही है जिसे सुलझाना महागठबंधन के लिए बेहद जरूरी है. वैसे भी सीमांचल में महागठबंधन के लिए भाजपा के साथ साथ ओवैसी भी कड़ी चुनौती के समान हैं. ऐसे में इनसे टकराने के लिए महागठबंधन को खुद को मजबूत करने की आवश्यकता है. हालांकि अभी स्थिति यह है कि उपेंद्र कुशवाहा जदयू का त्याग कर चुके हैं….तो दूसरी ओर मांझी भी अपने बेटे की मुख्यमंत्री वनाने के लिए मेहनत कर रहे हैं. वहीं इस रैली को सफल बनाने के लिए कई जगहों पर बैनर-पोस्टर तो लगाये जा चुके हैं…पर पोस्टरों को देख कर भी ऐसा लग रहा है कि महागठबंधन में ऑल इज वेल नहीं है.
दरअसल कांग्रेस द्वारा लगाये गये बैनर पोस्टर में राहुल गांधी दिख रहे हैं…लेकिन महागठबंधन के अन्य दलों द्वारा लगाये गये होर्डिंग में सहयोगी दल कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को जगह नहीं दी गयी है. यूं कहे की महागठबंधन की रैली वाले बैनर पोस्टर से राहुल गांधी का फोटो गायब कर दिया गया है…. हालांकि सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन को जगह दी गयी है. बता दें कि जनता दल यूनाईटेड और राष्ट्रीय जनता दल पीएम कैंडिडेंट के तौर पर नीतीश कुमार को प्रोजेक्ट कर रही है…. जबकि कांग्रेस राहुल गांधी को पीएम पद का उम्मीदवार मानती है. यानी कि सीमांचल में ओवैसी के प्रभाव को कम करने के लिए 25 फरवरी को महारैली करने वाली है…… लेकिन इससे पहले महागठबंधन को खुद में आये दरार पर ध्यान देने की आवश्यकता है…. तभी महागठबंधन के यह महारैली सफल होगा.
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