सारण: राष्ट्र की रक्षा के लिए हर सुख का त्याग करने वाले महाराणा प्रताप जिनका नाम सुन कर आज भी भुजाएं खुद से ही फड़क उठती हैं :-डॉ चंदेल
बिहार न्यूज़ लाईव सारण डेस्क: आज दिनांक 19 जनवरी 2024 को वीरता, शौर्य, स्वाभिमान और पराक्रम की पराकाष्ठा, मातृभूमि एवं धर्म की रक्षा हेतु अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 427वीं पुण्यतिथि पर कार्यक्रम छपरा में रखा गया। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शिक्षक निर्वाचन के पूर्व प्रत्याशी डॉ धर्मेंद्र सिंह, सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी समेरेंद्र बहादुर सिंह, भारतीय शिक्षण मंडल के उत्तर बिहार प्रांत पदाधिकारी डॉ विश्वजीत सिंह चंदेल ने सम्भोधित किया।
मातृभूमि के महान रक्षक, अदम्य साहस और स्वामिभान के प्रतीक, महाराणा प्रताप जी की पुण्यतिथि पर डॉ विश्वजीत सिंह चंदेल ने कहा की राष्ट्र की रक्षा के लिए हर सुख का त्याग करने वाले उस अमर बलिदानी का जिनका नाम सुन कर आज भी भुजाएं खुद से ही फड़क उठती हैं। मातृभूमि की रक्षा में अपना सर्वस्व अर्पित करने वाले मां भारती के पराक्रमी सपूत, शौर्य व स्वाभिमान के अमर प्रतीक वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप मातृभूमि के प्रति त्याग और समर्पण सदैव वंदनीय और पूजनीय रहेगा।
शिक्षक निर्वाचन के पूर्व प्रत्याशी डॉ धर्मेंद्र सिंह ने कहा की कि महाराणा प्रताप एक जाति विशेष के नहीं, बल्कि देश के लिए अपनी आन बान और शान की लड़ाई जीवनभर लड़ते रहे। उन्होंने हल्दीघाटी के युद्ध में मुगलों के दांत खट्टे कर दिए जबकि उस समय कई ऐसे शक्तिशाली राजाओं ने मुगलों के शासन को स्वीकार कर लिया था, लेकिन महाराणा प्रताप मात्र बीस हजार सेना के साथ ही अस्सी हजार मुगलों को भगा दिया। महाराणा प्रताप व उनके परिवार ने जंगलों में घास की रोटी को खाना पसंद किया, लेकिन मुगलों के शासन को स्वीकार नहीं किया।
सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी समेरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा की महाराणा प्रताप को वीरता, शिष्टता और दृढ़ता की एक मिशाल माना जाता है। वह मुगलों के खिलाफ युद्ध लड़ने वाले अकेले योद्धा थे। उन्होंने स्वयं के लाभ के लिए भी कभी किसी के आगे हार नहीं मानी थी। वह अपने लोगों से बहुत प्यार करते थे और उनके साथ आजादी की लड़ाई में भी शामिल हुए थे।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ अभिषेक अरुणाभ, कल्पना, वीणा मिश्रा, छात्र नेता कुणाल सिंह, प्रशांत बजरंगी,मनीष पाण्डेय मिंटू, आशीष यादव उर्फ गुलशन यादव, विवेक कुमार विजय, अमरेश सिंह राजपूत, दिनेश सिंह, राम जी महतो, विकाश सिंह सेंगर, शिवम कुमार आदि मौजूद थे।
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